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INDORE. होलिका दहन को लेकर पंड़ित एकमत नहीं है, इसलिए इस बार फाल्गुन माह में दो बार पूर्णिमा तिथि होने से दो दिन तक होलिका का दहन होगा। राजवाड़ा की सरकारी होली, खजराना गणेश मंदिर व रणजीत हनुमान परिसर की होलिका का दहन पंचांग के अनुसार सोमवार यानी 6 मार्च को होगा। जबकि शहर में कॉलोनियों-मोहल्लों में 7 मार्च यानी मंगलवार को होलिका दहन किया जाएगा। हालांकि, सभी लोग धुलेंडी 8 मार्च को ही मनाएंगे। इस दिन सरकारी अवकाश भी है।
मंदिरों में होलिका दहन 6 मार्च को
जानकारी के मुताबिक ज्यादातर पंडित, ज्योतिषाचार्य 6 मार्च की होलिका दहन के लिए सर्वसम्मत हैं, इसलिए मांग की गई है कि सरकारी छुट्टी 7 मार्च को घोषित की जाए। शहर की पारम्परिक राजवाड़ा की सरकारी होलिका का दहन 6 मार्च को होगा। पं. लीलाधर वारकर ने बताया कि होलिका का दहन गोधूलि बेला के मुहूर्त में शाम 7 बजे होगा। उन्होंने बताया कि होलिका दहन का सही मुहूर्त 6 मार्च को ही है। चूंकि, धुलेंडी की सरकारी अवकाश छुट्टी 8 मार्च को घोषित है इसलिए होलिका दहन के एक दिन के गेप के बाद धुलेंडी मनाई जाएगी।
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ज्योतिषी दो मत, कुछ बता रहे भद्रा रहित प्रदोष काल में होलिका दहन
ज्योतिषियों के मुताबिक इस बार पूर्णिमा तिथि दो दिन की है। ज्योतिषियों के अनुसार 6 मार्च सोमवार को पूर्णिमा तिथि का शाम 4.17 बजे शुरू होगी जो 7 मार्च को शाम 6.09 बजे तक रहेगी। भद्रा 6 मार्च को ही शाम 4.17 बजे से 7 मार्च की सुबह 5.14 बजे तक रहेगी। एक आचार्य ने बताया कि भद्रा रहित प्रदोष काल में होलिका दहन किया जाता है। यदि पूर्णिमा तिथि दो दिन प्रदोष व्यापिनी हो तो दूसरे दिन होलिका दहन किया जाता है। इस बार 6 मार्च को प्रदोष काल में पूर्णिमा तिथि है लेकिन 7 मार्च को प्रदोष काल को स्पर्श नहीं कर रही है। ऐसे में 6 मार्च को भद्रा रहित काल में ही होलिका दहन किया जाना शास्त्र सम्मत है। उन्होंने कहा कि भद्रा रहित काल में सुबह 5.15 बजे के बाद भी होलिका दहन किया जाना शास्त्र सम्मत है। एक अन्य पंड़ित के मुताबिक सामान्यत: ज्यादातर स्थानों पर होलिका दहन देर रात से अलसुबह के बीच किया जाता है। प्रदोषकाल में बहुत कम स्थानों पर होलिका दहन होता है। ऐसे में 7 मार्च को सुबह 5.15 बजे भद्रा की समाप्ति के बाद भी होलिका दहन किया जा सकता है। इस दिन पूर्णिमा तिथि भी रहेगी और भद्रा भी खत्म हो जाएगी।
खजराना मंदिर में भी सोमवार को ही होलिका दहन
खजराना गणेश मंदिर के पुजारी पं. अशोक भट्ट ने बताया कि 6 मार्च को पूर्णिमा है। इस दौरान प्रदोष काल में रात 8.02 बजे होलिका का दहन होगा। धुलेंडी 8 मार्च को मनाई जाएगी। चूंकि पूर्णिमा सोमवार को ही है ऐसे में अब धुलेंडी के बीच एक दिन का अंतर रहेगा। वहीं रणजीत हनुमान मंदिर के पुजारी ने बताया कि इन्दौर में 6 मार्च सोमवार को सायं 4:44 बजे से पूर्णिमा तिथि प्रारंभ होगी जो अगले दिन मंगलवार को सायं 5:55 बजे तक रहेगी इसलिए मंदिर परिसर की होलिका का दहन 6 मार्च को ही होगी। मंगलवार 7 मार्च को धुलेंडी का पर्व रहेगा।
कॉलोनियों-मोहल्लों की समितियों का यह मत
इदौर शहर में कई सालों से गलियों, मोहल्लों और कॉलोनियों में हजारों छोटी-बड़ी सार्वजनिक होलिका का दहन होता है। युवा वर्ग में इस पर्व के बाद अगले दिन धुलेंडी मनाई जाती है। इसके चलते अधिकांश सार्वजनिक स्थानों पर 7 मार्च को ही होलिका का दहन होगा।