Jabalpur. मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने साल 2018 में हुई उच्चतर माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा में आरक्षित वर्ग के उन उम्मीदवारों की नई सूची तैयार करने के निर्देश दिए हैं जिन्होंने कट-ऑॅफ से ज्यादा अंक हासिल कर अनारक्षित वर्ग में स्थान बनाया है। जस्टिस एमएस भट्टी की एकलपीठ ने कहा कि उक्त अभ्यर्थियों के अंकों की जांच करने के बाद नई लिस्ट बनाएं और पात्र उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र जारी किए जाएं। अदालत ने जनजाति विभाग के आयुक्त संजीव सिंह को यह निर्देश भी दिए हैं कि वे सभी चयनित उम्मीदवारों की सभी पोजीशन का चार्ट पेश करें।
अदालत ने आरक्षित वर्ग के उन अभ्यर्थियों की सूची भी पेश करने को कहा है कि जिन्होंने अपनी योग्यता से अनारक्षित वर्ग में स्थान बनाया था और उनका चयन निरस्त करने पर आपत्ति पेश की थी। मामले पर अगली सुनवाई 20 जनवरी को नियत की गई है। बालाघाट, सतना, सिवनी, बैतूल, इंदौर, भिंड, सागर, छिंदवाड़ा, राजगढ़, झाबुआ, अशोकनगर और ग्वालियर जिलों के याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता विनायक प्रसाद शाह और रामेश्वर सिंह ठाकुर ने पक्ष रखा। दलील दी गई कि याचिकाकर्ता अनीता लिल्हारे समेत अन्य ने उच्च माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा 2018 उत्तीर्ण की थी। उनका नाम चयन सूची में शामिल कर लिया गया था, लेकिन बाद में सूची निरस्त कर दी गई। दलील दी गई कि चयन सूची में नाम आने के बाद सुनवाई का मौका दिए बिना उसे निरस्त करना संविधान के प्रावधानों का उल्लंघन है।
इससे पूर्व जनजाति विभाग ने कोर्ट में हाजिर होकर चयन सूची निरस्त करने के संबंध में जवाब पेश किया था। उन्होंने बताया कि चयन सूची निरस्त करने का आदेश रोक दिया है। इस पर कोर्ट ने अनावेदकों को मोहलत देते हुए सभी आपत्तियों पर विचार करने के बाद नई सूची तैयार करने के निर्देश दिए।