Jabalpur. जबलपुर में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका और उप कार्यकर्ताओं की नियुक्ति को लेकर बुलाई गई जिला स्तरीय आपत्ति निराकरण समिति की बैठक में हंगामा हो गया। जिला पंचायत कार्यालय में कुछ जिला पंचायत सदस्यों के अलावा उम्मीदवारों ने भी प्रक्रिया पर सवाल उठाए। इन लोगों ने गड़बड़ी का आरोप लगाकर प्रक्रिया रोकने की मांग की। आपत्तिकर्ताओं को हाईअथॉरिटी के पास अपील करने का विकल्प होने की बात कहकर आपत्ति को खारिज कर दिया गया।
जिला पंचायत में महिला एवं बाल विकास समिति की बैठक सभापति मोनू पुष्पराज बघेल की अध्यक्षता में आयोजित की गई थी। एसडीएम की तरफ से की गई आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका और उपकार्यकर्ताओं की नियुक्ति में प्राप्त आपत्तियों का निराकरण किया गया। बैठक में जिला पंचायत की तरफ से अतिरिक्त कार्यपालन यंत्री मनोज सिंह शामिल हुए। जिला पंचायत सदस्य अंजलि पांडे एवं एकता ठाकुर ने आरोप लगाया कि अयोग्य उम्मीदवारों को नियुक्ति दी गई है।
बैठक के दौरान उपाध्यक्ष विवेक पटेल भी सभाकक्ष में पहुंचे। उन्होंने प्रक्रिया को रोकने की मांग की। ऐसे में काफी देर तक हंगामा होता रहा। जिला पंचायत सदस्यों ने आरोप लगाया कि उम्मीदवार विधवा है, उसने अपने मायके से आवेदन किया जबकि ससुराल में तमाम प्रकार के दस्तावेजों में उसका नाम है। इसी प्रकार एक उम्मीदवार ने प्रदेश से कला संकाय में 12वीं कक्षा उत्तीर्ण की। वहीं कोविड के दौरान उसने पश्चिम बंगाल से विज्ञान विषय में 12वीं पास कर ज्यादा अंक प्राप्त कर लिए।
उनका आरोप था कि इस पर आपत्ति के बावजूद नियुक्ति को सही मान लिया गया। जिला पंचायत के अतिरिक्त सीईओ मनोज सिंह ने बताया कि कमेटी का काम केवल दावे-आपत्तियों की सुनवाई करना था। यह प्रक्रिया पूरी की गई। दस्तावेज देखे गए हैं। जिन प्रकरणों में संदेह था, जांच की गई। करीब 5 प्रकरणों को वापिस भी भेजा गया है।