ग्वालियर के व्यापार मेले पर कोरोना का साया , घाटे की आशंका देख पार्किंग ठेकेदार ने अनुबंध रद्द करने का दिया आवेदन 

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Pratibha Rana
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ग्वालियर के व्यापार मेले पर कोरोना का साया , घाटे की आशंका देख पार्किंग ठेकेदार ने अनुबंध रद्द करने का दिया आवेदन 

देव श्रीमाली,GWALIOR. देश के सबसे बड़े और ख्याति प्राप्त 117 साल पुराने मध्य प्रदेश के ग्वालियर व्यापार मेले पर एक बार फिर से कोरोना का संकट मंडराने लगा है। मेले में व्यवसाय करने वाला व्यापारी डरे और सहमे है। हालात यह है की कोरोना के चलते होने वाले व्यावसायिक नुकसान से बचने के लिए मेला शुरू होने से पहले ही व्यापारी उससे दूरी बनाने लगे है। इसके चलते ग्वालियर व्यापार मेला प्राधिकरण के पास पार्किंग ठेकेदार ने टेंडर खत्म करने की बात कही हैं। आरटीओ टेक्स माफ करने की घोषणा के बाद भी अब तक मेले में ऑटो मोबाइल सेक्टर स्थापित नहीं हुआ है।



पार्किंग ठेकेदार ने की करार रद्द करने की अपील



ग्वालियर व्यापार मेले में पार्किंग का ठेका लेने वाले ठेकेदार अमित शर्मा ने प्राधिकरण को दिए आवेदन पत्र में साफ कहा है कि बीते साल भी कोरोना की दस्तक के चलते व्यापार मेला बीच में ही बंद करना पड़ा था। इस वजह से उसे लाखों रुपए का नुकसान हुआ था,जिसकी जमा राशि आज तक प्राधिकरण से उसे वापस नहीं मिल पाई है। जबकि इस बार भी कोरोना की आशंका को देखते हुए सरकार ने एडवाइजरी जारी कर दी है। वहीं जिला कलेक्टर ने कोविड-19 जारी की है, जिसमें भीड़-भाड़ वाली जगह पर ना जाने और मास्क का उपयोग करने की सलाह दी गई है  और मेले में भीड़ बाल होना लाजमी है ? ऐसे में जब कोई वाहन पार्क करने वाला आएगा ही नहीं तो पार्किंग ठेके से फिर से होने वाले लाखों के नुकसान को अब बर्दाश्त करना सम्भव नहीं है।  



सेवा शर्तों में बदलाव से बढ़ी चिंता



2021 में कोरोना की स्तिथि को देखते हुए इस साल प्राधिकरण ने टेंडर शर्तो में भी बदलाव कर दिया है। इसमें एक बिंदु में यह साफ कहा गया है कि यदि किसी भी हालत में मेले को बीच मे ही बन्द, निरस्त या रोकना पड़ा तो उस स्थिति में पार्किंग ठेके की जमा राशि वापस नहीं की जायेगी,कोई हर्जाना भी नही दिया जाएगा। यही कारण है कि अभी वर्क ऑर्डर नहीं लिया है,लिहाजा टेंडर की राशि वापस करते हुए टेंडर खत्म माना जाए। 



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कोरोना की वजह से ठेकेदार को हुआ 27 लाख का नुकसान



गौरतलब है कि ठेकेदार को कोरोना के चलते बीते साल बीच समय में ही मेला निरस्त किए जाने से 27 लाख का नुकसान हुआ था। साथ ही जमा राशि भी प्राधिकरण ने वापस नहीं की। जबकि इस बार 60 लाख का ठेका हुआ है  और 33 लाख से अधिक की राशि को जमा कराया गया है। यही कारण है कि टेंडर शर्तो में हुए बदलाव और अचानक कोरोना के साये से मेले पर मंडरा रहे खतरे को देखते हुये पार्किंग ठेका निरस्त करने की गुहार लगाई है।



कोरोना की आशंका में दुकानदार भी आशंकित



इस बार मेले को लेकर व्यापारियों में खासा उत्साह था लेकिन सरकार में उदासीनता थी। इसकी घोषणा में काफी बिलंब हुआ। जैसे-तैसे घोषणा भी हुई और सरकार ने मेले की बिक्री बढ़ाने के लिए यहां विकने वाले वाहनों को आरटीओ टैक्स में पचास फीसदी की छूट का ऐलान भी कर दिया लेकिन इस बीच फिर कोरोना की दस्तक और प्रोटोकॉल की चर्चा शुरू हो गई।  पिछली साल कोरोना के कारण लगने के बाद मेला बीच में बंद कर दिया गया था। इससे दुकानदारों को बहुत नुकसान हुआ था और इस बार पहले से ही ऐसे हालात होने से डर के कारण वे दुकान लगाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे है। मेले का उदघाटन 25 दिसंबर को प्रस्तावित था, लेकिन मेले में अभी तक एक भी सेक्टर नही लग सका इसलिए उसका आयोजन टालना पड़ा।


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