इंदौर में IDA से 650 करोड़ के प्लॉट के लिए 970 भूस्वामियों को एक महीने में ही मिल सकती है NOC, इनके पास पहले ही सभी दस्तावेज

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Neha Thakur
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इंदौर में IDA से 650 करोड़ के प्लॉट के लिए 970 भूस्वामियों को एक महीने में ही मिल सकती है NOC, इनके पास पहले ही सभी दस्तावेज

संजय गुप्ता, INDORE. द सूत्र की मुहिम के बाद आईडीए (इंदौर विकास प्राधिकरण) ने स्कीम 171 के दायरे में आई 13 सहकारी संस्थाओं के प्लाट होल्डर को व्यक्तिगत एनओसी देने का संकल्प बोर्ड में पास कर दिया है। इस नए प्रस्ताव के पास अब इन्हें व्यक्तिगत तौर पर आईडीए में आवेदन करना होगा, जिसके बाद यह आवेदन कलेक्टर के पास जाएगा और वह अपर कलेक्टर स्तर के अधिकारी के साथ सहकारिता विभाग की कमेटी बनाकर इसकी जांच कराकर आईडीए को अनुशंसा करेंगे। इस आधार पर संबंधित से विकास शुल्क जमा कराकर एनओसी जारी की जाएगी। 



970 भू स्वामियों को मिल सकती है एनओसी



इस मामले में पुष्पविहार कॉलोनी के लिए सबसे बड़ी राहत की बात यह है कि एक महीने के भीतर ही उनके 970 भू स्वामियों को यह एनओसी मिल सकती है। इनके प्लाट की कीमत वर्तमान में 650 करोड़ मूल्य से ज्यादा है, क्योंकि यहां एक प्लाट 70 लाख से कम का नहीं है। 



इसलिए मिल सकती है एनओसी, पहले ही हो चुकी जांच



भूमाफिया अभियान के समय तत्कालीन कलेक्टर मनीष सिंह के समय यहां भूमाफिया से जमीन मुक्त कराने के बाद कैंप लगाए गए थे और सभी से उनके दस्तावेज मांगे गए थे। अपर कलेक्टर डॉ. अभय बेडेकर के साथ सहकारिता विभाग के अधिकारियों, महू के तत्कालीन आईएएस एसडीएम सभी की कमेटी बनी थी और इन दस्तावेजों की जांच हुई थी। संस्था में 1100 से ज्यादा सदस्य है लेकिन प्रशासन ने यहां रजिस्ट्री वाले और सभी दस्तावेज रखने वाले 970 लोगों को नपती कर यहां प्लाट पर कब्जा दिया हुआ है। फिर सीएम शिवराज सिंह चौहान द्वारा सभी को कब्जा पत्र औपचारिक रूप से दे दिए गए। यानि यह सभी दस्तावेज पहले से ही अधिकृत है।



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हमारे पास राजस्व रिकार्ड तक में नाम- मिश्रा



पुष्पविहार रहवासी संघ के अध्यक्ष एनके मिश्रा ने कहा कि करीब 900 लोगों के नाम तो 1990 के दशक में ही राजस्व रिकार्ड में भी दर्ज हो चुके हैं, यानि वहां कृषि जमीन की जगह प्लाट होल्डर का नाम दर्ज है, यह हो सकता है कि किसी की मृत्यु के कारण या फिर प्लाट की बिक्री के बाद नामांतरण रहना रह हो गए हो लेकिन नाम तो राजस्व रिकार्ड में दर्ज है। इसके साथ ही रजिस्ट्री पत्र, सहकारिता में अपडेट नाम, प्रशासन के सौंपे कब्जा पत्र यह सभी मौजूद है।



चाहे तो 300-300 के लॉट में ले सकते हैं आवेदन



मिश्रा ने कहा कि फिर भी प्रशासन, आईडीए चाहे तो क्रॉस चेक कर सकता है। वह चाहेंगे तो हम 300-300 के लॉट में आईडीए को सूची दे देंगे, ताकि वह इन सभी को क्लीयर करते चले और सभी का राशि भरा जाए। इस मामले में सीएम की मंशा को पूरा करने के लिए आईडीए चेयरमैन जयपाल सिंह चावड़ा, उपाध्यक्ष गोलू शुक्ला के साथ ही कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी, विधायक महेंद्र हार्डिया, एमआईसी सदस्य राजेश उदावत से लेकर आईडीए सीईओ आरपी अहिरवार सभी ने सहयोग किया है। रहवासी संघ की यही मांग है कि बस यह प्रक्रिया अब तेजी से हो जाए, ताकि हम सभी को अपना घर बनाने की मंजूरी मिल जाए।



स्कीम 171 में पुष्पविहार का 40 फीसदी हिस्सा



आईडीए की स्कीम 171 कुल 80 हेक्ट्यर जमीन पर है, जिसमें 13 संस्थाओं की जमीन शामिल है। इसमें सबसे ज्यादा जमीन पुष्पविहार कॉलोनी यानि मजूदर पंचायत की करीब 31 हेक्टेयर है। इसके बाद देवी अहिल्या कामगार संस्था की कॉलोनी श्री महालक्ष्मी नगर की 19 हेक्टेयर और न्याय नगर कर्मचारी संस्था की न्याय नगर एक्सटेंशन की करीब 14 हेक्टेयर जमीन है। इन तीन संस्थाओं की ही कुल जमीन 63 हेक्टेयर से ज्यादा है। हालांकि न्यायनगर में कई तरह के पेंच है, इसमे सीलिंग जमीन से लेकर नोटरी पर जमीन बिकने, अतिक्रमण तक के इश्यू हैं, जिसे हल करना एक बड़ी चुनौती है, लेकिन 13 में से कई संस्थाओं के सदस्यों को एनओसी मिलने का रास्ता निकल सकता है।


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