Damoh. प्रदेश में गेहूं खरीदी का काम शुरू हो गया है, इस दौरान पल्लेदारी करने वाले हम्माल जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं। इसी बीच दमोह में गेहूं से भरे बोरों को उठाते वक्त एक हम्माल ने दम तोड़ दिया। बताया जा रहा है कि गेहूं का करीब 1 क्विंटल वजनी बोरा उठाते वक्त उसके सीने में तेज दर्द हुआ और वह लोडिंग वाहन में ही ढेर हो गया। साथियों ने उसकी हालत देख उसे जिला अस्पताल भिजवाया लेकिन तब तक उसकी सांसें टूट चुकी थीं। साथी की मौत की खबर आते ही मंडी परिसर के पल्लेदारों में मायूसी छा गई।
बता दें पथरिया फाटक निवासी 48 वर्षीय हम्माल सुरेश अहिरवार सुबह 6 बजे एक लोडिंग वाहन से गेंहू के बोरे उतार रहा था उसी समय उसे सीने में दर्द हुआ और वह बेहोश होकर वाहन में ही गिर पड़ा। वहां मौजूद हम्माल उसे जिला अस्पताल लेकर पहुंचे जहां डाक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। सुरेश के परिवार वालों का भी इस खबर को सुनते ही बुरा हाल है। परिजन ने बताया कि सुरेश घर में इकलौता कमाने वाला व्यक्ति था। ऐसे हालात में पूरे परिवार के सामने एक बड़ा संकट आ चुका है।
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हम्माल संघ के अध्यक्ष एवं भाजपा महामंत्री रामेश्वर चौधरी भी अस्पताल पहुंचे और अपने साथी की मौत पर दुख जताया। बता दें सागर नाका स्थित कृषि उपज मंडी में पूरे जिले से किसान अपनी फसल लेकर पहुंचते है और जब फसल अच्छी आती है तब यहां 24 घंटे काम चलता है और हम्माल अनाज के बोरों की लोडिंग अनलोडिंग करते हैं।
काफी कम मिलती है मजदूरी
बता दें कि मंडियों में काम करने वाले पल्लेदारों को काफी कम मेहनताना मिलता है। 1 क्विंटल के करीब वजन वाली एक बोरी उठाने में शासन द्वारा पल्लेदारों को उंगलियों पर गिने जानी वाली राशि देने का प्रावधान है। जिसके कारण हाड़तोड़ मेहनत के बावजूद भी उनका गुजारा मुश्किल से हो पाता है। जब फसल कटाई का समय आता है तो पल्लेदार बिना रुके घंटों तक मेहनत करते रहते हैं।