दो दिन में 50 हजार दर्जन हापुस आम खरीद लिए, 1500 आम वहीं खड़े-खड़े खा गए

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Lalit Upmanyu
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दो दिन में 50 हजार दर्जन हापुस आम खरीद लिए, 1500 आम वहीं खड़े-खड़े खा गए

Indore. खान-पान के शौकीन शहर इंदौर में इन दिनों हापुस आम के चर्चे हैं। यहां आयोजित तीन दिनी मैंगो जत्रा में न केवल भारी भीड़ उमड़ रही है, बल्कि आमों की बिक्री भी खासी हो रही है। दो दिन में यहां 50 हजार दर्जन आम बिक गए। 



जत्रा में आम काटकर खिलाने की भी व्यवस्था है। लोग दो दिन में डेढ़ हजार आम कटवाकर वहीं खा गए। कुल 65 हजार दर्जन हापुस जत्रा में लाए गए थे।  जत्रा रतलाम कोठी क्षेत्र में ग्रामीण हाट बाजार में चल रही है।  यहां रत्नागिरी और देवगढ़ के हापुस का दबदबा है । हालांकि अन्य किस्में भी पहुंची हैं। पहले हापुस आम बड़ी मात्रा में निर्यात होता था लेकिन लॉक डाउन लगने के बाद निर्यात श्रृंखला बाधित हो गई। जत्रा भी दो  साल से बंद थी, इस बार खुली तो निर्यात किए जाने वाले हापुस का बड़ा हिस्सा यहां पहुंच गया। लोगों ने हापुस का दिल खोलकर स्वागत भी किया। जत्रा में आम के अलावा अन्य प्रदेशों के व्यंजन के लिए फूड जोन भी लगाया गया है ताकि वहां के स्वाद से लोग परिचित हो सकें ।



निर्यात से ज्यादा घरेलू मांग



 जत्रा में पहुंचे विक्रेता हर्ष ने बताया कि पहले उत्पादन का करीब आधा हिस्सा कनाडा, अमेरिका, सिंगापुर, दुबई में निर्यात हो जाता था।  निर्यात रुका तो मप्र और गुजरात के अलावा अन्य प्रदेशों में हापुस की संभावनाएं तलाशीं । अब तो दिल्ली, पंजाब, राजस्थान, उत्तरप्रदेश और तमिलनाडु तक से हापुस की मांग आ रही है। निर्यात से ज्यादा घरेलू मांग निकल रही है। आय पर भी बहुत ज्यादा अंतर नहीं पड़ा। जितना खर्च निर्यात पर होता था, उतने भाव कम कर यहीं पर बेच देते हैं। कारोबार में आसानी हो जाती है। 



गुठली वन विभाग को सौंपेंगे




आयोजक सुधीर दांडेकर और राजेश शाह ने बताया कि आम की ये किस्में और फैले इसके लिए तय किया  है कि यहां जो गुठलियां निकल रही हैं उन्हें वन विभाग को सौंप दिया जाए। इसके लिए एक काउंटर बनाया है जो केवल गुठलियां एकत्रित कर रहा है। 16 मई को ये गुठलियां वन विभाग को सौंप दी जाएंगी। 

 


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