आईएएस नियाज खान बोले- मैने ऐसा कुछ नहीं लिखा जिससे फतवा जारी हो, देश को महाशक्ति बनाना है तो ब्राह्मणों को केंद्र में रखना जरुरी

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The Sootr
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आईएएस नियाज खान बोले- मैने ऐसा कुछ नहीं लिखा जिससे फतवा जारी हो, देश को महाशक्ति बनाना है तो ब्राह्मणों को केंद्र में रखना जरुरी

BHOPAL. मध्यप्रदेश के IAS नियाज खान ने ब्राह्मणों की खूबियां बताते हुए ब्राह्मण द ग्रेट किताब लिखी है। आईएएस नियाज खान ने अपनी रिसर्च के आधार पर दावा किया है कि ब्राह्मणों का आईक्यू लेवल बहुत हाई होता है। उनका सम्मान होना चाहिए। ब्राह्मणों के बारे में ज्यादातर लोगों की प्रतिक्रिया बेहद घृणित है। नियाज कहते हैं कि मैंने किताब लिखने के लिए काफी रिसर्च की। मैंने ब्राह्मणों के योगदान के संबंध में कई गैर-ब्राह्मणों से भी बातचीत की। उनकी प्रतिक्रिया बेहद घृणित रही। ब्राह्मण हमारे लिए बड़ी संपत्ति हैं। उनका बिना किसी पक्षपात के सम्मान होना चाहिए। ब्राह्मण द ग्रेट किताब लिखने में वेदाज नामक किताब से काफी मदद मिली। मैं देखकर चकित हूं कि किस तरह महान ज्ञान यहां फला-फूला। प्राचीन ब्राह्मण संतों का आभार, जिन्होंने इसे मशाल की तरह जलाए रखा।



नियाज की किताब में कौटिल्य की कहानी



आईएएस नियाज खान की किताब ब्राह्मण द ग्रेट एक फिक्शन ड्रामा है। लेकिन ये काल्पनिक कहानी सच्चाई पर आधारित है। द सूत्र से बातचीत में नियाज खान कहते हैं कि वे कौटिल्य यानी चाणक्य से बहुत प्रभावित थे इसलिए कहानी के मूल में वही हैं। इस कहानी के नायक शुभेंद्र हैं जिनको जूनियर कौटिल्य कहा गया है। शुभेंद्र अमेरिका में एक मल्टीनेशनल कंपनी के सीईओ हैं। वे जब चाणक्य को पढ़ते हैं और उनके बारे में जानते हैं तो वे सबकुछ छोड़कर अपने गौरव को प्राप्त करने निकल पड़ते हैं। उनके परिवार में सारे लोग ब्यूरोक्रेट होते हैं इसलिए वे अपने परिवार को भी छोड़ देते हैं। आखिर में वे अपना सब कुछ समर्पित कर देते हैं। ये कहानी धीरे धीरे बढ़ती है जिसमें बीच-बीच में भगवान परशुराम, कृष्ण भक्त सुदामा और असुरों को मारने के लिए अपनी ह​ड्डियां देने वाले दधीची से लेकर वेद व्यास तक से प्रेरित चरित्र आते हैं जिससे ये कहानी ब्राह्म्णों के गौरवशाली और समृद्ध इतिहास को बताती है। 



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किताब में ऐसा कुछ नहीं जिससे फतवा जारी हो



नियाज खान कहते हैं कि मुस्लिम समुदाय से होने के बाद भी उन्होंने ब्राह्म्णों के बारे में लिखने का साहस किया है। इस किताब में ऐसा कुछ नहीं है जिससे के उनका वर्ग उनसे नाराज हो या फतवा जारी करे। इस किताब में ईमानदारी है,भाईचारा है, एक बेहतर इंसान बनने का संदेश है। नियाज ने कहा कि वे न कोई रिफॉर्मर हैं,न जूनियर कौटिल्य हैं। वे सिर्फ सच्चाई को दोबारा से लोगों के सामने रख रहे हैं जिससे लोगों के विचार में ये किताब आए। कुछ लोग उनसे सहमत होंगे तो कुछ असहमत भी होंगे। लेकिन उनको लिखने का संवैधानिक अधिकार है। इसलिए उन्होंने ये किताब लिखी है। 



केंद्र में रहें ब्राह्मण



नियाज खान कहते हैं कि ब्राह्मणों को केंद्र में रहना चाहिए। समय के साथ वे केंद्र से हट गए हैं। उनको फिर से केंद्र में लाने का मौका ​देना चाहिए। ब्राह्मणों के केंद्र में आने से देश महाशक्ति बन पाएगा। और बेहतर राष्ट्र की हम कल्पना कर पाएंगे। आज के दौर में उनको उतने मौके नहीं मिल पा रहे जिसके वे हकदार हैं। नियाज ने साफ कहा कि वे न आरक्षण पर कोई टिप्पणी कर रहे हैं और नही वर्ण व्यवस्था के बारे में कुछ कह रहे हैं। ब्राह्मणों का इतिहास बताता है कि उनका ब्रेन सुपर पॉवर है। 



मोहन भागवत मेरे लिए सम्मानीय



नियाज खान ने कहा कि संघ प्रमुख मोहन भागवत का बहुत सम्मान करते हैं। उनके ब्राह्मण वाले बयान पर वे कुछ टिप्पणी नहीं कर सकते। मेरी किताब में वर्ण व्यवस्था जैसी कोई बात भी नहीं है। किसी किताब पर विवाद पैदा होना उसकी सफलता का आधार नहीं हो सकता।



जानिए कौन हैं कौन नियाज खान



नियाज खान मध्यप्रदेश कैडर के आईएएस हैं। राज्य प्रशासनिक सेवा में चयनित हुए और 2015 में प्रमोट होकर आईएएस बने हैं। नियाज को साहित्यिक मिजाज के लिए जाना जाता है। वे अब तक सात किताबें लिख चुके हैं। गैंगस्टर अबू सलेम पर किताब लिखकर चर्चित हुए थे। पिछले साल कश्मीर फाइल्स फिल्म को लेकर उनकी टिप्पणी की वजह से परेशानी से घिरे थे।


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