कभी RSS से जुड़ा सौरभ जैन बना सलीम...कट्टरपंथी जाकिर नाइक के संपर्क में आने के बाद पत्नी के साथ कबूल किया इस्लाम

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कभी RSS से जुड़ा सौरभ जैन बना सलीम...कट्टरपंथी जाकिर नाइक के संपर्क में आने के बाद पत्नी के साथ कबूल किया इस्लाम

Bhopal. भोपाल और छिंदवाड़ा में मध्यप्रदेश पुलिस के एंटी टेररिज्म स्क्वॉड (ATS) की कार्रवाई में गिरफ्तार 11 आतंकियों में से एक सलीम के बारे में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। भोपाल में पले-बढ़े और पढ़े सलीम का नाम और पहचान 2013 से पहले तक सौरभ जैन के रूप में हुआ करती थी। 12 वीं क्लास तक राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) की शाखाओं से जुड़ा रहने वाला सौरभ बाद में कट्टरपंथी मुस्लिम स्कॉलर जाकिर नाइक का साहित्य पढ़ने और सुनने लगा। उसके संपर्क में आने के बाद उसने पत्नी मानसी उर्फ सुरभि जैन के साथ इस्लाम धर्म कबूल कर लिया। सलीम (सौरभ) के अतीत के बारे में हैरान करने वाली ये कहानी खुद भोपाल में रहने वाले उनके पिता अशोक जैन राजवैद्य ने उजागर की है। 2013 में कॉलेज के प्रोफेसर कमाल ने उसका ब्रेनवॉश करना शुरू किया। वो सौरभ को जाकिर नाइक के वीडियो दिखाने लगा। उससे मिलाने मुंबई ले गया। मुंबई में ही उसने नाम बदलकर सौरभ से सलीम रख लिया। फिर सौरभ की पत्नी मानसी भी रायला बन गई, जबकि मानसी अग्रवाल परिवार से ताल्लुक रखती है। दोनों ने अपने बेटों अनुनय और वत्सल का नाम बदलकर यूसुफ और इस्माइल कर दिया।



आखिर कैसे पढ़ा-लिखा सौरभ सलीम बन गया 



सलीम के पिता अशोक जैन राजवैद्य व उनकी मां बसंती जैन राजवैद्य ने सौरभ के सलीम बनने की कहानी का खुलासा करते हुए मीडिया को बताया कि  भोपाल के एक कॉलेज में पढ़ाई के दौरान कमाल नाम के एक टीचर ने उसका ब्रेनवॉश किया। प्रो.कमाल  कथित मुस्लिम स्कॉलर डॉ. जाकिर नाइक का खास हुआ करता था। जैन के मुताबिक परिवार में चार बेटियों के जन्म के 6 साल बाद सौरभ का जन्म हुआ। बेटे के जन्म से सभी खुश थे लेकिन कुछ ही साल बाद सौरभ को लिवर कैंसर हो गया। लंबे इलाज के बाद उसकी जान बची। वो बचपन से ही पढ़ने-लिखने में होशियार था और डॉक्टर बनना चाहता था। मेडिकल कॉलेज में सिलेक्शन नहीं हुआ तो उसने बी.  फार्मा में ग्रेजुएशन किया। इसके बाद उसने कोलकाता के हुबली से एम.फार्मा किया और इसके बाद पीएचडी पूरी की। 



फार्मेसी में पीएचडी करने के बाद बना कॉलेज टीचर  



पढ़ाई पूरी करके कहने लगा कि इससे कुछ नहीं होगा। पोस्ट ग्रेजुएशन करना होगा। मैंने पैसे उधार लेकर कोलकाता के हुबली में उसे एम. फार्मा में भी दाखिला दिलाया। वहां डोनेशन देने मैं उसके साथ गया था। वहां बहुत अच्छे मार्क्स से पास हुआ। एम.फार्मा पूरा होने के बाद PhD भी की। 2010 में भोपाल के एक प्राइवेट कॉलेज में फार्मेसी का प्रोफेसर बन गया।मानसी अग्रवाल भी इसी कॉॉलेज में कम्प्यूटर साइंस पढ़ाती थी। कुछ समय बाद सौरभ ने मानसी से शादी कर ली। अब तक सब ठीक-ठाक चल रहा था। 



