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देव श्रीमाली, GWALIOR. मध्य प्रदेश के शहर ग्वालियर का अध्यात्म और धर्म से काफी गहरा नाता रहा है। खासकर शिव भक्ति को लेकर यह अंचल प्रागैतिहासिक काल से आराधना का बड़ा केंद्र रहा है। यहां शिवभक्तों की संख्या इतनी अधिक रही कि एक तो नगर का नाम ही शिवपुरी हो गया और ककनमठ तो विश्व प्रसिद्ध है ही । यही वजह है कि यहां भगवान शिव के अनेक प्राचीन ही नही अद्भुत, अद्वितीय और बिरलीं शिवलिंग मौजूद हैं ऐसी ही है हजारेश्वर मंदिर में अवस्थित शिव की अनूठी पिंडी। इसकी खास बात ये है कि संभवतः यह देश का इकलौता मंदिर है जिसमे स्थापित पांच फुट के प्रागैतिहासिक शिवलिंग में 1108 शिवलिंग उकेरे गए हैं। और 55 शिवमुख हैं।
1108 शिवलिंग एक ही पिंडी में
यह ऐतिहासिक और देश का संभवतः इकलौता मंदिर ग्वालियर शहर के गैंडे वाली सड़क इलाके में स्थित राम कुई नामक स्थान पर है। यहाँ एक ही शिवलिंग में विराजमान है 1108 शिवलिंग। इस मंदिर में स्थित साढ़े 5 फीट के शिवलिंग की देते हुए मंदिर के पुजारी मनमोहन भार्गव ने बताया कि यह काफी प्राचीन मंदिर है। और इस मंदिर की सबसे बड़ी विशेषता यहां का शिवलिंग है। इसके ठीक सामने मां पार्वती आराधना करते हुए बैठी हुई हैं। सबसे बड़ी बात यह शिवलिंग अति दुर्लभ है। क्योंकि साढ़े 5 फीट के इस शिवलिंग में 1108 छोटे-छोटे शिवलिंग बने हुए हैं। इसके साथ ही इस शिवलिंग के ऊपर 55 शिव मुख बने हुए हैं, जो कि इस शिवलिंग को अपने आप में एक आकर्षण प्रदान करते हैं। इसके अलावा इस मंदिर में स्थापित शिवलिंग की जलहरि में दो सर्प शिव के साथ है। और जलहरी के नीचे 6 सर्प बने हुए हैं जोकि शिवजी का पहरा देते हुए प्रतीत हो रहे हैं। इसके साथ ही मंदिर में अति प्राचीन राधा कृष्ण मंदिर भी है। जिसकी बनावट आकार काफी पुराना है। और मंदिर के द्वार पर द्वारपाल बने हुए हैं, जो कि इसे विरला बनाते हैं।
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आकार को कारण नाम पड़ गया मोटे महादेव
मंदिर के पुजारी भार्गव ने बताया कि इस शिवलिंग की मोटाई काफी है. और ऊंचाई भी लगभग 5:30 फीट है महादेव के इस विशाल रूप और आकार को देखकर यहां आने वाले भक्तों मोटे महादेव के नाम से पुकारते हैं और यहां पूरे अंचल से लोग पूजा अर्चना करने पहुंचते हैं।
1108 शिवलिंग के अभिषेक का मिलता है खास पुण्य
पुजारी भार्गव की माने तो इस शिवलिंग में 1000 से अधिक छोटे-छोटे शिवलिंग बने हुए हैं। तो ऐसी मान्यता है कि यहां पर पूजा पाठ करने व भगवान का अभिषेक करने से आपको 1000 शिवलिंग के अभिषेक का पुण्य प्राप्त होता है, इसलिए यहां पर शिवरात्रि के दिन लोगों का तांता लग जाता है। लोग अल सुबह से ही लंबी लाइनों में यहां अभिषेक के लिए आ जाते हैं। वह भगवान का श्रृंगार भी करते हैं, इसके साथ ही विशाल फूल बंगले का भी निर्माण किया जाता है। जो मंदिर को एक आकर्षक रूप प्रदान करता है।
विशेष पत्थर से बना है शिवलिंग
हजारेश्वर मंदिर का शिवलिंग एक विशेष पत्थर से बनाया गया है। इस पत्थर की विशेषता यह है कि इसे दूर से देखने पर ऐसा लगता है, मानो शिवलिंग पर तांबे की पर चढ़ी हुई है। जो कि लोगों को खासा आकर्षित करती है। बताया जाता है कि तामिया पत्थर से बनाया शिवलिंग लोगों की मनोकामना को पूर्ण करता है। जो भी भक्त सच्चे मन से यहां पर पूजा-पाठ हुआ आराधना के साथ मनौती मांगते हैं। तो भगवान उनकी अर्जी को सुनते हैं और उन्हें उनकी इच्छा अनुसार फल भी प्रदान करते हैं।