दमोह में सरकारी कर्मचारी का देश प्रेम जुनून, सेना में नहीं जा पाए तो 36 साल से भारत माता की प्रतिमाएं स्थापित कर रहे

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Rajeev Upadhyay
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दमोह में सरकारी कर्मचारी का देश प्रेम जुनून, सेना में नहीं जा पाए तो 36 साल से भारत माता की प्रतिमाएं स्थापित कर रहे

Damoh. कभी-कभी लोग अपने सपने को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं और सफलता से एक कदम दूर यदि विफलता हाथ लग जाए तो वे बुरी तरह टूट जाते हैं लेकिन दमोह में एक ऐसे शख्स हैं, जिनका सपना तो टूट गया लेकिन बावजूद इसके उन्होंने अपने जज्बे में कोई कमी नहीं आने दी। कुछ ऐसी ही कहानी है दमोह के दीपक साहू की। वैसे तो वे शासकीय सेवक हैं और भू-अभिलेख विभाग में मानचित्रकार और अनुलेखक के पद पर पदस्थ हैं, लेकिन उनका सपना अपने बदन में इंडियन आर्मी की वर्दी पहनने का था। सपना पूरा नहीं हो पाया तो वे अपनी देशभक्ति के जुनून में हर साल भारत माता की प्रतिमा स्थापित करते हैं। 



नवरात्रि पर लोग मां दुर्गा की स्थापना करते हैं, मगर दीपक साहू भारत माता की झांकी की स्थापना करते हैं। क्वार की नवरात्रि में दशहरा चल समारोह निकलता है। उसमें साहू भारत का स्वदेशी सैन्य पराक्रम दिखाने और लोगों को देश के प्रति जागरूक करने के लिए झांकी निकालते हैं। साहू स्वयं की राशि से स्वदेशी सैन्य पराक्रम के हथियारों की झांकी बनवाते हैं और उनका प्रदर्शन करने के लिए निकालते हैं। अब तक वे आकाश मिसाइल, अर्जुन टैंक, फाइटर प्लेन मिग 20, पृथ्वी मिसाइल, ब्रम्होस समेत अनेक झांकियां निकाल चुके हैं। 



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चरित्र प्रमाण-पत्र के चलते नहीं हो पाया था सिलेक्शन



भू-अभिलेख विभाग में पदस्थ मानचित्रकार व अनुलेखन दीपक साहू ने बताया कि वे सेना में जाना चाहते थे। चयन होने के बाद चरित्र प्रमाण पत्र न बनने से वे ज्वाइन नहीं कर पाए, लेकिन देश भक्ति में कोई कमी नहीं होने दी। साहू इमलाई में हर नवरात्रि पर नवदुर्गा मां की जगह भारत माता की करीब 15 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित करते हैं। इमलाई में भारत माता चबूतरा के पास साहू अब तक आकाश मिसाइल, अर्जुन टैंक, फाइटर प्लेन मिग 20, पृथ्वी मिसाइल, ब्रह्मोस, अग्नि, त्रिशूल सहित अनेक मिसाइल तैयार करके उनके झांकी निकाल चुके हैं।



देवी प्रतिमा रखने वाले की हो जाती थी मौत



दीपक साहू ने बताया कि 1982 में वे हॉकी खेलने के लिए इमलाई जाते थे, वहां पर कुछ लोगों ने बताया कि यहां पर मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित नहीं की जा सकती है। आसपास के लोगों से कारण जाना तो पता चला कि यहां पर जो प्रतिमा स्थापित करता है उस की मौत हो जाती है। साहू ने खिलाड़ियों के साथ निर्णय लिया कि यहां पर मां दुर्गा की झांकी न रखकर उनकी जगह भारत माता की झांकी जमाई जाए। 1992 से ही लगातार भारत माता की झांकी ही स्थापित की जाती है जो पूरे जिले में चर्चित है और लोग ऐसे देश प्रेमी युवा की काफी तारीफ भी करते हैं।


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