Damoh. दमोह के धर्मांतरण मामले में आज मिशनरी के संस्थान में कार्य कर रहे गैर ईसाई लोगों के द्वारा धर्मांतरण मामले में आरोपी बनाए लोगों के पक्ष में एक ज्ञापन दमोह एसपी के अलावा भारत सरकार के केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल को सौंपा है। जिसमें उन्होंने देहात थाने में दर्ज 10 लोगों के ऊपर हुई एफआईआर के मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की है।
गैर ईसाई लोगों ने बताया पिछले दिनों एमआईसीएस, नव जागृति स्कूल, आधार शिला संस्थान के 10 सदस्यों पर देहात थाने में धर्मांतरण सहित विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था जो तथ्यहीन है। शहर के प्रमुख मार्गाे से होते हुए यह लोग जटाशंकर स्थित केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल के आवास पहुंचे और ज्ञापन सौंपकर उन्होंने मांग की है कि इस मामले की निष्पक्षता से जांच की जाए।
जमानत पर फैसला सुरक्षित
दमोह में मिशनरी के बाल गृहों में धर्मांतरण कराने के मामले में आरोपी बनाए गए डॉ . अजय लाल की अग्रिम जमानत अर्जी पर हाईकोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई है । जस्टिस संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने सभी पक्षों को सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रखा है । मामले पर सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से अजय लाल को जमानत देने का विरोध किया गया। सरकार की ओर से कहा गया कि मामला बेहद संवेदनशील है यदि इसमें आरोपी को जमानत दी जाती है , तो वो साक्ष्यों और गवाहों को प्रभावित कर सकता है । अजय लाल की ओर से दलील दी गई कि वो निर्दाेष है और उसे बेवजह मामले में फंसाया गया है।
बता दें कि 13 नवंबर को राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने दमोह में मिशनरी द्वारा संचालित बाल गृहों का दौरा किया था । निरीक्षण के बाद उन्होंने आधारशिला संस्थान के संचालक और मिड इंडिया क्रिश्चियन सर्विसेस के सदस्य डॉ . अजय लाल सहित 10 लोगों के खिलाफ देहात थाना में धर्मांतरण की एफआईआर दर्ज करवाई थी । इस मामले में अजय लाल सहित सभी आरोपी फरार हैं । इससे पहले दमोह के सत्र न्यायालय ने 17 नवंबर को डाक्टर लाल को अग्रिम जमानत का लाभ देने से मना कर दिया था।
शासकीय अधिवक्ता राजीव बद्री सिंह ने बताया कि आरोपी को जमानत देने से केस कमजोर होने की संभावना थी इसलिए आपत्ति प्रस्तुत की गई थी जिस पर न्यायालय ने जमानत नामंजूर कर दी थी , इसके बाद मामला हाई कोर्ट गया था।