Seoni. विधानसभा चुनाव कर्नाटक में हो रहे हैं लेकिन पहले बजरंग दल और अब बजरंग बली को लेकर मध्यप्रदेश में घमासान मचा हुआ है। पूरे सप्ताह बजरंग दल पर प्रतिबंध को लेकर जगह-जगह प्रदर्शन हुए, जबलपुर में कांग्रेस दफ्तर में तोड़फोड़ हो गई। वहीं अब बजरंग बली को लेकर एक कांग्रेस विधायक ने बड़ा बयान दे डाला है। सिवनी के उड़पानी गांव में आयोजित कांग्रेस कार्यकर्ता सम्मेलन में बरघाट विधायक अर्जुन सिंह काकोड़िया बोले कि बजरंग बली आदिवासी थे। बजरंग दल के कार्यकर्ता उनका नाम लेकर उन्हें अपमानित न करें, वरना आदिवासी समाज उन्हें छोड़ेगा नहीं।
जंगल में रहते थे हनुमान, इसलिए आदिवासी
काकोड़िया ने मंच पर अपने उद्बोधन में कहा कि बजरंग दल, आरएसएस और राम सेना के लोगों ने आदिवासियों को पीटा है। वे बजरंग बली की बात करते हैं, जबकि बजरंग बली तो खुद आदिवासी थे। वे जंगलों में निवास करते थे और उन्होंने भगवान राम की रक्षा की, उनकी सहायता की। वहां पर कोई करणी सेना नहीं गई, क्षत्रिय नहीं गए, ब्राम्हणों की सेना नहीं गई। वहां पर अगर किसी ने भगवान की मदद की तो वह आदिवासियों ने की। हम यह कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे कि कोई हमारे बजरंग बली, जो आदिवासी हैं, उनका कोई अपमान करेगा। उनका नाम लेकर कोई सड़क पर उतरेगा, बदनाम करेगा, तो आदिवासी उसको छोड़ेंगे नहीं।
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कमलनाथ भी थे मंच पर मौजूद
बता दें कि काकोड़िया के उद्बोधन के दौरान मंच पर कांग्रेस के पीसीसी चीफ कमलनाथ भी मौजूद थे। हालांकि इस मुद्दे पर कहा कि कर्नाटक मैनिफेस्टो में बजरंग दल पर बैन लगाने की बात स्पष्ट रूप से लिखी हुई है। सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि जो व्यक्ति या संस्था नफरत और विवाद पैदा करें तो उन पर सख्त कार्रवाई की जाए। हम किसी को टारगेट नहीं कर रहे, आम जनता भी चाहती है कि उन पर सख्त कार्रवाई की जाए।
चुनाव आते ही तय होने लगती है बजरंग बली की जाति
यह पहली बार नहीं है कि रामभक्त हनुमान की जाति का विश्लेषण राजनेताओं द्वारा किया गया हो। उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी एक मर्तबा पवनपुत्र हनुमान को दलित करार दे चुके हैं। अब कांग्रेस विधायक ने उन्हें आदिवासी बताया है। अब देखना यह होगा कि काकोड़िया के बयान पर सनातन धर्म और संत समाज क्या प्रतिक्रिया देता है।