देव श्रीमाली, GWALIOR. कार्यपालक अध्यक्ष राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली और मप्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के दिशा-निर्देशानुसार साल 2022 की चतुर्थ और अंतिम नेशनल लोक अदालत 12 नवंबर को है। जो जिला न्यायालय समेत सिविल न्यायालय डबरा और भितरवार में प्रधान जिला न्यायाधीश प्रेम नारायण सिंह के मार्गदर्शन में आयोजित की जाएंगी। इस नेशनल लोक अदालत में एक साथ 56 खण्डपीठें सुनवाई करेंगी।
ये मामले निपटेंगे
उक्त नेशनल लोक अदालत में न्यायालय में लंबित आपराधिक प्रकरण, परक्राम्य अधिनियम की धारा 138 के अंतर्गत चेक बाउंस प्रकरण, बैंक रिकवरी संबंधी मामले, एमएसीटी (मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण) के मामले, वैवाहिक प्रकरण, श्रम विवाद, भूमि अधिग्रहण के प्रकरण, बिजली और पानी का बिल संबंधी प्रकरण (चोरी के मामलों को छोड़कर), सेवा मामले जो सेवा निवृत्त संबंधी लाभों से संबंधित है। राजस्व के प्रकरण (जिला न्यायालय और उच्च न्यायालयों में लंबित), दीवानी मामले और बैंक रिकवरी, 138 एनआइएक्ट, जलकर, और विद्युत संबंधी पूर्ववाद (प्रीलिटिगेशन) राजीनामा योग्य प्रकरणों का निराकरण आपसी समझौते के आधार पर करने के लिए 56 खंडपीठों के सामने सुनवाई होगी।
एक साथ होगी सुनवाई
नेशनल लोक अदालत का औपचारिक शुभारंभ विशेष न्यायाधीश प्रमोद कुमार सिंह और सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ग्वालियर गालिब रसूल करेंगे। जिला विधिक सहायता अधिकारी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ग्वालियर दीपक शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि बैंकों के प्रीलिटिगेशन बैंक की शाखाओं में और नगर निगम के प्रीलिटिगेशन प्रकरणों का निराकरण संबधित वार्डों में किया जाएगा। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ग्वालियर ने पक्षकारों से अपील की जाती है कि वे अपने राजीनामा योग्य लंबित और पूर्ववाद (प्रीलिटिगेशन) प्रकरण को उक्त नेशनल लोक अदालत के माध्यम से आपसी समझौते से राजीनामा के आधार पर निराकृत कराकर आयोजित होने वाली नेशनल लोक अदालत के लिए जारी की गई छूट का अधिक से अधिक लाभ प्राप्त करें।