योगेश राठौर, INDORE. यहां बेलेश्वर महादेव मंदिर में रामनवमीं (30 मार्च) को बावड़ी की छत धंसने से हुए हादसे के 4 दिन बाद 4 अप्रैल को प्रशासन सख्त कार्रवाई की। नगर निगम ने 3 अप्रैल (सोमवार) सुबह 5.30 बजे बेलेश्वर मंदिर हटाने की कार्रवाई की गई। बावड़ी पर पहले से बने मंदिर पर तो बुलडोजर चला ही, नए निर्माण को भी गिरा दिया गया। बावड़ी को भी भर दिया गया है। नगर निगम अमले में 4 अन्य जगह भी कार्रवाई की।
नोटिस देर रात ही मंदिर परिसर में चस्पा कर दिया था। अमला पुलिस बल सुबह 5 बजे ही मौके पर पहुंच गया और सुबह साढ़े 5 से 6 के बीच में बुलडोजर चलना शुरू हो गया। हादसे को लेकर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने सख्त निर्देश दिए थे। वहीं, पूर्व सीएम कमलनाथ ने 7 दिन में अतिक्रमण नहीं हटाने पर कोर्ट जाने की चेतावनी दी थी।
और अवैध निर्माण पर चल गया बुलडोजर
#WATCH | Madhya Pradesh: Indore municipality deploys bulldozer & demolishes illegal structure at Indore temple where 36 people died after the stepwell collapse there last week. pic.twitter.com/gpRJB6zWhN
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) April 3, 2023
कार्रवाई को लेकर हिंदू संगठनों का विरोध
कार्रवाई के दौरान भारी पुलिस बल लगाया गया था। इस बार कोई नेता तो बीच में नहीं आया, लेकिन हिंदू संगठनों, खासकर बजरंग दल की ओर से, विरोध देखा गया। पुलिस ने उन्हें पास में नहीं फटकने दिया, जिसके बाद वह सड़क पर ही बैठ गए। इसके सात ही निगम ने कुल चार अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की। मंदिर की मूर्तियों को पहले हटाया गया और इसे कार से लेकर गए, जिसे किसी धर्मस्थल पर रखा जाएगा। इस दौरान निगम रिमूवल अधिकारी लता अग्रवाल, अपर कलेक्टर डॉ. अभय बेडेकर व अन्य अधिकारी उपस्थित थे। इस दौरान बगीचे में अंदर सर्वेंट क्वार्टर के नाम पर बने बीजेपी पार्षद के दफ्तर को छुआ भी नहीं गया। यह कार्रवाई पटेल, स्नेह नगर गार्डन, जहां हादसा हुआ था, वहां हुई। दूसरी कार्रवाई ढक्कन वाला कुआं, तीसरी कार्रवाई सुखलिया ओर चौथी कार्रवाई गाड़राखेड़ी में की गई। 5 पोकलेन और चार थानों के पुलिस बल के साथ यह कार्रवाई की गई।
रहवासी बोले थे- जब मंदिर की घंटी बजेगी, अपनों की याद आएगी
पूर्व सीएम कमलनाथ के दौरे के समय स्थानीय रहवासियों ने मंदिर अतिक्रमण को लेकर विरोध जताया था। लोगों ने कहा था कि यह अतिक्रमण हटना चाहिए, हम जब भी मंदिर की घंटियों की आवाज सुनेंगे तो अपनों की याद आएगी, क्योंकि मंदिर के सामने वाले घरों से ही कई लोगों ने अपनों को खोया है।
रामनवमी के दिन बावड़ी धंसने के हादसे में यहां 54 लोग बावड़ी में गिर गए थे, जिसमे से 36 लोगों की जान चली गई थी और 18 को बचा लिया गया था। इसके बाद से ही पूरे शहर में गुस्सा देखा जा रहा है।
कार्रवाई रुकवाने के लिए लोग विजयवर्गीय तक से मिले
वहीं, मंदिर में अतिक्रमण कार्रवाई को रुकवाने के लिए कुछ लोग बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय से भी मिले थे। लोगों का कहना था कि मंदिर काफी पुराना है और इसके प्रति लोगों में श्रद्धा है और यहां लोग दर्शन करने पूजा करने आते हैं।
ऐसे चली नोटिस पर कार्यवाही
नगर निगम ने इस मंदिर को लेकर अप्रैल 2022 में पहला नोटिस भेजा था, लेकिन तब मंदिर ट्रस्ट ने यह जवाब भेज दिया था कि नोटिस को रद्द कर दीजिए, क्योंकि इससे मंदिर से जुड़े हिंदुओं की भावनाएं भड़क सकती है और रहवासी अशांत हो सकते हैं। इसके बाद निगम ने जवाब नामंजूर करते हुए 30 जनवरी 2023 को फिर फाइनल आदेश जारी किया, लेकिन इसके बाद निगम ने चुप्पी साध ली।