उज्जैन के महाकाल मंदिर में सबसे पहले खेली गई होली, पहले बाबा को अबीर-गुलाल लगाया गया, फिर श्रद्धालु रंग में रंगे

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BP Shrivastava
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उज्जैन के महाकाल मंदिर में सबसे पहले खेली गई होली, पहले बाबा को अबीर-गुलाल लगाया गया, फिर श्रद्धालु रंग में रंगे

UJJAIN. देश में धीरे-धीरे होली का रंग बिखरना  शुरू हो रहा है, लेकिन भारत में सबसे पहले उज्जैन स्थित बाबा महाकाल के आंगन में होली मनाई गई। सोमवार (6 मार्च) शाम को परंपरानुसार संध्या आरती में बाबा को अबीर, गुलाल लगाया गया। फिर आरती के बाद महाकाल मंदिर परिसर में मंत्रोच्चार के साथ होलिका दहन कि किया गया। पुजारियों ने फूलों की होली खेली। मंदिर परिसर में पहुंचे श्रद्धालुओं ने भी खूब गुलाल खेला।



बाबा महाकाल को गुलाल और शक्कर की माला अर्पित



महाकाल मंदिर के पुजारी पंडित आशीष गुरु ने बताया कि श्री महाकालेश्वर मंदिर की परंपरा और पञ्चाङ्ग अनुसार संध्या आरती में बाबा श्री महाकाल को मंदिर में अर्पित फूलों से बना गुलाल तथा शक्कर की माला अर्पित की गई। शासकीय पुजारी घनश्याम गुरु और अन्य पुजारी, पुरोहितों ने होलिका का पूजन किया। उसके बाद होलिका दहन श्री महाकाल मन्दिर प्रांगण में किया गया। सात मार्च मंगलवार प्रात: मंदिर में धुलेंडी मनाई जाएगी। मंदिर प्रशासक संदीप सोनी ने बताया कि बाबा महाकाल को सात मार्च सुबह भस्म आरती में फूलों से बनाया गया गुलाल अर्पित किया गया।



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सुबह चतुर्दशी और शाम को रही पूर्णिमा तिथि 



विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में सोमवार (6 मार्च) को सबसे पहले प्रदोषकाल में होलिका दहन हुआ। पं. महेश पुजारी ने बताया कि फाल्गुन पूर्णिमा पर प्रदोषकाल में होलिका के पूजन का विधान है।


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