पूर्व स्पीकर सुमित्रा महाजन के घर हुई गोपनीय बैठक, उनकी सहमति- सुझाव के बाद जनप्रतिनिधियों की बैठक में आया अंडरग्राउंड प्रोजेक्ट

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Pratibha Rana
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पूर्व स्पीकर सुमित्रा महाजन के घर हुई गोपनीय बैठक, उनकी सहमति- सुझाव के बाद जनप्रतिनिधियों की बैठक में आया अंडरग्राउंड प्रोजेक्ट

संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर मेट्रो शहर के मध्य क्षेत्र हाईकोर्ट से लेकर एयरपोर्ट तक अब नौ किमी तक जमीन के 70 फीट नीचे अंडरग्राउंड 90 किमी की रफ्तार से चलेगी। पहले इसे पिलर पर चलाने की योजना थी, जिसे लेकर पूर्व स्पीकर सुमित्रा महाजन ने खासी आपत्ति ली हुई थी। मेट्रो अंडरग्राउंड चलाने की घोषणा और जानकारी देने से पहले मेट्रो एमडी मनीष सिंह के साथ अन्य पदाधिकारी शनिवार ( 22 अप्रैल) सुबह सबसे पहले महाजन के घर पहुंचे। यहां उनके साथ आर्किटेक्ट हिमांशु दूधवाडकर भी मौजूद थे। इस गोपनीय बैठक के दौरान सिंह ने सबसे पहले महाजन को पूरा यह प्लान बताया। इसमें महाजन ने भी अपनी मुख्य आपत्तियां बताई, इसका निराकरण किया गया। इसके बाद शाम को फिर जनप्रतिनिधियों और मीडिया को इस प्लान की जानकारी दी गई। बताया गया कि सितंबर माह में इंदौर में ट्रायल रन होगा।





महाजन की आपत्तियों का निराकरण हुआ, फिर मीटिंग में रखा गया





महाजन ने पलासिया से मेट्रो को पिलर पर ले जाने का विरोध का कारण बताया था कि इससे गांधी हॉल, राजबाड़ा इन सभी को खतरा था। दूसरा इससे लोगों को खासी समस्या होगी क्योंकि जमीन की कीमत बहुत है। उनके सामने से पिलर बनने और मेट्रो गुजरने से उनके व्यावसायिक स्थल पर समस्या आएगी। मेट्रो के अधिकारियों ने उन्हें घर जाकर पूरा प्लान बताया और कहा कि राजवाड़ा से दूर से मेट्रो गुजरेगी। सब अंडरग्राउंड होगा और किसी को समस्या नहीं आएगी। महाजन ने इस पर अपनी सहमति दी, इसके बाद यह प्रोजेक्ट मीटिंग में रखा गया। 





पहले इस तरह के प्रस्ताव थे





पहले मेट्रो के प्रारंभिक प्रोजेक्ट के तहत ट्रेन रीगल टॉकीज के पास से अंडर ग्राउंड होकर बड़ा गणपति से एलिवेटेड होना थी। बाद में शहर के बीच में अंडर ग्राउंड के बजाय एलिवेटेड ट्रेन चलाए जाने का प्रस्ताव आया। क्योंकि व्यापारिक संगठन विरोध कर रहे थे। साथ ही इनके साथ महाजन भी थी। शहर के मध्य क्षेत्र में ट्रेन रूट के अलाइनमेंट, अंडरग्राउंड या एलिवेटेड ट्रेन चलाने को लेकर क्षेत्र के व्यापारियों, जन प्रतिनिधियों के मत अलग-अलग थे। कुछ स्थानों को लेकर विरोध भी था। अफसरों का दावा है कि नए प्लान से सभी पक्ष सहमत हैं। जन प्रतिनिधियों ने नए प्लान पर सहमति भी जता दी है।





इस तरह रहेगा अंडरग्राउंड रूट





हाई कोर्ट से लेकर एयरपोर्ट तक अंडरग्राउंड मेट्रो पलासिया के बाद इंदौर हाई कोर्ट से पहले प्रारंभ होगी। यह नगर निगम वर्कशॉप से होती हुई छोटा गणपति, बड़ा गणपति, रामचंद्र नगर होते हुये एयरपोर्ट के आगे पहुंचेगी। बड़ा गणपति के बजाय एयरपोर्ट के आगे जाकर बाहर (एलिवेटेड) निकलेगी। शहर के मध्य करीब 9 किमी हिस्से में ट्रेन जमीन के 70 फीट नीचे 90 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगी। सांसद शंकर लालवानी, मंत्री तुलसी सिलावट, महापौर पुष्यमित्र भार्गव की मौजूदगी में रखे गए प्लान के अनुसार, राजबाड़ा व छत्रियों जैसी इमारतों पर असर न हो, इसलिए इनसे करीब 250 मीटर दूर से मेट्रो गुजारी जाएगी। रीगल टॉकीज के बजाय उसके सामने रानी सराय (डीसीपी दफ्तर) के पास अंडर ग्राउंड स्टेशन बनाएंगे। इन मार्गों पर पांच स्टेशन बनाए जाने की जानकारी दी गई। मध्य क्षेत्र में मेट्रो का रूट और अलाइनमेंट फाइनल हो गया है। 





