Damoh. बहु भी बेटी ही होती है और इसी धारणा को दमोह के एक परिवार ने सच साबित कर दिखाया है। इस परिवार ने अपने बेटे की मौत हो जाने पर बहु का पुनर्विवाह कराकर बेटी की तरह विदा किया है। परिवार द्वारा लिए गए इस निर्णय की सभी के द्वारा सराहना की जा रही है। विधवा बहू के लिए रिश्ता तलाशने से लेकर शादी कराने का पूरा जिम्मा सास और ससुर ने मिलकर निभाया है।
बता दें दमोह के सरस्वती कॉलोनी निवासी विनोद जैन के बेटे साहुल जैन का 29 नवंबर 2015 को बीमारी के चलते निधन हो गया। साहुल का विवाह अप्रैल 2011 में हुआ था , लेकिन शादी के चार साल बाद ही उसकी तबीयत बिगड़ने पर मौत हो गई । कुछ समय बाद ससुर विनोद जैन को अपने बेटे की मौत के बाद बहू की जिंदगी को लेकर चिंता सताने लगी और इसी के चलते वह बीमार रहने लगे जिसके बाद उनकी बायपास सर्जरी भी कराई गई इससे विनोद जैन और चिंतित हो गए। इसके बाद उन्होंने परिवार में सलाह कर अपनी बहू के पुनर्विवाह का निर्णय लिया और रिश्ता खोजना शुरू किया साथ ही बहु से भी इस संबंध में बात की।
इसके बाद सागर निवासी एक परिवार के बेटे से रिश्ता पक्का हुआ । वर पक्ष भी रिश्ते के लिए राजी हो गया और ससुर की मंशानुसार बहू भी राजी हो गई और दो दिन पहले वर पक्ष दमोह पहुंचा और धूमधाम से रीति रिवाजों के अनुसार विवाह संपन्न कराया गया। दमोह के वीरांगना अवंती बाई भवन में संस्कृत के विद्वान रिटायर प्रोफेसर भागचंद भागेंद्र ने देव शास्त्र गुरु को साक्षी मानकर विवाह सम्पन्न कराया। उपस्थित लोगों ने वर वधु पर पुष्प वर्षा कर उन्हे आशीर्वाद दिया और बहु के ससुराल वालों द्वारा लिए गए इस निर्णय की काफी सराहना की।