Damoh. दमोह के बटियागढ थाना अंतर्गत सुपारी देकर हत्या कराने के सनसनीखेज मामले में दमोह विशेष न्यायाधीश शरद चंद्र सक्सेना ने षडयंत्र पूर्वक हत्या के मामले में 2 आरोपियों को आजीवन कारावास एवं जुर्माने की सजा से दंडित किया है। इस मामले में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है की पुरानी बुराई के चलते पत्नी के गहने गिरवी रखकर हत्यारों को सुपारी दी गई थी।
कुल्हाड़ी से हुई थी हत्या
मामले में पैरवीकर्ता विशेष लोक अभियोजक अनंत सिंह ठाकुर और सतीश कपस्या ने बताया कि 31 अगस्त 2020 की रात इस मामले में फरियादी अपने गांव सकतपुर पैदल जा रहा था। जैसे ही वह देवता मासाब के खेत के पास मेन रोड के पास पहुंचा तो उसने टार्च के उजाले में देखा तो वहां गांव का रहने वाला अच्छेलाल मृत पड़ा था और किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा अच्छेलाल को धारदार हथियार से गर्दन एवं चेहरे में चोट पहुंचाकर उसकी हत्या कर दी। इस बात की जानकारी फरियादी ने गांव में जाकर जाकर सरपंच मेघराज एवं मृतक के परिजन को दी । सरपंच ने डायल 100 पर पुलिस को सूचना दी थी । पुलिस मौके पर पहुंची और मामला पंजीबद्ध किया गया। पुलिस ने विवेचना के दौरान संदेही सुदामा से पुलिस ने पूछताछ की तो उसने अपने दोस्त बाबूलाल एवं उसके जीजा धर्मेंद्र , रामगोपाल साहू एवं कल्याण के साथ षड़यंत्र रचकर उसने एवं बाबूलाल ने मृतक की कुल्हाड़ी से हत्या करने की बात स्वीकार की।
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नहीं था कोई चश्मदीद गवाह
इस प्रकरण में कोई साक्षी नहीं था , जिसने घटना होते हुए देखी हो, लेकिन परिस्थितिजन्य साक्ष्य तथा न्यायालय में आई साक्ष्य और अभियोजन प्रस्तुत तर्कों एवं साक्ष्यों के आधार पर न्यायालय ने आरोपी सुदामा उर्फ भय्यू बाबू उर्फ बाबूलाल रैकवार को धारा 302 में आजीवन कारावास एवं अन्य तीन आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त किया गया। मामले की विवेचना तत्कालीन बटियागढ़ थाना प्रभारी दीपक खत्री द्वारा की गई । अभियोजन के अनुसार प्रकरण के एक आरोपी रामगोपाल द्वारा अपने गांव के ही अच्छेलाल से पुरानी बुराई के चलते उसकी हत्या के लिए आरोपियों को सुपारी दी थी । रामगोपाल के पास पैसे नहीं थे तो उसने अपनी पत्नी के गहने गिरवी रखकर पैसे उठाए थे और अच्छेलाल की हत्या करवाने के लिए सुपारी दी थी, लेकिन षडयंत्रकारियों को संदेह का लाभ देकर दोषमुक्त किया गया व हत्या करने वाले आरोपीगण को आजीवन कारावास की सजा हुई।