जितेंद्र सिंह, GWALIOR. आज कल जिला प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों का रवैया बता रहा है कि चुनाव आने वाले हैं। तभी तो जनता को चुनाव से पहले सुशासन का अहसान करवाने के लिए कलेक्टर साहब ने अपने मातहत 22 कर्मचारियों पर सीएम हेल्पलाइन के नाम पर गाज गिरा दी है। ऐसा पहली बार नहीं हो रहा। कई कलेक्टर आए और चले गए। सीएम हेल्पलाइन के प्रति उदासीनता बरतने पर कइयों के खिलाफ कार्रवाई भी हुई, लेकिन सीएम हेल्पलाइन के निराकरण की स्थिति में कोई सुधार नहीं आया।
तीन की एक-एक वेतनवृद्धि रोकी
कलेक्टर ग्वालियर अक्षय कुमार सिंह ने गुरुवार (18 मई) को सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों के निराकरण में लापरवाही साबित होने पर नगर निगम के सहायक स्वास्थ्य अधिकारी विक्रम सिंह तोमर, उद्यान अधीक्षक मुकेश बंसल और ऊर्जा विभाग के कनिष्ठ यंत्री सुमित झा की एक-एक वेतन वृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकने के आदेश दिए हैं।
छह के खिलाफ अप्रसन्नता जाहिर की
क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी एचके सिंह, जिला योजना अधिकारी मुकेश चौरसिया, उप संचालक पशुपालन डॉ. केएस बघेल, सहायक श्रमायुक्त श्रीमती संध्या सिंह, बीआरसी राकेश शर्मा व खनिज निरीक्षक राजेश गंगेले के खिलाफ पत्र लिखकर अप्रसन्नता जाहिर की है।
ये खबर भी पढ़िए....
अनुशासनात्मक कार्रवाई को संभागायुक्त को पत्र
सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों के निराकरण के प्रति उदासीन 10 अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए संभागीय आयुक्त दीपक सिंह को कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह ने प्रस्ताव भेजा हैं। इन अधिकारियों में नायब तहसीलदार अनिल नरवरिया, कमल कोली, विजय त्यागी, दिव्य दर्शन शर्मा, मस्तराम गुर्जर और रामप्रसाद बरेलिया, तहसीलदार सुरेश यादव, संयुक्त संचालक सामाजिक न्याय श्रीमती उषा शर्मा, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मनीष शर्मा, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास राहुल पाठक शामिल हैं। इसके अलावा नगर निगम के सिटी प्लानर पवन सिंघल, उपयंत्री के एस यादव और अभिलाषा बघेल के खिलाफ कार्रवाई के लिए कलेक्टर ने नगर निगम आयुक्त को पत्र के जरिए निर्देश दिए हैं।