Bhopal. एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड द्वारा मध्यप्रदेश से गिरफ्तार किए गए हिज्ब-उत्- तहरीर नाम के कट्टर इस्लामिक संगठन के सदस्यों की कुंडली धीरे-धीरे सामने आ रही है। पता चला है कि यह संगठन भड़काऊ तकरीरों के जरिए लोगों का ब्रेनवॉश करता था और फिर उन्हें इस्लाम धर्म कबूल करने प्रेरित करता था। ताज्जुब की बात यह है कि मध्यप्रदेश से पकड़े गए 10 सदस्यों में से 5 ऐसे हैं जिन्होंने हिंदू धर्म छोड़कर इस्लाम कबूला था। यही नहीं भोपाल से पकड़े गए 3 सदस्यों ने हिंदू लड़कियों से निकाह किया था और बाद में उनका मजहब बदलवा दिया था। एटीएस ने अब तक संगठन के कुल 16 सदस्य पकड़े हैं जिनमें से आधे यानि की 8 सदस्यों के कन्वर्ट होकर इस्लाम अपनाने की जानकारी एटीएस को मिली है।
- यह भी पढ़ें
सौरभ से बन गया सलीम
एटीएस सूत्रों की मानें तो भोपाल से जिस जिम ट्रेनर यासिन खान को पकड़ा गया उसने एक हिंदू युवती से शादी की थी और बाद में पत्नी का धर्म परिवर्तन कराकर उसे इस्लाम कबूलवाया था। वहीं हैदराबाद से पकड़ा गया मोहम्मद सलीम भोपाल के बैरसिया का रहने वाला था। पूछताछ में जब उसका पिछला रिकॉर्ड खंगाला गया तो उसका असली नाम सौरभ राजवैद्य पाया गया। सौरभ ने साल 2009 में शादी की थी और उसके एक साल बाद इस्लाम कबूल कर लिया था। परिवार वालों ने इस बात का विरोध भी किया था। सौरभ की पत्नी ने भी साल 2012 में इस्लाम कबूल लिया था। बाद में सौरभ मोहम्मद सलीम नाम रखके एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के कॉलेज में बायोटेक्निकल प्रोफेसर बन गया था।
वहीं एक और आरोपी ओडिशा निवासी देवी प्रसाद पांडा को पकड़ा गया जिसमें इस्लाम कबूल कर अपना नाम अब्दुल रहमान रख लिया था। इसके अलावा हैदराबाद के बक्स वेनु कुमार ने भी इसी नक्शेकदम पर चलते हुए मोहम्मद अब्बास का नाम रखकर यह काम शुरू कर दिया था। इन सभी में यह बात कॉमन थी कि ये सभी भड़काऊ तकरीरें देने का काम करते थे। फिलहाल एटीएस की टीम हैदराबाद से अरेस्ट किए गए मोहम्मद सलीम, अब्दुल रहमान, मोहम्मद अब्बास अली, शेख जुनैदा और मोहम्मद हामिद को लेकर हैदराबाद रवाना हो गई। हालांकि अभी आरोपियों के बताए ठिकानों पर दबिश और छापेमारी की कार्रवाई जारी रहेगी।