Bhopal. अपनी 9 सूत्रीय मांगों को लेकर भोपाल के अंबेडकर पार्क में धरना प्रदर्शन कर रहे जनपद पंचायत सदस्यों को प्रशासन ने क्या हटाया, वे सभी पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के बंगले पर जा पहुंचे। बंगले के बाहर टेंट लगवाकर धरना शुरू कर दिया है। खबर मिलते ही दिग्विजय सिंह जनपद पंचायत सदस्यों से मिले और आश्वासन दिया कि कांग्रेस सरकार बनते ही पंचायती राज की संस्थाओं को अधिकार दिलाए जाएंगे।
दिग्विजय ने ही दिया था न्यौता
बताया जा रहा है कि जनपद पंचायत सदस्यों को दिग्विजय सिंह ने ही अपने बंगले में धरना देने न्यौता दिया था। दरअसल पुलिस कर्मी सभी जनपद पंचायत सदस्यों को जंगल छोड़ आए थे। जब यह बात दिग्विजय सिंह को पता चली तो उन्होंने सभी को धरना देने अपने बंगले बुला लिया। दिग्विजय सिंह ने धरना स्थल पहुंचकर कहा कि पुलिस ने जो आप लोगों के साथ बर्ताव किया वह शर्मनाक है। पुलिस ने महिलाओं तक को जंगल में छोड़ दिया। जिन अधिकारियों ने कृत्य किया है उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
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दिग्विजय सिंह ने जनपद सदस्यों से कहा है कि वे प्रदर्शन स्थगित कर अपने-अपने गांव लौट जाएं। कांग्रेस उनकी मांगों को अपने वचन पत्र में शामिल करेगी। उन्होंने कहा कि हम कभी पंचायती राज को समाप्त नहीं होने देंगे। जो महात्मा गांधी का सपना था, जो राजीव गांधी का सपना था, हम उसे पूरा करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार बनते ही 6 माह के अंदर सारे अधिकार दे दिए जाएंगे।
बीजेपी सरकार ने छीने अधिकार
धरने को संबोधित करते हुए प्रांतीय जनपद सदस्य संघ के प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र चौधरी ने कहा, गांधीजी ने ग्राम स्वराज की परिकल्पना भारत के प्रत्येक गांव को स्वतंत्र और आत्मनिर्भर बनाने के लिए किया था। उनका मानना था कि अगर गाँव नष्ट हो गये तो हिंदुस्तान भी नष्ट हो जायेगा, क्योंकि हिंदुस्तान की असली पहचान भारत के गांव ही हैं। इसलिए गांवों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए गांधी जी ने पंचायती राज व्यवस्था पर जोर दिया था। लेकिन प्रदेश में भाजपा की सरकार आते ही ग्राम पंचायतों के सारे अधिकार छीन लिए गए। शिवराज सरकार ग्राम स्वराज की परिकल्पना के खिलाफ है।