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महाकाल मंदिर से इंदौर-पीथमपुर के बीच 85 किमी का मेट्रो प्लान





बैठक में बताया गया कि महाकाल मंदिर से इंदौर व पीथमपुर के बीच 85 किमी मेट्रो चलाएंगे। मंदिर से लवकुश चौराहे तक 49 किमी में 9 स्टेशन होंगे। यहां से मेट्रो मरीमाता, इमली बाजार, राजबाड़ा, महूनाका, राऊ, पीथमपुर जाएगी। मेट्रो के एमडी मनीष सिंह ने बताया कि शहर में प्रायोरिटी कॉरिडोर पर सितंबर में ट्रायल रन होगा। पलासिया तक के भी टेंडर हो गए हैं। बैठक में मंत्री तुलसी सिलावट ने कहा कि मेट्रो का इंदौर से उज्जैन महाकाल मंदिर और इंदौर से पीथमपुर तक विस्तारीकरण  अत्यंत जरूरी है। इस संबंध में मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुरूप शीघ्र कार्य प्रारंभ किए जाए। इंदौर से उज्जैन मार्ग और पीथमपुर तक के मार्ग के बारे में बताया गया कि फिजिबिलिटी सर्वे का कार्य पूरा हो गया है। बताया गया कि इंदौर से उज्जैन मार्ग पर उज्जैन सहित सांवेर धरमपुरी, लवकुश चौराहा आदि जगहों पर स्टेशन बनाए जाना प्रस्तावित किया गया है। इसी तरह पीथमपुर मार्ग के संबंध में भी चर्चा की गई। इंदौर से उज्जैन मेट्रो होने से आगामी 2028 में होने वाले सिहस्थ में फायदा मिल सकता है।





सांसद ने कहा शहर की जीवन रेखा बनेगी मेट्रो





सांसद शंकर लालवानी ने कहा कि मेट्रो इंदौर की जीवन रेखा बनेगी। मेट्रो का विस्तारीकरण वर्तमान समय और भविष्य के लिए बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा की प्रस्तावित इकोनॉमिक कॉरिडोर, स्मार्ट इंडस्ट्रीयल कॉरिडोर, फिनटेक सिटी और रेडिमेट गारमेंट पार्क के निर्माण से औद्योगिक विकास को नई गति मिलेगी। विकास को नए पंख लगेंगे। उन्होंने कहा कि इससे लाखों लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे।। एमपीआईडीसी के प्रबंध संचालक मनीष सिंह ने औद्योगिक विकास तथा एरिया, डेवलपमेंट स्कीम के तहत प्रकियाधीन दो प्रमुख प्रोजेक्ट इकॉनामिक कॉरिडोर और पीथमपुर औद्यागिक क्षेत्र के सेक्टर-7 में विकसित किए जाने वाले स्मार्ट इंडस्ट्रीयल पार्क और मेट्रो की प्रगति और इसे इंदौर से सांवेर होकर उज्जैन तक और इंदौर से पीथमपुर तक विस्तारित करने और अलायमेंट के संबंध में विस्तार से जानकारी दी।





बैठक में यह सभी उपस्थित रहे





बैठक में जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, सांसद शंकर लालवानी, महापौर पुष्यमित्र भार्गव, इंदौर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष जयपाल सिंह चावड़ा, उपाध्यक्ष  गोलू शुक्ला, अनुसूचित जाति वित्त विकास निगम के अध्यक्ष सावन सोनकर, विधायक रमेश मेंदोला, मालिनी गौड़ और महेन्द्र हार्डिया, पूर्व विधायक मनोज पटेल, सुदर्शन गुप्ता और राजेश सोनकर, गौरव रणदिवे और मधु वर्मा सहित अन्य जनप्रतिनिधि, एमपीआईडीसी के प्रबंध संचालक मनीष सिंह, कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी, एमपीआईडीसी के कार्यकारी निदेशक रोहन सक्सेना सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।



 



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