Jabalpur. दोपहिया वाहन चालकों के लिए हेलमेट की अनिवार्यता के मामले में हाईकोर्ट ने सरकार के रवैए पर नाराजगी जताई है। अदालत ने सरकार से पूछा है कि दोपहिया वाहन चालकों के लिए हेलमेट की अनिवार्यता के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं? एक जनहित याचिका पर मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ व जस्टिस विशाल मिश्रा की खंडपीठ ने गृह विभाग और परिवहन विभाग के प्रमुख सचिवों को हलफनामा पेश करने के निर्देश दिए। मामले में अगली सुनवाई 4 सप्ताह बाद होगी।
ग्वालियर की विधि छात्रा ऐश्वर्या शांडिल्य ने 2021 में ग्वालियर बेंच में जनहित याचिका दायर की थी। मामले की गंभीरता और व्यापकता को देखते हुए चीफ जस्टिस ने यह याचिका ग्वालियर पीठ से मुख्यपीठ जबलपुर ट्रांसफर कराई थी। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया है कि मोटर व्हीकल एक्ट और नियमों में दोपहिया वाहन चालकों के लिए हेलमेट पहनना अनिवार्य है। उन्होंने बताया कि परिवहन विभाग एक परिपत्र जारी कर कह चुका है कि जिस एजेंसी से वाहन खरीदा जाए, वहीं से क्रेता को हेलमेट भी बेचा जाए।
याचिका में बताया गया कि प्रदेश में केवल कागजों पर कार्रवाई हो रही है, धरातल पर नियमों का पालन नहीं हो रहा। मामले पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सरकार के रवैए पर नाराजगी जाहिर कर चुके हैं। चीफ जस्टिस ने ओपन कोर्ट में कहा कि सरकार क्या कर रही है? उन्होंने कहा कि आम जनता से कानून का पालन सुनिश्चित कराना सरकार की ड्यूटी है। सरकार इस मसले को हल्के में नहीं ले सकती। मामले की अगली सुनवाई 4 हफ्ते बाद नियत की गई है।