जबलपुर हाईकोर्ट में ओबीसी आरक्षण पर सुनवाई, कोर्ट ने कहा शीर्षकोर्ट के फैसले तक नहीं दे सकते आदेश, भर्ती पर कोई रोक नहीं

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Rajeev Upadhyay
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जबलपुर हाईकोर्ट में ओबीसी आरक्षण पर सुनवाई, कोर्ट ने कहा शीर्षकोर्ट के फैसले तक नहीं दे सकते आदेश, भर्ती पर कोई रोक नहीं

Jabalpur. मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने ओबीसी को 27 फीसद आरक्षण देने को चुनौती देने के मामले में सुनवाई करते हुए यह साफ किया है कि इस मामले से जुड़ी कुछ याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में लंबित हैं। शीर्षकोर्ट के आदेश आने से पहले हाईकोर्ट कोई आदेश नहीं दे सकता। हालांकि प्रदेश में किसी भी भर्ती पर रोक नहीं लगाई गई है, इसलिए सरकार भर्ती करने के लिए स्वतंत्र है। साथ ही ओबीसी को 14 फीसद आरक्षण देने संबंधी पूर्व में पारित अंतरिम आदेश भी बरकरार है। 



मामले की सुनवाई के बाद प्रशासनिक न्यायाधीश शील नागू और जस्टिस वीरेंद्र सिंह की डबल बेंच ने उक्त व्यवस्था दी और अगली सुनवाई 12 दिसंबर को नियत की है। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता आदित्य संघी, अंशुमान सिंह, सुयश और अन्य ने पक्ष रखा। वहीं ओबीसी के विशेष अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर और विनायक शाह ने कोर्ट को अवगत कराया कि सुप्रीम कोर्ट में लंबित एक याचिका वापस लिए जाने का आवेदन 11 नवंबर को दायर कर दिया गया है, शेष 3 याचिकाएं लंबित हैं। 



दलील दी गई कि 7 नवंबर 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने ईडब्ल्यूएस आरक्षण के मामले में कुल आरक्षण 50 प्रतिशत से अधिक मान्य कर दिया है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में ओबीसी की 51 फीसद जनसंख्या है जिसे दृष्टिगत रखते हुए आरक्षण 14 से बढ़ाकर 27 फीसद किया जाना संवैधानिक है। संविधान में आरक्षण की अधिकतम सीमा क्या होगी, यह राज्य सरकार का क्षेत्राधिकार है। राज्य शासन की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता हरप्रीत रूपराह और आशीष आनंद बर्नार्ड ने पक्ष रखा। 


ओबीसी आरक्षण पर हुई सुनवाई प्रदेश में किसी भर्ती पर रोक नहीं- HC hearing on OBC reservation There is no ban on any recruitment in the state- HC जबलपुर न्यूज Jabalpur News
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