देव श्रीमाली, GWALIOR. पुलिस के लोगों को पीड़ित और प्रताड़ित करने के वीडियो और खबरें तो हमें देखने और सुनने को अक्सर देखने को मिलती है, लेकिन ग्वालियर पुलिस का हृदय छूने वाला मानवीय चेहरा सामने आया है। यहां जन सुनवाई में पहुंची मूकबधिर दिव्यांग महिला को पुलिस वालों ने न केवल सीढ़ियों से ऊपर लेकर गए, बल्कि अपने हाथों से पानी पिलाया और उसे जूते भी पहनाए। यह देखकर वहां मौजूद सबकी निगाहें पुलिस पर टिक गई। वहीं, समाज का एक और चेहरा देखने को मिला, जहां उसी महिला से लोन देने के नाम पर किसी ने पन्द्रह हजार से ज्यादा की ठगी कर ली है। वह उसी की शिकायत करने एसपी ऑफिस पहुंची थी । अधिकारियों ने इस मामले की जांच कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
दिव्यांग को परेशान देख पसीजा पुलिस का दिल
मंगलवार को एसपी ऑफिस में जन सुनवाई थी । यहां एक दिव्यांग महिला अपनी फरियाद लेकर वहां पहुंची । मिथलेश नामक यह महिला गर्मी से परेशान थी और शारीरिक रुप से दिव्यांग। वह न तो बोल पा रही थी और न किसी की बात सुन पा रही थी। उसे परेशान होता देख वहां मौजूद पुलिस के युवा आरक्षकों का दिल पसीज गया। इनमें से एक युवा आरक्षक दौड़कर उस महिला के पास पहुंचा। उससे परेशानी पूछी, लेकिन वहां पहुंचने पर आरक्षक को पता चला कि वह सिर्फ शारीरिक रुप से ही दिव्यांग नहीं, बल्कि मूक बधिर भी है। यह जानकर आरक्षक ने उसे अपने हाथ से पानी, जूते पहनाए और अपने हाथों और कंधों का सहारा देते हुए उठाए जन सुनवाई हॉल तक लेकर गए। इसके बाद उसे नीचे लाकर भी छोड़ा। यह दृश्य देखकर सबकी निगाहें आरक्षक की एक्टिविटीज पर ही टिकी रही।
ठगी की शिकायत करने गई थी दिव्यांग
दिव्यांग महिला अपने साथ हुई ठगी की शिकायत लेकर पहुंची थी। महिला ने शिकायत में लिखा है कि उसका नाम मिथलेश कुशवाह है। वह पूरी तरह से विकलांग है और दो बार सेरेबल पाल्सी के अटैक की शिकार हो चुकी है। इसी दौरान राजकुमार नामक व्यक्ति उसे मिला उसने अपने को बजाज फाइनेंस कंपनी का कर्मचारी बताया और उसे बिजनेस के लिए लोन दिलाने की बात कही। वह उसके झांसे में आ गई। उसने दस लाख रुपए का लोन दिलाने की बात कही और उसने थोड़ा-थोड़ा करके उससे फोन पे पर साढ़े तीन हजार रुपए ऐंठ लिया।
बारह हजार और मांगे तो वह घबरा गई
महिला की शिकायत के अनुसार इसके बाद गुप्ता ने बताया कि मेरे खाते में दस लाख आ गए है जबकि आए ही नहीं थे । जब उससे फिर संपर्क किया तो उसने हेल्थ बीमा जरुरी बताते हुए उसके लिए 12500 रुपए देने को कहा मैंने मोटे ब्याज पर उधार लेकर दे दिए लेकिन जब उसने असमर्थता दिखाई, इसके बाद जीएसटी के लिए 18 हजार मांगे फिर वह समझ गई कि ठगी का शिकार हो गई है। इसके बाद मैंने अनेक बार पुलिस में शिकायत की, लेकिन कोई भी मेरे पैसे वापिस नहीं करवा रहा। कंट्रोल रूम प्रभारी विजय सिंह भदौरिया ने कहा कि दिव्यांग महिला की शिकायत पर जांच शुरु कर दी गई है और जांच के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहाकि महिला के साथ पुलिस कर्मियों ने कंट्रोल रूम में पूरी मदद की।