BHOPAL. ग्वालियर के ऐतिहासिक व्यापार मेले का शुभारंभ राजनीतिक खींचतान में हो गया। तारीख बढ़ने के बावजूद सीएम शिवराज-तोमर मेले के शुभारंभ के लिए समय नहीं निकाल पाए। उनकी वर्चुअल मौजूदगी में शुभारंभ किया गया। दोनों दिग्गजों के नहीं आने का दबाव मंत्रियों में साफतौर पर दिखा। मंच पर संबोधन करते हुए मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा ने ज्योतिरादित्य को माधवराव सिंधिया कहकर संबोधित किया तो मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने शिवराज सिंह चौहान को तोमर कह दिया। मंत्रियों की ये हड़बड़ाहट अंचल में चर्चा का विषय बनी हुई है। इधर भारतीय सम्मेलन के लिए इंदौर सजधजकर तैयार है। इंदौरवासी अतिथियों का स्वागत कर खुशी से अपने घर ले जा रहे हैं। यहां तक तो सब ठीक है लेकिन इंदौर को सुंदर दिखाने के फेर में नगर निगम का एक फर्जीवाड़े का एक वीडियो भी वायरल हो गया। समय पर पानी न मिलने से सूख गई घास को हरा दिखाने के लिए हरे रंग का स्प्रे किया जा रहा है। उधर टी-20 सीरीज के फाइनल में भारत ने श्रीलंका को 91 रनों से हरा दिया। हार्दिक पंडया की कप्तानी में भारत ने टी-20 की लगातार तीसरी सीरीज जीती है। खबरें तो और भी हैं, आप तो इस सर्द हवाओं के बीच गरमाहट पाने के लिए सीधे नीचे उतर आइए। जानिए मध्यप्रदेश के राजनीतिक और प्रशासनिक गलियारों में क्या चल रहा है..
सांसद-विधायकों के बीच हॉट वार
एक संसदीय क्षेत्र में सांसद-विधायकों के बीच लंबे समय से चल रहा कोल्ड वॉर अब हॉट वॉर में बदल गया है, मामला यहां तक बिगड़ गया कि इन लोगों के बीच अब तू डाल-डाल मैं पात-पात वाला खेल शुरू हो गया है। सांसद ने विधायकों पर शिकंजा कसना चाहा तो विधायकों ने विरोध कर दिया। संसदीय क्षेत्र के विधायकों ने बैठक कर सामूहिक शिकायती पत्र बनाकर मुख्यमंत्री और संगठन को भेज दिया है। सांसद को इसकी भनक लगी तो वे एक-एक करके विधायकों से बात करके विधानसभा चुनाव में टिकट कटवाने की बात कर रहे हैं। विधायक भी दो कदम आगे हैं, कह रहे हैं उपचुनाव हमारे कारण ही जीते हैं हमारा नुकसान होगा तो विधानसभा के बाद लोकसभा चुनाव भी आएगा हम अपना बदला बराबर कर लेंगे। सांसद-विधायकों की खींचतान ने सत्ता और संगठन के दिग्गज परेशान हैं। उन्हें समझ नहीं आ रहा किसे मनाएं और किसे डांट लगाएं।
सीआर सुधारने सक्रिय हुए
मकर संक्राति के बाद चुनावी राज्यों में बीजेपी बड़ी उठापठक कर सकती है। इसका खाका राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में खींचा जा सकता है। तूफान से पहले की शांति को भांपते हुए प्रदेश के नेता तो छोड़िए बीजेपी प्रदेश प्रभारी और सह प्रभारी तक अपनी सीआर ठीक करने की तैयारी में जुट गए हैं। इन नेताओं ने आनन-फानन में जिलों के दौरे कार्यक्रम बनाकर दौरे करना शुरू कर दिए। जिससे कार्यसमिति में यदि प्रदेश नेताओं के साथ-साथ प्रभारी-सह प्रभारी का रिपोर्टकार्ड चेक हो तो सब कुछ ओके मिले। इसे कहते हैं नेताओं की दूरदृष्टि।
