देव श्रीमाली, GWALIOR. ग्वालियर नगर निगम परिषद की बैठक बुलाई तो अपने बजट पर चर्चा के लिए थी, लेकिन वहां हंगामा और गाली-गलौज तक होने लगी। इसके बाद एक तरफ से पप्पू-पप्पू तो दूसरी तरफ से मोदी-अडानी भाई-भाई के नारे गूंजने लगे। हंगामे के चलते परिषद की कार्यवाही पूरी नहीं हो सकी। इसलिए कल बुधवार को फिर परिषद की बैठक होगी और बजट पास होगा।
परिषद में बीजेपी का बहुमत, मेयर कांग्रेस की
ग्वालियर नगर निगम में 57 साल में पहली बार चुनी गई कांग्रेस की महापौर डॉ. शोभा सिकरवार ने 2128 करोड़ रुपए का बजट पेश किया है। मंगलवार को बजट में संशोधन के लिए परिषद की बैठक बुलाई गई थी। मेयर भले ही कांग्रेस की हो, लेकिन परिषद में बहुमत अभी भी बीजेपी के पास ही है।
कुल 47 संशोधन पेश हुए
मेयर द्वारा पेश किए गए बजट पर एक कांग्रेस पार्षद सहित बीजेपी पार्षदों ने 47 संशोधन लगाए हैं। जैसे ही परिषद की बैठक शुरू हुई बीजेपी पार्षदों ने हंगामा शुरू कर दिया। वे मेयर की मौलिक निधि बढ़ाने का विरोध कर रहे थे। जबाव में कांग्रेस ने भी हंगामा कर दिया। हालांकि कांग्रेस पार्षदों के हंगामे के बाद महापौर की मौलिक निधि 5 से बढ़ाकर 6 करोड़ कर दी गई और पार्षदों की निधि 45 से बढ़ाकर 65 लाख करने को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही वार्ड समिति की निधि भी 15 से बढ़ाकर 20 रुपए का प्रस्ताव पास कर दिया गया।
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काम नहीं होने को लेकर जबरदस्त टकराव
परिषद की बैठक में मुंहबाद तब शुरू हुआ जब बीजेपी पार्षदों के तीखे सवालों पर परिषद बैठक में कांग्रेसी पार्षद भड़क उठे। बीजेपी पार्षदों के वार्ड में काम ना होने के आरोप लगाए तो कांग्रेसी पार्षदों ने कहा कि वार्डों में काम इसलिए नहीं हो रहे हैं क्योंकि स्थानीय विधायक और मंत्रियों ने निगम के अधिकारी कर्मचारियों को कैप्चर कर रखा है। इसके बाद हंगामा और बढ़ गया। थोड़ी ही देर में हालात ये बन गए कि विपक्ष पप्पू-पप्पू चिल्लाता रहा और कांग्रेस के पार्षद अडानी-मोदी भाई-भाई के नारे लगाते रहे। हंगामे को देखकर सभापति ने 29 मार्च तक के लिए परिषद स्थगित कर दी।