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देव श्रीमाली, GWALIOR. मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने नर्सिंग परीक्षाओं पर लगी रोक को आज फिर हटाने से इनकार कर दिया। सीबीआई ने कोर्ट में अपनी स्टेटस रिपोर्ट पेश की। हाईकोर्ट ने सीबीआई से सभी कॉलेज की जांच करने को कहा। कोर्ट अब 2 दिन बाद फिर इस केस में सुनवाई करेगा।
लगातार दूसरे दिन हुई सुनवाई
हाईकोर्ट की डबल बेंच ने मंगलवार को भी सुनवाई की थी और आज भी की। कल हाई कोर्ट की डबल बेंच ने नर्सिंग कॉलेजों में चल रहे फर्जीवाड़े पर बहस के दौरान तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा था कि हमसे ज्यादा मत सुनिए, ये नर्सिंग कॉलेज राजनीतिक संरक्षण में चल रहे हैं। हमें हैरत है कि ऐसे विद्यार्थियों को प्रवेश देकर परीक्षा कराई जा रही है, जो नर्सिंग का 'न' तक नहीं जानते हैं।
'काले धब्बों को रातों-रात कर दिया सफेद'
कोर्ट ने ये भी कहा कि काले धब्बों को रातों-रात सफेद कर दिया। अब सिर्फ सरकार का दबाव परीक्षा कराने की ओर है। अब वहां कुछ नहीं दिखेगा। कोर्ट में महाधिवक्ता पैरवी करने के लिए आए हैं, इतने मात्र से परीक्षा कराने की अनुमति नहीं दे सकते हैं।
सीबीआई ने पेश किया जवाब
इस मामले में सुनवाई के दौरान ही सीबीआई ने अपना जवाब भी पेश किया। इसमें उन्होंने बताया कि प्रदेश में 375 नर्सिंग कॉलेजों की उन्हें जांच करना है, जिसमें से उन्हें 24 कॉलेजों की जांच कर ली है। इनमें 9 कॉलेज ग्वालियर ओर 15 कॉलेज भोपाल के हैं। इसके बाद कोर्ट ने सभी कॉलेजों की जांच के आदेश दिए हैं। अब इस मामले की अगली सुनवाई 2 दिन बाद होगी।
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ये है पूरा मामला
आपको बता दें कि दिलीप कुमार शर्मा ने पोस्ट बेसिक बीएससी नर्सिंग प्रथम वर्ष और बीएससी नर्सिंग प्रथम वर्ष की परीक्षा को लेकर जनहित याचिका दायर की है। याचिकाकर्ता ने कोर्ट के संज्ञान में लाया कि मध्यप्रदेश मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी जबलपुर ने जुलाई 2022 से जनवरी 2023 के बीच कॉलेजों को संबद्धता दी। संबद्धता के बाद 11 से 18 फरवरी 2023 के बीच विद्यार्थियों का नामांकन किया गया। 28 फरवरी 2023 से परीक्षाओं की तारीख घोषित कर दी। परीक्षाएं सत्र 2019-20 और 2020-21 की कराई जा रही हैं। जिनकी परीक्षा कराई जा रही है, उन्होंने 4 साल पहले प्रवेश लिया था। बैक डेट में संबद्धता दी गई है। विद्यार्थी भी सत्यापित नहीं हैं। इस परीक्षा पर कोर्ट ने रोक लगाई है, इस रोक को सरकार हटवाना चाहती है।