योगेश राठौर, INDORE. इंदौर में कार्डियक अरेस्ट से 38 साल के युवा डॉक्टर की मौत हो गई है। इससे स्वास्थ्य जगत हैरान है। स्वास्थ्य विभाग में काम करने वाले एनेस्थेटिक डॉ. राधेश्याम जाट की मौत ने सभी को हिला दिया है। वहीं जब पोस्टमार्टम हुआ तो उनके दिल का वजन 500 ग्राम आया, जो सामान्य से 40 फीसदी ज्यादा है। सामान्य पुरूष के दिल का वजन 350 ग्राम के करीब ही होता है। पीएम करने वाले डॉक्टरों का कहना है कि बड़े दिल के चलते ऑक्सीजन की ज्यादा मात्रा लगती है, ऐसे में कार्डियक अरेस्ट और घातक हो जाता है।
बिगड़ती जीवन शैली को बड़ी वजह बता रहे डॉक्टर
आईएमए के पूर्व प्रेसीडेंट डॉ. संजय लोढें का कहना है कि सबसे बड़ा कारण हमारी बिगड़ी हुई अनियमित जीवन शैली है। इसके चलते बेवजह तनाव लेना, हमेशा भाग दौड़ में लगे रहने के चलते आम व्यक्ति और यहां तक कि डॉक्टर जैसा जागरूक व्यक्ति भी स्वास्थ्य पर ध्यान नहीं दे रहा है।
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लगातार काम करते थे डॉक्टर जाट
डॉ. जाट के बारे में भी ये जानकारी है कि वे लगातार काम करते थे, कोरोना के दौरान भी अस्पताल खोला था और कई लोगों का इलाज किया था। ये सब उनकी मौत की वजह बनी, क्योंकि ऐसा नहीं होता कि शरीर एकदम साथ छोड़ दे वो सिग्नल देता है, लेकिन लोग उस ओर ध्यान देकर चेकअप भी नहीं कराते हैं।
महू के सरकारी अस्पताल में पदस्थ थे
डॉ. जाट महू के सरकारी अस्पताल में पदस्थ थे, वे मूल रूप से बदनावर के रहने वाले थे। उन्होंने भोपाल से एमबीबीएस करने के बाद इंदौर से पीजी किया था। इंदौर में एक अस्पताल भी चलाते थे। बताया जा रहा है कि वे नाइट ड्यूटी करके लौटे थे, सुबह 5 बजे उन्हें घबराहट हुई, तो अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई।
महानायक अमिताभ भी कहकर गए थे हेल्थचेकअप जरूरी
2 दिन पहले सदी के महानायक अमिताभ बच्चन इंदौर में एक निजी अस्पातल के उद्घाटन में आए थे, तब उन्होंने कहा था कि नियमित हेल्थ चेकअप जरूर कराएं, क्योंकि इसी के कारण मैं भी आप सभी के सामने जिंदा खड़ा हूं, इससे ही आपकी बीमारी पता चलेगी और तभी इलाज हो सकेगा।