ग्वालियर का JAH बनेगा प्रदेश का पहला ई-हॉस्पिटल, पर्चा बनवाने से लेकर हर जांच मोबाइल पर होगी दर्ज, मरीजों को स्मार्ट कार्ड

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Vijay Choudhary
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ग्वालियर का JAH बनेगा प्रदेश का पहला ई-हॉस्पिटल, पर्चा बनवाने से लेकर हर जांच मोबाइल पर होगी दर्ज, मरीजों को स्मार्ट कार्ड

देव श्रीमाली,GWALIOR.  मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर का जयारोग्य अस्पताल (JAH) अब पूरी तरह से ई-हॉस्पिटल बनने जा रहा है। मरीजों को बेहतर और त्वरित स्वास्थ्य सेवाएं देने के उद्देश्य से गजरा राजा मेडिकल कॉलेज HMIS (हॉस्पिटल मैनेजमेंट इनफार्मेशन सिस्टम) सॉफ्टवेयर से अपने को जोड़ने का काम कर रहा है उम्मीद है आगामी दो महीने के भीतर यह सिस्टम अपडेट हो जाएगा और सब कुछ ठीक रहा तो सरकारी क्षेत्र में सेवाएं देने वाला पहला प्रदेश का ई-हॉस्पिटल बन जाएगा।



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विभाग जोड़े गए, मरीजों के लिए सॉफ्टवेयर पर हो रहा है काम



मध्य प्रदेश के ग्वालियर ग्वालियर चंबल संभाग का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल जयारोग्य अस्पताल (JAH) जो उत्तर प्रदेश और राजस्थान के कई जिलों के लोगों को भी स्वास्थ्य सेवाएं देता आ रहा है अब जल्द ही ई हॉस्पिटल बनने जा रहा है। NMC (राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग) की गाइडलाइन और मध्यप्रदेश सरकार से आए पत्र के बाद (GRMC) गजरा राजा मेडिकल कॉलेज (HMIS) हॉस्पिटल मैनेजमेंट इनफार्मेशन सिस्टम सॉफ्टवेयर पर काम कर रहा है। साथ ही अब (GRMC) के पास 1 हजार बिस्तर का नया अस्पताल भी है जो  मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य के क्षेत्र में अपनी सेवाएं देगा। गजराराजा मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ अक्षय निगम का कहना है कि हमने गाइडलाइन के तहत सभी डॉक्टर और विभागों को जोड़ने का काम पूरा कर लिया है अब मरीजों को जोड़ने का सॉफ्टवेयर भी बनवा रहे हैं। इसमें कुछ काम हो भी गया लेकिन एम्स के सॉफ्टवेयर हैक होने के कारण इसे रोकना पड़ा जो जल्द ही फिर हो शुरू हो जाएगा। सिक्योरिटी सिस्टम मजबूत करने के लिए हमने रोका है।



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ये सुविधाएं मिल जाएंगी पेशेंट और अटेंडर को



शहर के जयारोग्य अस्पताल में रोजाना करीब 4 से 5 हजार लोग इलाज के लिए पहुंचते हैं। जिनमें से कुछ मरीजों का अल्ट्रासाउंड, एक्स-रे, ब्लड टेस्ट समेत कई तरह की जांच होती है लेकिन जांच के बाद मरीज के अंटेडर को पैथालॉजी लैब के चक्कर काटने पड़ते हैं। इसके चलते समय बर्बाद और परेशानी भी होती है। लेकिन अब मरीजों की मेड़िकल जांच सीधे संबंधित डॉक्टरों तक पहुंचेगी तो मरीज, अटेंडर और डॉक्टरों को भी राहत मिलेगी वहीं मरीज घर बैठे ही ऑनलाइन पंजीयन कराकर डॉक्टर से अपॉइंटमेंट ले सकेंगे। जेएएच के अधीक्षक डॉ. आरकेएस धाकड़ का कहना है कि इससे मरीजों का समय बहुत बचेगा और त्वरित इलाज मिल सकेगा। अभी भर्ती के लिए लंबी कतार में खड़ा होना पड़ता है। इसके बाद पेशेंट और अटेंडर को मोटी- मोटी फाइलें लेकर जगह-जगह लाइन में लगने का झंझट से मुक्ति मिल जाएगी। हर रिपोर्ट से लेकर प्रिस्क्रिप्शन तक रजिस्टर्ड नंबर पर अंकित होगी।



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हर मरीज को स्मार्ट कार्ड देने की भी तैयारी



डॉक्टर धाकड़ का कहना है कि जैसे ही 1-2 माह में हमारा ई-अस्पताल प्रोजेक्ट पूरे परफेक्शन से काम करने लगेगा वैसे ही हमारीं योजना हर मरीज को एक स्मार्ट कार्ड देने की है जिसमें उसकी पूरी स्वास्थ्य हिस्ट्री के साथ उनके स्वास्थ्य से जुड़ा हर पक्ष, हर जांच की रिपोर्ट इसमें शामिल और अपडेट होने की व्यवस्था होगी ताकि अचानक बीमार पड़ने पर डॉक्टर उसे देखकर तत्काल मरीज को इलाज दे सकेगा और इसके रिजल्ट भी और बेहतर मिलने लगेंगे।



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प्रदेश में पहला ई अस्पताल होगा 



बहरहाल ग्वालियर-चंबल संभाग का सबसे बड़ा अस्पताल जो मरीजों को स्वास्थ्य के क्षेत्र में अपनी सेवाएं देता है। ये अब ई-हॉस्पिटल बनने के बेहद नजदीक है। साथ ही 1 हजार बिस्तर की नई बिल्डिंग भी तैयार हो गई है। ऐसे में कहा जा रहा है कि ग्वालियर का जयारोग्य अस्पताल प्रदेश का पहला ऐसा अस्पताल होगा जो सरकारी क्षेत्र में ई-हॉस्पिटल की सेवाएं देगा।



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