मंत्री मेहरबान तो दागी पहलवान
प्रदेश सरकार में नंबर दो के मंत्री की मेहरबानी से दागी पहलवान बना हुआ है, इन साहब पर आरोप है कि इन्होंने स्वास्थ्य महकमे में फर्जी नियुक्तियां कर दी थी। विभागीय जांच में ये साहब दोषी पाए गए, विभाग दो बार उन पर कार्रवाई करने के लिए कैबिनेट में प्रस्ताव ला चुकी है लेकिन मंत्री के क्षेत्र का मामला आने पर वे अड़ जाते हैं, प्रस्ताव बेरंग हो जाता है। अब ये साहब रिटायर हो गए हैं, दोषी होने के बाद विभाग चाहकर कार्रवाई नहीं कर पा रहा है।
साहब को एक अदद पीए की तलाश
मंत्रालय में एक सीनियर अफसर को एक अदद होशियार, समझदार पीए की तलाश है, जो दांए हाथ से काम करे तो बाएं हाथ को भनक न होने दे। दरअसल साहब के बैटिंग के किस्से आम हैं लेकिन मजाल है कोई साहब पर हाथ डाल दे। साहब के कारनामे ज्यादा चर्चा में आते हैं तो चौथी मंजिल साहब के पीए को निपटाकर मामला शांत कर देती है। हाल ही में दूसरा पीए साहब के कारनामों की बलि चढ़ चुका है। पीए साहब के लिए रन बनाते बनाने ही आउट हो गया। वैसे साहब खेलते चतुराई से हैं, चौके-छक्के मारने की बजाए एक-एक रन लेकर काम चला रहे हैं लेकिन अब साहब का खेल उजागर हो गया है। पांचवीं मंजिल की नाराजगी के बाद चौथी मंजिल वो कुर्सी खोज रही है जिस पर बैठकर साहब खेल नहीं कर पाएं।
सीडी पर नेतागीरी ने उड़ाई अफसरों की नींद
किसकी सीडी किसके पास है ये तो बयान देने वाले नेता जाने और उन पर पलटवार करने। लेकिन इन सबके बीच यदि कोई सही में बैचेन है तो वो ऊंचे पदों पर बैठे आला अफसर। उन्हें डर है कि चुनावी साल में एक-दूसरे को पटखनी देने के चक्कर में कहीं कोई पहलवान सीडी लीक ना कर दें। यदि ऐसा होता है तो कुछ अफसरों का बुढ़ापे में तलाक होना तय है। इसलिए अफसर खुफिया तंत्रों को सक्रिय कर ये पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या वाकई डॉक्टर गोंविद सिंह के हाथ कोई सीडी लगी है या कोरी बयानबाजी कर रहे हैं। क्योंकि मंजे हुए नेता पहले सोचते हैं फिर करते हैं लेकिन डॉक्टर गोविंद सिंह पहले कर देते हैं बाद में सोचते हैं।
साले ने खरीद लिए 20 डंपर
एक कलेक्टर के साले साहब इन दिनों चर्चा में हैं। दरअसल साले साहब ने एक-दो नहीं, पूरे 20 डंपर एक साथ खरीद लिए। हालांकि साले साहब ने ये डंपर उत्तर प्रदेश में खरीदे हैं लेकिन उसकी चर्चा मध्यप्रदेश में जीजा के जिले में जोरों पर हो रही है। दरअसल साले साहब ने जीजा के नाम पर जमकर बल्लेबाजी की है, फिर वो चाहे क्रेशर खदानों का मामला हो या फिर विभागों में ठेकेदारों के साथ पत्ती डालकर बड़े काम में घुसना हो। अरे भई जीजा कलेक्टर हैं तो साले साहब की चांदी होना तो बनती है। आपकी सुविधा के लिए बता दें ये साहब कुछ दिनों पहले एक बच्चे से मारपीट होने के बाद चर्चा में आए थे।