बहनों से राखी बंधवाने से भी मना कर दिया



बात 2014 की है। रक्षाबंधन का दिन था। अशोक जैन की चारों बेटियां ससुराल से मायके आई हुई थीं। उन्होंने घर में सौरभ को राखी बांधने की तैयारी की लेकिन सौरभ ने राखी बंधवाने से मना कर दिया। तब मैंने उससे कहा कि तुम्हारी हरकतें अब बर्दाश्तकरने लायक नहीं हैं। तुम इंसानियत के खिलाफ काम कर रहे हो। ये विचार मोहम्मद के नहींबल्कि धूर्त जाकिर नाइक के विचार हैं। इसके बाद मैंने उससे बात करना बंद कर दिया।



शादी के बाद हमने मानसी का नाम सुरभि रखा



अशोक जैन ने बताया कि सौरभ की पत्नी मानसी बुरहानपुर की रहने वाली है।  मानसी और सौरभ जब तक यहां रहे, मुझे प्रॉब्लम नहीं हुई। समस्या तब बढ़ी जब सौरभ ने अपना बहनों से राखी बंधवाने से मना किया,मुझे उसकी इस हरकत से बहुत तकलीफ हुई। मानसी का नाम शादी के बाद हमने घर में सुरभि रखा था, ताकि सौरभ से मिलता जुलता नाम रहे। घर में तब तकरार होने लगी जब वे दोनों  घर के नियम-कायदों से बगावत करने लगे। 



बरखेड़ी में हुए जलसे में पति–पत्नी ने कबूल किया था इस्लाम



सौरभ ने इस्लाम कब और कैसे अपनाया इसकी जानकारी मुझे तीन साल पहले उससे जानने वाले एक लड़के से मिली। उसने बताया कि बरखेड़ी में हुए एक धार्मिक जलसे में सौरभ के बुलाया गया था। वो अपनी पत्नी को भी वहां लेकर गया था। वहां दोनों को कलमा पढ़वा कर मुसलमान बनाया गया। दरअसल उस लड़के को भी कलमा पढ़वाया जाना था लेकिन शराब पीने की आदत के कारण उसे मना कर दिया गया।



6 महीने पहले ही हैदराबाद से भोपाल आई थी बहू 



अशोक जैन बताते हैं कि करीब 6 महीने पहले रायला (सुरभि) के पिता की तबीयत खराब होने पर उन्हें भोपाल के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बहू अपने पिता को देखने हैदराबाद से भोपाल आई थी। मदद करने के नाते मैं भी अस्पताल गया था। बहू को इलाज में मदद के लिए 20 हजार रुपए दिए तो उससे लेने से मना कर दिया। इस पर मैंने समझाया कि बेटा रख लो खर्चा लगेगा। इसी दौरान अस्पताल में मेरे दोनों पोतों से भी मुलाकात हुई। मैंने अपने पोतों के नाम अनुनय और वत्सल रखे थे,लेकिन अब उनके नाम बदलकर यूसुफ और इस्माइल हो गए हैं। छोटा पोता वत्सल साथ चलने की जिद करने लगा। वो बोला मुझे हैदराबाद अच्छा नहीं लगता। पोते ने मुझे ये भी बताया कि हैदराबाद में एक दिन हम घर से भाग गए थे। लेकिन पापा हमें स्टेशन से पकड़कर वापस ले गए । मैंने बहू से ही कुछ रुपए लेकर पोतों को बाहर से कुछ सामान दिलाने की बात कही तो उन्हें मेरे साथ नहीं भेजा। वहां जिम संचालक यासिर की पत्नी भी मौजूद थी। बहू ने पोते को यासिर की पत्नी के साथ सामान लाने बाहर भेजा ये देखकर मुझे बेहद दुख हुआ। ये वही यासिर है, जिसे ATS हिज्ब-उत- तहरीर के मिशन का मास्टरमाइंड बता रही है। कहा जा रहा है कि इसी यासिर ने सबको उकसाया था। बहू ने एक बार बताया था कि कुछ लोग उन पर नजर रखते हैं कि कहीं वापस हिंदू न बन जाए।



