Chhindwara. छिंदवाड़ा में साल 2021 में मिले एक नरकंकाल के मामले में पुलिस बुरी तरह से उलझ गई है। खासकर उन पुलिस अधिकारियों को कार्रवाई का डर सता रहा है, जिन्होंने आनन-फानन में बरामद हुए कंकाल के मामले में एक पिता-पुत्र पर दोष मढ़ दिया था कि उन्होंने अपनी बेटी की हत्या कर उसे दफना दिया। दरअसल मार्च के महीने में वह मृत लड़की कंचन अचानक प्रगट हो गई थी और खुदके जिंदा होने का दावा किया। जिसके बाद पुलिस ने उसका डीएनए टेस्ट कराया था। डीएनए रिपोर्ट ने भी लड़की के दावे पर मुहर लगा दी है। बता दें कि कंचन की हत्या के मामले में उसके पिता और भाई जेल में थे, पिता को बेल मिल चुकी है लेकिन भाई अभी भी जेल में है। अब पुलिस मामले में धाराओं में बदलाव की तैयारी कर रही है।
बता दें कि छिंदवाड़ा के अमरवाड़ा थाना इलाके में सामने आए इस मामले में 29 मार्च को कंचन सामने आ गई थी। लड़की द्वारा खुदको जिंदा बताए जाने के बाद पुलिस ने उसका डीएनए सैंपल लेकर जांच के लिए भिजवाया था, जिसकी अब रिपोर्ट आ चुकी है। कंचन का कहना था कि साल 2014 में वह घर से किसी बात पर नाराज होकर घर छोड़कर चली गई थी। लेकिन जब उसे पता चला कि उसकी हत्या के मामले में उसके पिता और भाई को जेल में बंद कर दिया गया है, तो वह वापस आ गई।
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बड़ा सवाल आखिर वह कंकाल किसका था?
पुलिस ने साल 2021 में एक कंकाल बरामद कर कंचन के पिता और भाई के ऊपर हत्या का मामला लाद दिया था। अब सवाल यह उठ रहा है कि आखिर वह कंकाल किसका था, जिसे पुलिस ने बरामद किया था। मामला अभी भी अदालत में विचाराधीन है। पुलिस ने उस समय शाबासी बटोरने जो कहानी बनाई, जो साक्ष्य प्रस्तुत किए, जो चालान डायरी बनाई। कंचन के प्रगट हो जाने और डीएनए मिलान के बाद सब के सब धरे के धरे रह गए हैं।
पुलिस ने यह बनाई थी कहानी
पुलिस के अनुसार 13 जून 2014 को कंचन की हत्या उसके भाई सोनू ने लाठी के वार से कर दी थी, इसके बाद अपने पिता की मदद से शव को घर के पास खेत में दफना दिया था। साल 2021 में पुलिस ने गवाहों के सामने कंकाल बरामद किया और पंचनामा बनाया था। उस दौरान पतासाजी में परिवार की बेटी कंचन साल 2014 से ही लापता पाई गई थी। पुलिस ने एफआईआर में कंचन की हत्या के मामले में पिता और भाई पर सारे आरोप मढ़ दिए थे।