कमलेश सारडा, NEEMUCH. मध्यप्रदेश में कृषि मंडियों के बैरियर अप्रैल 2018 से खत्म कर दिए गए हैं। यानी किसी भी बैरियर से निकलने वाले वाहनों से किसी तरह की रकम वसूल नहीं की जा सकती, लेकिन राजस्थान की सीमा से सटे नीमच के नयागांव बॉर्डर पर दंबगों ने अवैध कृषि नाका बना रखा है और रोजाना जमकर अवैध वसूली कर रहे हैं। द सूत्र ने जब मैदानी हकीकत देखी तो पता चला कि यहां दिन-रात कृषि उपज से भरे वाहनों से बेवजह वसूली की जा रही है और तो और पैसे नहीं देने पर वाहन चालकों को डराया-धमकाया जा रहा है।
जबरन रोककर वसूलते हैं पैसे, डराते और धमकाते हैं
राजस्थान से कृषि उपज सामग्री लेकर मध्यप्रदेश आ रहे किसान प्रेमचंद सिंह कि वो जैसे ही नयागांव बॉर्डर पर पहुंचे, उन्हें जबरन रोका गया और 200 रुपए की मांग की गई। पैसे नहीं देने पर इन्हें धमकाया गया और गाड़ी आगे नहीं बढ़ने दिया गया। सूत्र बताते हैं कि राजस्थान के निम्बाहेड़ा की तरफ से यहां रोजाना करीब 150 से 180 वाहन निकलते हैं और प्रत्येक गाड़ी से अवैध रूप से 200 रुपए वसूले जाते हैं। यानी 24 घंटे की वसूली का आंकड़ा 30 से 40 हजार और महीने भर का 9 से 10 लाख रुपए है।
अधिकारियों के नाम से वसूली !
सूत्र ये भी बताते हैं कि ये वसूली अधिकारियों के नाम से की जाती है। यहां अवैध वसूली को लेकर पहले भी आरोप लगते रहे हैं। इसे लेकर जब द सूत्र ने बैरियर पर सिक्योरिटी का जिम्मा संभाल रहे एक गार्ड से बात की तो गार्ड ने नौकरी की दुहाई देते हुए दबी जुबान से बताया कि ये अवैध वसूली नयागांव नगर परिषद अध्यक्ष मुकेश जाट, खोर पंचायत के सरपंच बल्लू जाट और जनपद सदस्य पूरनमल अहीर के कहने पर की जा रही है। हालांकि द सूत्र गार्ड की बात की पुष्टि नहीं करता।
द सूत्र रिपोर्टर और गार्ड की बातचीत के अंश
द सूत्र रिपोर्टर - कितने पैसे ले रहे हैं अभी?
सिक्योरिटी गार्ड - 200 रुपए प्रति गाड़ी लेते हैं।
रिपोर्टर - कौन-कौन लोग लेते हैं?
गार्ड - बल्लू और पंकज।
रिपोर्टर - ये बल्लू और पंकज किसके आदमी हैं?
गार्ड - मुकेश के हैं।
रिपोर्टर - मुकेश कौन.. मुकेश जाट, नगर परिषद अध्यक्ष?
गार्ड - हां।
रिपोर्टर - और कौन है?
गार्ड - पूरनमल।
रिपोर्टर - पूरनजी कौन हैं? जो जनपद अध्यक्ष रहे हैं वो?
गार्ड - हां.. हां।
अवैध वसूली करने वालों ने अति मचा रखी है-वाहन चालक
द सूत्र ने और पड़ताल की तो पता चला कि वाहन चालक अवैध वसूली और वसूली करने वालों से बेहद परेशान हो चुके हैं। वाहन चालक ने कहा कि हमारी कम से कम नौ गाड़ी चलती हैं अजमेर से.. एक ही मालिक की नौ गाड़ी डेली आती हैं एमपी.. मंदसौर, रतलाम, जावरा, नीमच.. इन लोगों, अवैध वसूली करने वालों ने अति मचा रखी है.. कुछ भी हो.. भले ही खाली उतरे हो.. उसमें भी 200 रुपए वसूल करते हैं। 'मामले पर जब द सूत्र ने जावद मंडी के सचिव प्रमोद जैन से बात की तो बोले कि वो खुद इस अवैध वसूली से परेशान हैं और उन्हें ऐसी शिकायतें पहले भी मिल चुकी हैं। जिसे लेकर वो एफआईआर भी दर्ज करा चुके हैं। लेकिन एफआईआर के बाद क्या हुआ.. उन्हें नहीं मालूम।
कलेक्टर बोले-आपसे मिली जानकारी, जांच करवाते हैं
इस मुद्दे पर कलेक्टर मयंक अग्रवाल बोले कि बैरियर पर इस तरह वसूली नहीं की जा सकती। कलेक्टर ये भी कह रहे हैं कि यहां कोई अधिकृत बैरियर नहीं है और ये भी कि उन्हें द सूत्र के जरिए अवैध वसूली की जानकारी मिल रही है। यानी प्रशासन की नाक के नीचे इतने बड़े लेवल पर अवैध वसूली हो रही है और कलेक्टर साहब को मीडिया या अन्य माध्यमों से जानकारी मिल रही है। ऐसे में सवाल उठता है कि प्रदेश में इतना बड़ा और खर्चीला प्रशासनिक तंत्र होने के बावजूद बैरियर पर वाहनों से खुलेआम अवैध वसूली हो रही है, फिर सरकार ने इन अफसरों को रखा ही क्यों है..?
खबर का असर-
नयागांव बॉर्डर पर कृषि मंडी के नाम से अवैध वसूली पर होगी कार्रवाई, कलेक्टर के निर्देश पर संयुक्त जांच दल का गठन
नयागांव बॉर्डर पर कृषि मंडी नाके के नाम पर अवैध वसूली किये जाने की खबर प्रकाशित की गई थी। जिसके बाद जिला कलेक्टर ने मामले को संज्ञान में लेते हुवे एक संयुक्त जांच टीम का गठन किया है। यह टीम नयागांव बॉर्डर पर मंडी नाके के नाम से होने वाली अवैध वसूली के सिलसिले में जांच कर कलेक्टर को इन की रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे। वहीं जावद तहसीलदार देवेंद्र कछावा का कहना है कलेक्टर के निर्देश पर मौके पर पहुंचे थे किंतु मेरी गाड़ी की भनक लग जाने के कारण लोग सतर्क हो गए होंगे। फिलहाल मौके पर अवैध वसूली करता कोई नही पाया गया। उल्लेखनीय है कि खबर प्रकाशित की गई थी जिसमें बताया गया कि दो साल से प्रदेश सरकार ने सभी जगह कृषि चेकपोस्ट नाके बंद कर दिए हैं। बावजूद नयागांव बॉर्डर पर यहां से गुजरने वाली गाड़ियों से 200-200 रुपये की अवैध वसूली की जा रही है।