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Jabalpur. पूरे प्रदेश में शासकीय स्कूलों के मिडिल स्कूलों यानि 6वीं से लेकर 8वीं क्लास की अर्द्धवार्षिक परीक्षाएं एक साथ आयोजित हो रही हैं, लेकिन पेपर लीक होने के चलते ये परीक्षाएं महज मजाक बनकर रह गई हैं। जिस दिन पेपर होना होता है उसके एक दिन पहले ही सोशल मीडिया में उक्त परचा लीक हो जाता है। इतना ही नहीं वायरल हो रहे वीडियो में प्रश्न के साथ-साथ उसके उत्तर भी बच्चों को बताए जा रहे हैं। अभिभावकों के मन में सवाल यही उठ रहा है कि जब परचे ही लीक करवाने थे तो ये अर्द्धवार्षिक परीक्षाएं ली ही क्यों जा रही हैं? दरअसल शुक्रवार को सोशल मीडिया में कक्षा 7 का एक विषय का पर्चा लीक हो गया। जानकारी के मुताबिक इसी तरह हिंदी, सामान्य उर्दू और मराठी के पेपर भी काफी वायरल हुए थे। जिसके चलते 6वीं से लेकर 8वीं तक की अर्द्धवार्षिक परीक्षाएं खाली दिखावा बनकर रह गई हैं।
बता दें कि माध्यमिक अर्द्धवार्षिक परीक्षा पूरे प्रदेश में एक साथ हो रही हैं। जिसके लिए जिला स्तर पर भोपाल से प्रश्न पत्रों की सीडी भेजी गई थी लेकिन प्रिंटिंग का काम स्थानीय स्तर पर हुआ था। ये परीक्षाएं 16 नवंबर तक आयोजित कराई जा रही हैं। इन पर्चों को सोशल मीडिया पर अपलोड कहां से किया गया इसकी जानकारी किसी के पास नहीं है। बड़ी बात यह है कि इस उलटबासी पर जिम्मेदार अपना पल्ला झाड़ रहे हैं। उन्हें इस बात की जानकारी ही नहीं है कि अर्द्धवार्षिक परीक्षा के परचे रोज लीक हो रहे हैं। हालांकि स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षक इस बात से पूरी तरह वाकिफ हैं।
जब इस मामले में अधिकारियों से बात करनी चाही तो डीपीसी पीके चतुर्वेदी ने केवल यही बताया कि प्रश्न पत्र की सीडी भोपाल से आई थी। प्रिंटिंग का काम स्थानीय स्तर पर हुआ है। उन्होंने बताया कि उन्हें प्रश्न पत्र सोशल मीडिया में लीक हो रहे हैं इस बात की कोई जानकारी नहीं है। इधर अभिभावक अर्द्धवार्षिक परीक्षाओं के औचित्य पर सवाल उठा रहे हैं। उनका कहना है कि पेपर लीक हो रहे हैं ऐसे में उन्हें कैसे पता चलेगा कि उनका बच्चा प्रोग्रेस कर रहा है या नहीं।