देव श्रीमाली, GWALIOR. ग्वालियर का लगभग सवा सौ साल पुराना ऐतिहासिक ग्वालियर व्यापार मेला लगाने की घोषणा हो गई है। इसकी तैयारियां शुरू हो गईं हैं। मेला लगाने का जिम्मा वैसे तो उद्योग विभाग के अधीन चलने वाले मेला विकास प्राधिकरण द्वारा किया जाता है लेकिन क्योंकि इस समय इस प्राधिकरण के चेयरमेन का प्रभार संभागीय आयुक्त के पास है तो इसमें सफाई,पेयजल और पार्क संधारण जैसे कामों का जिम्मा ग्वालियर नगर निगम को देना तय हुआ है। स्वच्छता के नाम पर नगर निगम ने एक अजीबों गरीब ऐलान कर दिया है । इसमे कहा गया है कि मेले में थूकने वालों से जुर्माना वसूला जाएगा । मेले में प्रतिदिन हजारों सैलानी पहुंचते हैं।
निगम ने मांगे 1 करोड़ 16 लाख रुपए
व्यापार मेले में आने वाले सैलानियों को बेहतर सफाई व पेयजल की सुविधा मिले। इसलिए इस बार सफाई और पेयजल सहित पार्को के संधारण का जिम्मा नगर निगम ने लिया है। सफाई व्यवस्था में लगने वाले कर्मचारियों, वाहन,पेयजल के लगाए जाने वाले स्टॉल, पानी के टेंकर, सहित पार्को के संधारण आदि में खर्च होने वाले 1 करोड़ 16 लाख रूपए का प्रस्ताव बनाकर संभागीय आयुक्त दीपक सिंह को भेजा है। संभागीय आयुक्त ने यह प्रस्ताव भोपाल प्रशासन को भेजा है।
निगम आयुक्त किशोर कन्याल ने बताया कि ग्वालियर व्यापार मेले में घूमने के लिए देशभर से लोग आते हैं। एक माह तक चलने वाले इस मेले में अनुमानित 25 से 30 लाख सैलानी आते हैं। इस बार मेले में पेयजल, सफाई आदि की विशेष सुविधा रहे इसके लिए नगर निगम को जिम्मा सौंपा गया है।
पहली बार भीड़ वाले दिनों में लगेंगे पानी के स्टॉल
नगर निगम आयुक्त किशोर कन्याल ने बताया है कि प्रति मंगलवार एवं रविवार को मेले में बहुत भीड़ रहती है। इसके चलते पूरे मेला परिसर में 50 पानी के पेयजल स्टॉल लगाए जाएंगे। जहां लोगों को गिलास में पानी दिया जाएगा। जबकि अन्य दिनों में 20 पेयजल स्टॉल लगातार सक्रिय रहेंगे। मेले में नगर निगम करीब एक माह पहले से सफाई व्यवस्था संभालेगा जो कि पूरे मेला समाप्त होने के 15 दिनों तक जारी रहेगी।
खुले में थूका या गंदगी फैलाई तो लगेगा जुर्माना
कान्याल ने बताया कि मेले में गंदगी करने वालों को रोकने के लिए अलग से अमला लगाया जाएगा। सैलानी अगर खुले में थूकते हुए पाए गए और गंदगी फैलाते हुए पाए गए तो उन पर जुर्माना लगाया जाएगा।
दुकानों सहित जगह-जगह लगेंगे डस्टबिन
मेले में प्रत्येक दुकानदार को गीला एवं सूखा कचरे के डस्टबिन लगाने होंगे। इसके साथ ही मेले में सड़कों पर भी डस्टबिन रखवाए जाएंगे।