Jabalpur. पूरे प्रदेश के पैरामेडिकल कॉलेजों में हुए छात्रवृत्ति घोटाले को लेकर लंबित याचिका पर शासन ने हाईकोर्ट से जवाब पेश करने के लिए और समय देने की मांग की। जिस पर चीफ जस्टिस रवि मलिमठ और जस्टिस विशाल मिश्रा की खंडपीठ ने सरकार को 4 सप्ताह का समय दिया है। मध्यप्रदेश लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अधिवक्ता विशाल बघेल ने जनहित याचिका दायर कर हाईकोर्ट को बताया था कि वर्ष 2010 से 2015 तक प्रदेश के सैकड़ों निजी पैरामेडिकल कॉलेज संचालकों ने फर्जी छात्रों का प्रवेश दिखाकर सरकार से करोड़ों रुपए की छात्रवृत्ति हड़प ली थी।
इस मामले में शिकायतों के बाद जब जांच हुई तो यह पाया गया कि जिन छात्रों के नाम पर राशि ली गई थी वे कभी परीक्षा में बैठे ही नहीं थे। इसके अलावा एक ही छात्र के नाम पर कई कॉलेजों ने एक ही समय में छात्रवृत्ति निकाली थी। मामले में जांच के बाद प्रदेश भर में 100 से ज्यादा कॉलेज संचालकों पर एफआईआर दर्ज हुई थी और पूरे प्रदेश में निजी पैरामेडिकल कॉलेजों से करोड़ों रुपए की वसूली के आदेश जारी हुए थे।
याचिका में कहा गया है कि अधिकारियों और कॉलेजों की मिलीभगत के चलते करोड़ों रुपयों की वसूली आज दिनांक तक नहीं हो सकी है। पूर्व में हुई सुनवाई में अदालत ने सरकार को जवाब पेश करने के निर्देश दिए, जिस पर सरकार ने इसके लिए समय की मांग की थी, जिसके बाद अदालत ने सरकार को 4 सप्ताह में जवाब पेश करने के लिए निर्देशित किया है।