सौरभ हथियार नहीं चला सकता,वो सिर्फ इस्लाम का प्रचार करता है



सौरभ के सलीम बनने के बाद उससे नाता तोड़ने वाले अशोक जैन इन आरोपों से इत्तेफाक नहीं रखते कि उनका बेटा आतंकी संगठन से जुड़ने के बाद बंदूक चलाता था। उनका कहना है कि वो मेरा बेटा है और जानता हूं कि वो हथियार नहीं चला सकता। हां वो इस्लाम की प्रचार जरूर करता था। उसने पहले एक बार मुझे यह बी बताया था कि धर्म बदलकर इस्लाम अपनाने वालों पर विश्वास नहीं किया जाता। उनके साथ अच्छा व्यवहार भी नहीं किया जाता।



मां घर वापस बुलाती तो सौरभ कहता- आखिर में तो मरना ही है 



सौरभ की मां बसंती जैन बताती हैं उसके घर छोड़कर जाने के बाद मेरी उससे फोन पर बात होती रहती थी। मैं अक्सर उससे कहती थी कि बेटा, घर वापस आ जा। लेकिन  वो बार एक ही बात दोहराता था कि आखिर में तो मरना ही है, ऐसे ही मर जाएंगे। उसकी ऐसी बातों पर मैं उसे डांट दिया करती थी। अभी कुछ दिन पहले ही उससे आखिरी बार बात हुई थी। उसने मुझसे  अपने पापा और बहनों का हाल पूछा था। कुछ देर बात करने के बाद उसने यह बोलते हुए फोन कॉल काट दिया कि बच्चों को स्विमिंग सिखाने ले जा रहा हूं। 09 मई को सौरभ की गिरफ्तारी के बाद बहू मानसी का भी फोन आया था। उसका भी रो-रोकर बुरा हाल था।उसने बताया कि सौरभ ने गिरफ्तारी के बारे में आपको और पापा को बताने से मना किया था। उसका कहना था कि गिरफ्तारी की बात सुनकर दोनों की तबियत खराब हो जाएगी। तब मैंने उससे कहा था कि यदि हमारे पास रह रहे होते तो ये सब नहीं होता। बसंती जैन का कहना है कि उनका बेटा निर्दोष है। वो आतंकी नहीं हो सकता उसे गलत संगत के कारण फंसाया जा रहा है।  



एटीएस ने 09 मई को किया गिरफ्तार 



बता दें कि मप्र और तेलंगाना के एंटी टेररिज्म स्क्वॉड (ATS) की टीम ने विगत 0 9 मई को छापामार कार्रवाई को अंजाम देकर भोपाल-छिंदवाड़ा से 11 और तेलंगाना से पांच संदिग्धों को हिरासत में लिया है। एटीएस का दावा है कि सभी देश विरोधी आतंकी संगठन हिज्ब-उत-तहरीर (HUT) से जुड़े हैं। गिरफ्तार किए गए आरोपियों के पास से आतंकी साहित्य जब्त हुआ है। 


आरएसएस RSS Hizb-ut-Tahrir हिज्ब-उत-तहरीर सौरभ बना सलीम Saurabh becomes Salim radical Zakir Naik Anti-Terrorism Squad of Police कट्टरपंथी जाकिर नाइक पुलिस के एंटी टेररिज्म स्क्वॉड