मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड में संतों के इशारे पर चलती है राजनीति, बिना इनके आशीर्वाद के नैया नहीं लगती पार

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Rajeev Upadhyay
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मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड में संतों के इशारे पर चलती है राजनीति, बिना इनके आशीर्वाद के नैया नहीं लगती पार

Bhopal. मध्यप्रदेश में संतों का गजब जलवा चल रहा है। हालात यह हैं कि संतों की जिद के आगे सरकार भी बेबस सी नजर आने लगती है। यही कारण है कि साल 2018 में प्रदेश सरकार ने संतों को राज्यमंत्री का दर्जा भी दिलवाया था। यह रवायत कमलनाथ सरकार ने भी जारी रखी। तबसे अब तक संतों को यह दर्जा दिया जा रहा है। हम बात कर रहे हैं खासकर बुंदेलखंड की जहां हर 10 कोस बाद पानी और बानी तो नहीं बदलती, संत बदल जाते हैं। 



सबसे पहले सबसे चर्चित संत की बात



सबसे पहले बात करते हैं सबसे ज्यादा सुर्खियां बटोरने वाले बागेश्वरधाम सरकार यानि पंडित धीरेंद्र शास्त्री की। जिन्हें उनके लाखों समर्थक चमत्कारी संत होने का दावा करते हैं। वहीं जिन्होंने भी उन पर हाल के दिनों में उंगली उठाई या तो उन्हें मुंह की खानी पड़ी है या फिर उनके ही आला शास्त्री से आशीर्वाद लेने पहुंच गए। जिससे उनकी घिघ्घी बंध गई। पं. धीरेंद्र शास्त्री बीते कुछ सालों से ही ज्यादा चर्चा में आ चुके हैं। खासकर तब जब उन्होंने गैर हिंदुओं की हिंदू धर्म में वापसी कराना शुरू कर दिया। 



हर रोज हजारों भक्त बागेश्वर धाम पहुंचते हैं, मंगलवार और शनिवार को यह संख्या लाखों में पहुंच जाती है। स्थानीय लोगों का कहना है कि जब से धीरेंद्र शास्त्री को लेकर मीडिया में मामला उछला, धाम पर पहुंचने वाले भक्तों की संख्या और ज्यादा बढ़ गई है। धीरेंद्र शास्त्री ने बागेश्वर धाम में 13 से फरवरी तक धार्मिक आयोजन किया था, इसमें पहले दिन कांग्रेस नेता कमलनाथ ने पहुंचकर सभी को चौंका दिया था। इतना ही नहीं एमपी के सीएम शिवराज सिंह चौहान भी धाम में आयोजित सामूहिक विवाह कार्यक्रम में पहुंचे थे।




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  • दतिया में पंडोखर सरकार का जलवा




    बागेश्वर धाम सरकार के बाद दतिया के पंडोखर सरकार भी सोशल मीडिया पर खूब नजर आ रहे हैं। धीरेंद्र शास्त्री की तरह ही पंडोखर सरकार भी पहले ही पर्चा लिखकर सामने वाले की समस्या बता देते हैं।  पंडोखर सरकार में भी बागेश्वर धाम की तरह हनुमान जी का ही मंदिर है, यहां भी दरबार लगता है। पंडोखर मध्यप्रदेश के दतिया जिले में स्थित है, यहां देश के कोने कोने से लोग आ रहे हैं। पंडोखर सरकार के नाम से विख्यात गृहस्थ संत गुरुशरण महाराज का जन्म भिंड जिले के बरहा गांव में हुआ था, बागेश्वर धाम की तरह वे भी दरबार लगाते हैं। 



    भिंड में रावतपुरा सरकार की होती है पूजा




    इसी तरह भिंड के लहार में रावतपुरा सरकार मंदिर है। जहां हर रोज हजारों की तादाद में भक्त पहुंचते हैं। गुरूपूर्णिमा और अन्य मौकों पर यह संख्या लाखों में पहुंच जाती है। राजनैतिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो रावतपुरा सरकार की पैठ छत्तीसगढ़ और उत्तरप्रदेश तक में दिखाई देती है। हर राजनैतिक दल के छोटे-बड़े नेता यहां नतमस्तक हो चुके हैं। 



    संत रविशंकर महाराज को बुंदेलखंड में रावतपुरा सरकार के नाम से प्रसिद्धि मिली है। उनका विशाल आश्रम रावतपुरा गांव के पास ही हनुमानजी मंदिर पर स्थित है। कहा जाता है कि रावतपुरा के हनुमान मंदिर में रविशंकर महाराज को सिद्धि प्राप्त हुई और उसके बाद देश-दुनिया से हजारों भक्तों की भीड़ उमड़ने लगी।



    दंदरौआ धाम की भी महिला अपरंपार 



    मध्य प्रदेश के भिंड जिले के मेहगांव में दंदरौआ धाम मंदिर है, यहां हनुमान जी का मंदिर है। दंदरौआ धाम को डॉक्टर हनुमान के नाम से भी जाना जाता है। दरअसल यहां लगातार आने वालों का दावा है कि दंदरौआ धाम में असाध्य से असाध्य रोग ठीक हो जाता है। संत रामदास दंदरौआ सरकार के प्रमुख हैं, उनके लाखों की संख्या में भक्त हैं। ऐसे में इस धाम का भी राजनैतिक रूप से काफी अहम स्थान है। नेता अक्सर यहां आशीर्वाद लेने पहुंचते रहते हैं। 


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