दमोह के नौरादेही अभयारण्य में बाघ शावक सीखने लगे शिकार के गुर, विदेशी सैलानियों की हो रही आमद, हो रही जंगल की साफ-सफाई

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Rajeev Upadhyay
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दमोह के नौरादेही अभयारण्य में बाघ शावक सीखने लगे शिकार के गुर, विदेशी सैलानियों की हो रही आमद, हो रही जंगल की साफ-सफाई

Damoh. 12 बाघों की दहाड़ से गुलजार हो रहे नौरादेही अभयारण्य में अब विदेशी सैलानी भी आकर प्रदेश के सबसे बड़े अभ्यारण्य का लुत्फ उठा रहे हैं। इन सैलानियों ने अभयारण्य की सैर करते हुए जंगल को देखा और काफी सराहना भी की। वहीं नौरादेही में घूम रहे 6 शावक वर्तमान में अपनी नानी और मां के साथ शिकार की बारीकियां सीख रहे हैं और दोनों ही माताएं अपने बच्चों को शिकार के तरीके सिखा रही हैं। धीरे-धीरे यह शावक बड़े शिकार को भी अपना निशाना बनाने की फिराक में लगे हैं।



नौरादेही अभ्यारण्य में वर्तमान में छह शावक हैं जो वयस्क होते जा रहे हैं और गश्ती दल में शामिल वन कर्मियों को यह शावक एक दूसरे के साथ अपनी मां और नानी राधा के साथ भी घूमते हुए दिखाई दे जाते हैं। कभी-कभी ये अकेले ही जंगल की सैर पर निकल पड़ते हैं। यह शावक छोटे जानवरों का शिकार कर अपना पेट भरने लगे हैं और मां पर आश्रित रहना कम करते जा रहे हैं। वन कर्मियों ने भी बताया कि नौरादेही में छह शावक हैं, जो 16 से 17 माह के हो चुके हैं और जंगल में घूमने वाले पालतु पशुओं का शिकार करने लगे हैं। एक सप्ताह में इन शावकों ने अलग- अलग स्थानों पर पालतू जानवरों का शिकार किया है।




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  • जर्मनी से आए सैलानी



    होली पर्व पर जहां पूरे प्रदेश से लोग नौरादेही अभयाणय घूमने आए थे वहीं जर्मनी से भी विदेशी मेहमान आए थे। जिन्होंने नौरादेही अभ्यारण की जमकर सराहना की क्योंकि यहां की वनस्पति, जलवायु, नदियां तालाब में पर्याप्त पानी है जिनमें अनेक तरह के जीव जंतु उन्होंने देखे।



    रेजों में चल रहा सफाई सुरक्षा कार्य



    अभ्यारण के अंतर्गत छह रेंज में आती हैं और सभी रेंज में शाकाहारी, मांसाहारी जानवर फैले हुए हैं, जो अपना आशियाना बनाकर अलग-अलग ठिकानों पर रह रहे हैं। गर्मी शुरू होते ही जंगलों में आग का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए अभ्यारण की सभी रेंज में वर्तमान समय में सफाई सुरक्षा कार्य बड़े जोरों से चल रहा है, जिससे आग से जंगल सुरक्षित रह सकें। क्योंकि कभी भी आग लगती है तो उसमें जंगली जानवरों को भी बड़ा नुकसान हो सकता है।



    और बढ़ेगा बाघों का कुनबा



    अभयारण में बाघिन राधा ने पहली बार दो मादा और एक पुरूष शावक को जन्म दिया था। इनमें बाघिन की बेटी एन 12 ने दो शावकों को जन्म दिया था। साथ ही बाघिन राधा ने दूसरी बार में छह नवंबर 2021 को चार शावकों को जन्म दिया, लेकिन राधा की दूसरी बेटी अभी तक गर्भवती नहीं हुई। जबकि बीच-बीच में इस बात की चर्चाएं होती हैं कि एन 11 भी गर्भवती है। इसके संबंध में जब नौरादेही अभयारण के अधिकारियो से चर्चा कि तो किसी ने भी राधा की पहली संतान में जन्मी दूसरी बाघन के गर्भवती होने की पुष्टि नहीं की।




    बता दें कि नौरादेही में 2018 में एक बाघ और एक बाघिन राधा को लाया गया था और राधा ने ही यहां बाघों का कुनबा बढ़ाया है और संख्या 11 पहंुच गई जबकि एक बाघ नौरादेही अभयारण्य को उपहार स्वरूप मिल गया जो शायद पन्ना टाईगर रिजर्व से चलते हुए नौरादेही पहंुच गया और बाघ किशन और बाघिन राधा के परिवार ने उसे अपना भी लिया और उसे यहां रहते हुए दो साल हो गए हैं।


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