Jabalpur. जबलपुर के जिला अस्पताल विक्टोरिया में मरीजों को लगाए जाने के लिए आई आईवी फ्ल्यूड लिक्विड सोडियम कंपाउंड की बोतलों में खतरनाक बैक्टीरियल एंडोटाक्विन फंगस पाया गया है। जिस पर मचे बवाल के बाद मानवाधिकार आयोग ने मामले को संज्ञान में लिया है। आयोग ने प्रथम दृष्टया इसे मानव जीवन से जुड़े स्वास्थ्य संबंधी मामले में उपेक्षा माना है। आयोग ने स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव को प्रकरण की जांच कर 1 महीने में तथ्यात्मक प्रतिवेदन भेजने के निर्देश दिए हैं।
सप्लायर कंपनी के खिलाफ क्या कार्रवाई की?
मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष मनोहर ममतानी और सदस्य राजीव कुमार ने इस मामले में संज्ञान लेकर पूछा है कि क्या आईबी फ्ल्यूड लिक्विड सोडियम कंपाउंड की बोतलों का नमूना जबलपुर के पहले मंडला में भी फेल हो चुका था। इस मामले में सप्लायर कंपनी के खिलाफ क्या कार्रवाई की उसका प्रतिवेदन मांगा है। आयोग ने यह भी पूछा है कि ऐसी बोतलों की सप्लाई किन परिस्थितियों में जारी रखी गई।
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कांप उठते थे मरीज
बता दें कि आईवी फ्ल्यूड को चढ़ाते ही मरीजों को कंपकंपी छूटने लगती थी। कुछ मरीजों को तेज बुखार की शिकायत पाई गई तो अन्य मरीजों को तरह-तरह की समस्या होने लगी। जिसके बाद आईवी फ्ल्यूड के नमूने जांच के लिए केंद्रीय प्रयोगशाला कोलकाता भेजे गए थे। जिसमें बोतलों में फंगस पाए जाने का खुलासा हुआ है।
मालवा के जिलों में भी नकारात्मक रिपोर्ट
यही नहीं उज्जैन, खरगोन और मालवा के कई जिलों से भी आईवी फ्ल्यूड के सैंपल प्रयोगशाला में भेजे गए थे। जिनकी रिपोर्ट में फंगस पाए जाने की पुष्टि हुई थी। बता दें कि संचालनालय द्वारा पूरे प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में मरीजों को चढ़ाने के लिए इन आईवी फ्ल्यूड की खरीदी की गई थी। जिसकी सप्लाई धार की दवा कंपनी द्वारा हुई है। इससे पहले सैन्य अस्पताल ने भी धार की दवा कंपनी की आईवी फ्ल्यूड का मरीजों पर उपयोग करने पर रोक लगा दी थी।