मप्र में मानव तस्करी की आज सुलझ सकती है गुत्थी, हनीट्रैप मामले में पहली बार सील बंद वीडियो की हार्डडिस्क कोर्ट में हुई पेश

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Neha Thakur
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मप्र में मानव तस्करी की आज सुलझ सकती है गुत्थी, हनीट्रैप मामले में पहली बार सील बंद वीडियो की हार्डडिस्क कोर्ट में हुई पेश

BHOPAL. मध्यप्रदेश में साढ़े 3 साल पहले हुए हनीट्रैप मामले की सुनवाई भोपाल कोर्ट में चल रही है। 2019 में उजागर हुए इस मानव तस्करी की गुत्थी को सुलझाने के लिए स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम ने वीडियो की हार्ड डिस्क पेश की है। दरअसल सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लैबोरेटरी से ओके रिपोर्ट मिलने के बाद  वीडियो एक सील बंद हार्ड डिस्क में लाया गया। इस दौरान इंवेस्टिगेशन टीम ने एक अर्जी दी है कि ये वीडियो अंतरंग हैं। बचाव पक्ष के लोगों को ये वीडियो उपलब्ध न कराए जाएं। केस की सुनवाई बंद चैंबर में हो। यानी चैंबर में न्यायाधीश और दोनों पक्षों के वकीलों के अलावा किसी और को अनुमति न दी जाए।





पहली बार कोर्ट में पेश हुई वीडियो





SIT हेड एडीजी विपिन माहेश्वरी के पत्र के साथ वीडियो वाली ये हार्ड डिस्क भोपाल में जज स्मृता सिंह ठाकुर की कोर्ट में पेश की गई हैं। जांच एजेंसी ने हनी ट्रैप केस से जुड़े मानव तस्करी के मामले की आरोपी श्वेता विजय जैन और आरती दयाल के वॉयस सैंपल लेने के लिए कोर्ट में आवेदन लगाया है। कोर्ट इस पर 18 मई (गुरुवार) को इस वीडियो पर सुनवाई होगी।





2019 में शिकायत के बाद 5 महिलाएं हुई थी गिरफ्तार





17 सितंबर 2019 को इंदौर नगर निगम के इंजीनियर हरभजन सिंह द्वारा की गई शिकायत पर पुलिस ने 19 सितंबर को हनीट्रैप का खुलासा किया था। इस मामले में हनीट्रैप और ब्लैकमेल कर हरभजन सिंह से 3 करोड़ रुपए मांगने के आरोप में पुलिस ने इंदौर और भोपाल से 5 युवती आरती दयाल, मोनिका यादव, श्वेता जैन (पति विजय जैन) श्वेता जैन (पति स्वप्निल जैन) और बरखा सोनी को गिरफ्तार किया था। इनके एक ड्राइवर ओमप्रकाश कोरी को भी गिरफ्तार किया गया था, जबकि इस मामले से जुड़े मानव तस्करी मामले में 24 सितंबर 2019 को भोपाल में FIR दर्ज की गई थी।





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कोर्ट में पेश किए वीडियो में क्या है





इंवेस्टिगेशन टीम द्वारा भोपाल कोर्ट में पेश की गई इस वीडियो में हनी ट्रैप मामले में मानव तस्करी से जुड़े केस से संबंधित है। इसमें एक कॉलेज छात्रा को आरोपियों ने चंगुल में फंसाकर उसे अपने फायदे के लिए किस तरह इस्तेमाल किया। इस छात्रा को चुने हुए लोगों के पास भेजकर उसके अंतरंग वीडियो बनाए गए हैं। ये वीडियो आरोपियों से जब्त इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स में सुरक्षित रखे गए थे। इनकी सत्यता जानने के लिए SIT ने ये वीडियो सीएफएसएल को भेजा था। सीएफएसएल ने रिपोर्ट में बताया है कि कौन सा वीडियो किस तारीख को बनाया गया है।





वीडियो में शामिल अहम बिंदु







  • छात्रा को अलग-अलग लोगों के पास भेजकर उसका अंतरंग पलों का वीडियो।



  • छात्रा का बयान, जिसमें वह कबूल रही है कि उसे भेजकर वीडियो बनाए जा रहे थे।


  • वीडियो दिखाकर छात्रा द्वारा पैसे की डिमांड।


  • छात्रा का बयान से पलटना।






  • हाई कोर्ट- आरोपियों को नहीं मिलेगा वीडियो्र





    आरोपियों के वकीलों में से एक यावर खान ने बताया कि हनी ट्रैप मामला इंदौर जिला कोर्ट में भी विचाराधीन है। जिला न्यायालय इंदौर ने हार्ड डिस्क की एक-एक प्रति आरोपी को दिलाने के आदेश दिए थे। इस पर पुलिस (एसआईटी) ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। हाई कोर्ट के जस्टिस सुबोध के आदेश अनुसार फरियादी शिकायतकर्ता ( इंदौर नगर निगम का इंजीनियर हरभजन) से संबंधित इलेक्ट्रॉनिक गैजेट सीडी की प्रति आरोपियों को नहीं दी जाएगी। अन्य सभी पैन ड्राइव व इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स की क्लोन (कॉपी) हर आरोपियों को भी देनी होगी।





    विवेचक की गवाही बाकी





    मानव तस्करी केस में फरियादी ने कोर्ट को बयात देते समय पलट गई थी। फरियादी ने कोर्ट में कहा था कि वह पुलिस के दबाव में आई है। फरियादी युवती के पलट जाने के कारण पुलिस इलेक्ट्रॉनिक सबूत के आधार पर ही केस में पक्ष रखना चाहती है। इससे पहले पीड़िता ने अपने बयान में कहा था कि पैसों का लालच देकर आरोपियों ने उसे चंगुल में फंसाया था। उसे कई लोगों के पास भेजा जाता था। हालांकि अभी विवेचक मनोज शर्मा की गवाही बाकी है। मामले में बरी हो चुकी श्वेता स्वप्निल जैन को सरकारी गवाह बनाने की तैयारी है। इसकी बड़ी वजह यह कि गिरफ्तारी के समय श्वेता ने सरकारी गवाह बनने के उद्देश्य से ही ऐसे तथ्यों का खुलासा किया था। इस दौरान आरोपियों की पैरवी कर रहे वकील यावर खान ने कहा, यदि एसआईटी भविष्य में श्वेता स्वप्निल को सरकारी गवाह बनाती है तो भी शेष आरोपियों के खिलाफ सबूत के तौर पर इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।





    होटल का कमरा नंबर 414 की कहानी





    श्वेता स्वप्निल जैन के पास से एसआईटी ने आईफोन जब्त किया था। इसमें वीडियो मिले थे। एसआईटी ने जब्त वीडियो को गवाह नरेश यादव को दिखाकर पहचान कराई गई। वीडियो को देखकर नरेश ने हरभजन सिंह, आरती दयाल एवं मोनिका यादव उर्फ सीमा सोनी को पहचान लिया। तीनों की मौजूदगी जिस कमरे थी, उसकी पहचान नरेश कुमार ने होटल इन्फिनिटी इंदौर के रूम नं 414 के रूप में की। नरेश ने यह रूम उसकी दीवारों पर लगे वॉलपेपर, बेड और पर्दे को देखकर पहचाना। नरेश ने बताया कि हरभजन सिंह, आरती और मोनिका 30 अगस्त 2019 को होटल इन्फिनिटी इंदौर के रूम नंबर 414 में एक साथ मौजूद रहे हैं।



     



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