BHOPAL. मध्यप्रदेश के आईएएस नियाज खान ने ब्राह्मणों को लेकर ट्वीट किया है। उन्होंने ब्राह्मणों को बहादुर बताया और कहा कि ईमानदारी और सच्चाई के साथ जीने वाले ब्राह्मण रोल मॉडल बनेंगे। अपने ट्वीट में उन्होंने कौटिल्य का जिक्र भी किया। आपको बता दें कि नियाज खान ने ब्राह्मण द ग्रेट किताब लिखी है जिसमें कहानी के नायक शुभेंद्र हैं जिनको जूनियर कौटिल्य कहा गया है।
I found that Brahmans are the bravest people. If he is honest, religious and stands with justice, he becomes #Kautilya. If Brahman fears, that means he has left the path shown by Lord Brahma. So, Brahmans should always live with honesty and truth. They can be role models
— Niyaz Khan (@saifasa) April 29, 2023
'ब्राह्मण रोल मॉडल बनेंगे'
नियाज खान ने ट्वीट में लिखा कि मैंने पाया कि ब्राह्मण सबसे बहादुर लोग होते हैं। यदि वह ईमानदार, धार्मिक और न्याय के साथ खड़ा होता है तो वह #कौटिल्य बन जाता है। यदि ब्राह्मण डरता है, तो इसका मतलब है कि उसने भगवान ब्रह्मा द्वारा दिखाए गए मार्ग को छोड़ दिया है। अतः ब्राह्मणों को हमेशा ईमानदारी और सच्चाई के साथ रहना चाहिए। वे रोल मॉडल हो सकते हैं।
IAS नियाज खान की किताब में कौटिल्य की कहानी
आईएएस नियाज खान की किताब ब्राह्मण द ग्रेट एक फिक्शन ड्रामा है, लेकिन ये काल्पनिक कहानी सच्चाई पर आधारित है। द सूत्र से बातचीत में नियाज खान कहते हैं कि वे कौटिल्य यानी चाणक्य से बहुत प्रभावित थे इसलिए कहानी के मूल में वही है। इस कहानी के नायक शुभेंद्र हैं जिनको जूनियर कौटिल्य कहा गया है। शुभेंद्र अमेरिका में एक मल्टीनेशनल कंपनी के सीईओ हैं। वे जब चाणक्य को पढ़ते हैं और उनके बारे में जानते हैं तो वे सबकुछ छोड़कर अपने गौरव को प्राप्त करने निकल पड़ते हैं। उनके परिवार में सारे लोग ब्यूरोक्रेट होते हैं इसलिए वे अपने परिवार को भी छोड़ देते हैं। आखिर में वे अपना सब कुछ समर्पित कर देते हैं। ये कहानी धीरे-धीरे बढ़ती है जिसमें बीच-बीच में भगवान परशुराम, कृष्ण भक्त सुदामा और असुरों को मारने के लिए अपनी हड्डियां देने वाले दधीची से लेकर वेद व्यास तक से प्रेरित चरित्र आते हैं जिससे ये कहानी ब्राह्मणों के गौरवशाली और समृद्ध इतिहास को बताती है।
नियाज खान ने कहा था- किताब में ऐसा कुछ नहीं जिससे फतवा जारी हो
ब्राह्मण द ग्रेट को लेकर नियाज खान का कहना है कि मुस्लिम समुदाय से होने के बाद भी उन्होंने ब्राह्म्णों के बारे में लिखने का साहस किया है। इस किताब में ऐसा कुछ नहीं है जिससे कि उनका वर्ग उनसे नाराज हो या फतवा जारी करे। इस किताब में ईमानदारी है, भाईचारा है, एक बेहतर इंसान बनने का संदेश है। नियाज ने कहा कि वे न कोई रिफॉर्मर हैं, न जूनियर कौटिल्य हैं। वे सिर्फ सच्चाई को दोबारा से लोगों के सामने रख रहे हैं जिससे लोगों के विचार में ये किताब आए। कुछ लोग उनसे सहमत होंगे तो कुछ असहमत भी होंगे, लेकिन उनको लिखने का संवैधानिक अधिकार है। इसलिए उन्होंने ये किताब लिखी है।
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नियाज खान ने गैंगस्टर अबू सलेम पर भी लिखी थी किताब
नियाज खान मध्यप्रदेश कैडर के आईएएस हैं। राज्य प्रशासनिक सेवा में चयनित हुए और 2015 में प्रमोट होकर आईएएस बने हैं। नियाज को साहित्यिक मिजाज के लिए जाना जाता है। वे अब तक 7 किताबें लिख चुके हैं। गैंगस्टर अबू सलेम पर किताब लिखकर चर्चित हुए थे। पिछले साल कश्मीर फाइल्स फिल्म को लेकर उनकी टिप्पणी की वजह से परेशानी में घिर गए थे।