संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर के सुदामानगर स्थित स्कूल छत्रपति शिवाजी में 11वीं क्लास की 16 साल की छात्रा वृंदा त्रिपाठी की गश खाकर बेहोश होने और दस मिनट में ही मौत होने के कारण का खुलासा हो गया है। पोस्टमार्टम के बाद आई रिपोर्ट में सामने आया है कि कार्डियक अरेस्ट से ही मौत हुई है। इसी बात की आशंका डॉक्टर जाहिर भी कर रहे थे। इसकी वजह सामने आई है कि 25 जनवरी को ठंड काफी थी, लेकिन वृंदा ने केवल पतला ट्रैक सूट पहना हुआ था, पेट भी खाली था, केवल सेव-परमल ही खाए थे। ठंड के कारण धमनियां सिकुड गई थी, जिसके कारण दिल को ब्लड़ पंप करने के लिए अधिक ताकत लगी। इसके चलते कार्डियक अरेस्ट हो गया, जिससे मौत हुई। पोस्टमार्टम करने वाले डॉ. भरत वाजपेयी ने कहा कि मौत का कारण कार्डियक अरेस्ट ही सामने आया है।
25 जनवरी के दिन ये हुआ था
वृंदा 25 जनवरी की दोपहर में अपने साथियों के साथ बात कर छुट्टी के बाद हंसते हुए बाहर आ रही थी, अचानक गश खार वह गिर गई। स्कूल के टीचर्स उसे तत्काल पास के एक निजी अस्पताल में ले गए, लेकिन वहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। यह घटनाक्रम मात्र दस मिनट का है। परिजनों ने वृंदा की आंखे दान में दी है। वृंदा गणतत्रं दिवस के कार्यक्रम के लिए तैयारी कर रही थी वह इसमें एंकरिंग करने वाली थी। परिजनों के अनुसार उसे कोई बीमारी नहीं थी।
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अब 31 साल के युवा की भी मौत
उधर लसूडिया थाना क्षेत्र में 31 साल के एजुकेशन कंसल्टेंट अंकित शर्मा की भी हार्ट अटैक से मौत हो गई। काम करने के दौरान ही वह गिर पड़ा, उसे पास के निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां मौत हो गई। देखने में आ रहा है कि ठंड के सीजन में शहर में हार्ट अटैक का खतरा लगातार बढ़ रहा है। इसे कई डॉक्टर पोस्ट कोविड इफैक्ट भी मान रहे हैं। हाल ही में 60 घंटे में इंदौर में 11 लोगों की अटैक से मौत हुई थी जिसमें कई युवावस्था के ही थे। इंदौर में हुए वनडे मैच के दौरान ड्यूटी करने वाले पुलिस अधिकारियों की भी तबीयत बिगड़ी थी।
ठंड में हार्ट अटैक का खतरा 30 फीसदी बढ़ जाता है
डॉक्टरों के अनुसार ठंड में हार्ट को अधिक पंप करना पड़ता है, क्योंकि धमनी का आकार सिकुड़ जाता है। इससे अतिरिक्त प्रेशर बढ़ता है। वहीं ठंड के दौरान ब्लाकेज की समस्या भी बढ़ती है। उधर खानपान भी लोगों का बढ़ जाता है, इससे भी बीपी बढ़ता है और अटैक का खतरा बढ़ जाता है। डॉक्टरों के अनुसार लोग ठंड में पानी कम पीते हैं, इससे डिहाइड्रेशन के चलते भी क्लाटिंग का खतरा होता है। इन सभी वजहों के साथ कोरोना के बाद हार्ट क्षमता प्रभावित हुई है। इन सबके चलते दिल को लेकर अधिक अलर्ट रहने की जरूरत होती है।
ये करना जरूरी है हार्ट के लिए
रेगुलर चेकअप कराएं, पानी अधिक पिएं, गर्म पेय पदार्थ लेना चाहिए, अधिक ठंडा पानी नहीं पीना चाहिए, नमक कम खाएं, शराब और धूम्रपान से बचें, कोलेस्ट्रॉल और बीपी पर नजर रखें, सीने में दर्द होने पर तत्काल डॉक्टर को दिखाएं।