देव श्रीमाली, GWALIOR. कुछ महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले यादव समाज संगठन और ओबीसी महासभा ने एक नई मांग उठाई है। यह मांग भारतीय सेना में अहीर रेजिमेंट का गठन किए जाने को लेकर है। हालांकि यह मांग सीधे-सीधे कोई राजनीतिक मांग नहीं हैं, लेकिन इस मांग के पीछे पूरी तरह राजनीति भी छुपी हुई है। विधानसभा और लोकसभा चुनाव से पहले यादव समाज ने भारतीय सेना में अहीर रेजिमेंट के गठन की मांग को लेकर एक नया शिगूफा जरूर छोड़ा है। उन्होंने मांग पूरी नहीं होने पर आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनावों में सबक सिखाने की चेतावनी भी दी है।
वाहन रैली रवाना
ओबीसी महासभा,पिछड़ा वर्ग और प्रदेश की राजनीति में अपना महती भूमिका निभाने वाले ग्वालियर चंबल संभाग से सेना में अहीर रेजिमेंट का गठन किए जाने की मांग उठी है। इस मांग को लेकर संगठन ने आज 19 फरवरी से एक वाहन रैली जत्था रवाना किया, जो भिंड दतिया और अन्य जिलों में होते हुए 26 फरवरी को भोपाल पहुंचेगी। वहां राज्यपाल को मांग का लेकर एक ज्ञापन सौंपा जाएगा।
अनेक जगह कर चुके हैं प्रदर्शन
इससे पहले ग्वालियर कलेक्ट्रेट से लेकर दिल्ली के जंतर-मंतर तक अपनी मांगे मनवाने के लिए प्रदर्शन कर चुके हैं। अहीर रेजिमेंट के गठन के पीछे यादव समाज संगठन के लोगों का तर्क है कि जब अन्य समाजों की भारतीय सेना में रेजिमेंट है तो यादव पिछड़ा वर्ग या कुशवाह,जाटव समाज के नाम पर रेजिमट क्यों नहीं हो सकती है। समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष रूपेश यादव का तो यहां तक कहना है कि इस मांग को अंग्रेजी हुकूमत के समय से उठाया जा रहा है और यादव समाज में चाहे अंग्रेज हो या मुगल शासक सभी से मुकाबला कर समाज के लोगों ने देश की रक्षा के लिए बलिदान दिया है और अभी भी दे रहे हैं। जब उनके समाज का सैनिक शहीद होता है तो उसके कंधे पर उन्हें अहीर रेजिमेंट का पद नाम और चिन्ह आखिर क्यों नहीं हासिल हो सकता है।
ये खबर भी पढ़िए...
ओबीसी महासभा भी समर्थन में उतरा
अहीर रेजिमेंट की मांग और गठन का समर्थन ओबीसी महासभा ने भी किया है। महासभा के राष्ट्रीय कोर कमेटी के सदस्य धर्मेंद्र कुशवाह ने चेतावनी दी है। उनका कहना है कि मांगे पूरी नहीं होने पर आगामी चुनावों में सबक सिखाएंगे। इससे आने वाले समय में इस मांग के समर्थन में सरकार से आर पार की लड़ाई होने के संकेत अभिषेक मिल रहे हैं। ओबीसी महासभा का समर्थन मिलने से इस मांग को और बल मिलने की उम्मीद भी जताई जा रही है।
चंबल- ग्वालियर में असर डालेगा यह ध्रुवीकरण
बहरहाल मिशन 2023 विधानसभा चुनाव से पहले यादव समाज और ओबीसी महासभा ने एक अपनी तरह की नई मांग उठाकर ग्वालियर चंबल संभाग की राजनीति में एक नया शिगूफा छोड़ दिया है। इसको पूरा करने की जिम्मेदारी केंद्र की मोदी सरकार की है क्योंकि मांग करने वाले समाज के लोगों का कहना है कि अहीर रेजिमेंट का गठन नहीं हो सकता,तो सेना में पहले से गठित अलग-अलग समाजों की रेजीमेंट को भी खत्म कर दिया जाए या उनकी मांग को स्वीकार कर लिया जाए।