BHOPAL. प्रमुख सचिव प्रतीक हजेला को राज्य सरकार ने वापस असम भेज दिया है। हजेला, असम-मेघालय कैडर 1995 के आईएएस अधिकारी हैं और मध्यप्रदेश के मूल निवासी हैं। असम में एनआरसी विवाद में फंसने के बाद हजेला ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी और 3 साल के लिए मध्यप्रदेश में डेपुटेशन पर आए थे। 31 मार्च 2023 को उनका डेपुटेशन खत्म हो रहा है। मध्यप्रदेश सरकार ने उन्हें कार्यमुक्त करने का आदेश जारी कर दिया है।
राज्य सरकार ने हजेला से छीन लिए थे सभी विभाग
राज्य सरकार ने 2 दिन पहले उनसे सामाजिक न्याय विभाग वापस लिया और गुरुवार को आयुष विभाग की जिम्मेदारी भी वापस ले ली। ये दोनों विभाग प्रमुख सचिव फैज अहमद किदवई को दे दिए। वर्तमान में हजेला के पास कोई विभाग नहीं है। हजेला डेपुटेशन को बढ़वाने के प्रयास में जुटे थे, लेकिन उन्हें कोई सफलता नहीं मिली। अब उन्हें वापस असम जाना ही पड़ेगा।
असम क्यों नहीं जाना चाहते प्रतीक हजेला?
IAS प्रतीक हजेला असम नहीं जाना चाहते हैं। हजेला का कहना है कि उन्हें जान का खतरा है, यही वजह है कि उन्होंने वहां से तबादला लेने के लिए सुप्रीम कोर्ट की शरण ली थी। 30 मार्च तक डेपुटेशन नहीं बढ़ने का कोई आदेश आता ना देखकर राज्य सरकार ने उनसे विभाग छीनकर बिना काम का प्रमुख सचिव बना दिया था।
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क्या है एनआरसी विवाद?
आईएएस प्रतीक हजेला सितंबर 2013 से असम में एनआरसी कोऑर्डिनेटर पद पर थे। उन पर एक ऐसा सिस्टम तैयार करने की जिम्मेदारी थी, जिससे देश के नागरिकों की पहचान कर उनके नाम एनआरसी में शामिल किए जाएं। 31 अगस्त को आई अंतिम एनआरसी लिस्ट में आवेदन करने वाले कुल 3 करोड़ 30 लाख 27 हजार 661 में से 3 करोड़ 11 लाख 21 हजार 4 को भारत के नागरिक का दर्जा दिया गया था। 19 लाख 6 हजार 657 लोगों के नाम लिस्ट से बाहर कर दिए गए थे। इसके बाद से ही एनआरसी पर विवाद पैदा हो गया था। कई लोगों का कहना था कि सही दस्तावेज होने के बावजूद अधिकारियों ने उन्हें लिस्ट में शामिल नहीं किया। खास बात ये है कि इनमें हिंदुओं की संख्या ज्यादा थी। तब सीएए और एनआरसी लागू करने पर तुली बीजेपी सरकार के इस अभियान पर गंभीर सवाल खड़े हुए थे। असम सीआईडी ने हजेला के खिलाफ पिछले साल देशद्रोह का मुकदमा भी दर्ज किया है। उन पर राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने का आरोप लगाया गया है। असम के नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन्स (एनआरसी) के मौजूदा कोऑर्डिनेटर हितेश देव सरमा ने हजेला के खिलाफ पुलिस में ये शिकायत दर्ज कराई थी।