Katni, Rahul Upadhyay. प्रदेश सरकार प्रदेश की लाड़ली बहनों के लिए एक योजना लेकर आई है, लेकिन अंत्योदय तक विकासपरक योजनाओं का लाभ दिलाने का दावा करने वाली सरकार में एक लाड़ली बहना के शव से जेवर उतारकर परिजनों को बेचना पड़े। कारण सिर्फ यह था कि शव को घर तक ले जाने शव वाहन में डीजल डलवाने उनके पास पैसे नहीं थे और वाहन चालक पेट्रोल पंप पर इस बात पर अड़ गया था कि डीजल नहीं डलवाया जाएगा तो गाड़ी आगे नहीं बढ़ेगी। कटनी में हुई इस घटना के उजागर होने के बाद प्रशासनिक अधिकारी अब बगलें झांक रहे हैं और एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं।
पूर्व विधायक ने कराई थी शव वाहन की व्यवस्था
पूर्व विधायक कुंवर सौरव सिंह के कार्यकाल मैं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में शव को लाने ले जाने के लिए शव वाहन की व्यवस्था की गई थी। उसके बावजूद भी केंद्रो में शव वाहन न मिल पाना कोई बड़ी बात नहीं है। बड़ी बात तब हो गई जब मानवता को तार तार कर,देने वाला मामला प्रकाश में आया। जहां मृतक के परिजनों को शव को घर ले जाने के लिए सरकारी वाहन में डीजल डलवाने के लिए मृतक के जेवर बेचने पड़ गए ।
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मामला कटनी जिले की रीठी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कहां है।जहां पर लगभग 45 वर्षीय सिमराकल निवासी सरोज बाई पति गोपाल सिंह जो पेट दर्द की समस्या से रीठी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मृत्यु हो गई । मृतक महिला के परिजनों ने बताया कि महिला के शव को घर ले जाने के लिए सरकारी वाहन की मांग के दौरान तैनात कर्मचारियों द्वारा डीजल भरवाने की बात की गई थी। जिसके बाद वाहन चालक स्वास्थ्य केंद्र से निकलकर सीधे पेट्रोल पंप जा पहुंचा और डीजल भरवाने के लिए अड़ गया। मजबूरीवश परिजनों को मृतका के जेवर उतारकर बाजार में बेचना पड़े। गाड़ी में डीजल डलवाया गया तब कहीं जाकर मृतका का शव उसके घर तक पहुंच पाया।
एकदूसरे पर ठीकरा फोड़ रहे अधिकारी
कटनी के रीठी की बीएमओ डॉ बबीता सिंह ने बताया कि दिन में पेटदर्द से परेशान महिला सीएचसी आई थी। स्थिति गंभीर होने पर कटनी रेफर किया गया था लेकिन रास्ते में ही मौत हो गई थी। शव वाहन मुहैया कराने के समय डॉ सौरभ लहरिया ड्यूटी पर थे। वाहन मुहैया होने के बाद चालक घर छोड़कर आया था, वाहन संबंधी बात हमसे नहीं हुई। सामान्य मौत के चलते पीएम भी नहीं करवाया गया।