INDORE. बहुचर्चित हनीट्रैप मामले में मध्यप्रदेश की हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने पुलिस से कहा है कि वह पता लगाए कि हनीट्रैप मामले की आरोपी आरती दयाल जिंदा है या नहीं। इसकी पुष्टि करा ली जाए। कोर्ट ने SIT को जांच के आदेश दिए हैं। इस पर कोर्ट में उपस्थित उनके वकील ने बताया कि उनकी पक्षकार जीवित है। उसका सुपुर्दनामा आवेदन पेंडिंग है, जिस पर आदेश दिए जाएं। कोर्ट ने कुछ दस्तावेजों की पूर्ति के लिए सुनवाई की तारीख बढ़ा दी।
अधिवक्ता यावर खान ने कोर्ट से ये किया अनुरोध
दरअसल हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में जस्टिस सुबोध अभ्यंकर की कोर्ट में हनीट्रैप मामले की सुनवाई हुई। आरोपी आरती दयाल, श्वेता विजय जैन की तरफ से अधिवक्ता यावर खान उपस्थित हुए। उन्होंने कोर्ट से अनुरोध किया कि आरती दयाल की कार, श्वेता जैन के बैंक खातों को अनफ्रीज करने के आदेश दिए जाएं। बैंक खातों में उनका पैसा जमा है।
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आरती की मकान मालकिन ने कहा- मेरे घर की चाबी दिलवाई जाए
आरती की मकान मालकिन अनामिका ने कोर्ट में याचिका लगाई है। याचिका में अनामिका ने कहा मेरे मकान पर पुलिस ने ताला लगा रखा है, जिसकी चाबी मुझे दिलवाई जाए। इस पर कोर्ट ने पूछा कि उक्त मकान में कौन रह रहा था? वकील ने बताया कि आरती दयाल रह रही थी।
आरती दयाल ने किया था ब्लैकमेल
आरोपी आरती दयाल ने कई बड़े अफसरों को ब्लैकमेल किया था। सरनेम बदलने के साथ ही पति भी बदले थे। किसी पति का सरनेम अहिरवार ?तो किसी का वर्मा बताया था। जबकि उसका असली नाम आरती अहिरवार है। वह लंबे समय तक बॉयफ्रेंड के साथ तक लिव इन में रही। फिर उसकी शादी फरीदाबाद निवासी अनिल वर्मा से हो गई। कुछ समय बाद ही पति ने आरती की गलत हरकतों के कारण उसे छोड़ दिया। इसके बाद वह मप्र के छतरपुर आ गई। यहां उसने छतरपुर न्यायालय और कुटुंब न्यायालय में पति अनिल वर्मा, अनिल के पिता और मां के खिलाफ मार्च 2014 में प्रकरण दर्ज कराया था। बाद में दोनों पक्षों ने समझौता कर लिया, लेकिन आरती ने पति के साथ रहने से मना कर दिया था।
2019 में उजागर हुआ था हनी ट्रैप मामला
हनी ट्रैप मामला 2019 में उजागर हुआ था। राजगढ़ की छात्रा के पिता की शिकायत पर सीआईडी भोपाल ने श्वेता विजय जैन, श्वेता स्वप्निल जैन, आरती दयाल, अभिषेक पर केस दर्ज किया था। इन पर युवती की तस्करी कर उसका शोषण कराने का आरोप था। इनमें श्वेता स्वप्निल दोषमुक्त हो चुकी है।