संजय गुप्ता, INDORE. मतदाता सूची में संशोधन के बाद अंतिम प्रारूप जारी हो गया है। इसमें दो विधानसभाओं को छोड़कर जिले की बाकी सात विधानसभा में मतदाता संख्या में हार-जीत के लिहाज से बड़ा बदलाव देखा जा रहा है। कुल मतदाता 69 हजार 577 बढ़े हैं, जिसमें सबसे ज्यादा मतदाता विधानसभा राउ में 17 हजारा 884 बढ़ गए हैं, जो कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी की विधानसभा है, इसका सबसे बड़ा कारण इस क्षेत्र में तेजी से बढ़ती टाउनशिप की संख्या है। सामान्य तौर पर शहरी मतदाताओं को बीजेपी के झुकाव वाला माना जाता है, ऐसे में ये बढ़ी हुई संख्या पटवारी के लिए परेशान करने वाली है। बीते हार-जीत के आंकड़े को देखें तो वे साल 2018 के चुनाव में 5 हजार 703 वोट से ही जीते थे। वहीं सामान्य तौर पर शहरी मतदान केंद्रों से बीजेपी वैसे ही लीड लेकर चलती रही है।
मंत्री सिलावट को मिल सकता है लाभ
उधर पटवारी मुश्किल में हैं तो कभी उनके साथी रहे और अब बीजेपी में शामिल सांवेर विधायक और मंत्री तुलसी सिलावट की विधानसभा में 10 हजार 603 मतदाता बढ गए हैं। इसका भी कारण इस एरिया में तेजी से बढ़ती टाउनशिप है। साल 2018 चुनाव में जहां वे 3 हजार से कम वोट से जीते थे वहीं उपचुनाव में वे 50 हजार से ज्यादा वोट से जीते थे। अब यह मतदाता बढ़ने के बाद शहरी मतदान केंद्रों से वे और अधिक फायदा उठाने की स्थिति में हो सकते हैं।
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विधायक विजयवर्गीय की विधानसभा और छोटी हुई
जिले की सबसे छोटी विधानसभा 3 है, जहां से बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बेटे आकाश विजयवर्गीय विधायक हैं। इस विधानसभा में मतदाताओं की संख्या 142 कम हो गई है, यहां मतदाता पहले से ही कम थे और हार-जीत का अंतर भी कम ही होता है। बीते चुनाव में आकाश 5 हजार 751 वोट से जीते थे।
विधानसभा 1 और 5 में बढ़े मतदाता किसके
विधानसभा एक और पांच में इस बार मतदाताओं का गणित दोनों दलों को परेशान कर सकता है। विधानसभा पांच में बीते चुनाव में बीजेपी के महेंद्र हार्डिया केवल 1 हजार 132 वोट से जीते थे, वहीं नई मतदाता सूची के बाद यहां मतदाता 10 हजार 998 बढ़ गए हैं, जो किसी भी दल के पक्ष में जाकर दोनों दलों के हार-जीत के गणित बदल सकते हैं। बीजेपी के झुकाव वाले मतदाता हुए तो जीत का अंतर बढेगा, वहीं कांग्रेस के झुकाव वाले हुए तो साल 2003 के बाद कांग्रेस इस सीट को अपने पाले में करने में सफल हो सकेगी। उधर विधानसभा एक में 6 हजार 864 मतदाता बढ गए हैं। जो हार-जीत में अहम साबित होंगे, क्योंकि यहां भी बीते चुनाव में कांग्रेस के संजय शुक्ला 8 हजार 163 वोट से जीते थे और ये बढ़े मतदाता दोनों दलों के लिए निर्णायक साबित होंगे।
विधानसभा 2-4, महू में असर नहीं, देपालपुर में होगा
विधानसभा दो में 5 हजार 75 मतदाता और विधानसभा चार में 10 हजार 984 मतदाता बढ़े हैं, लेकिन दोनों ही भारी वोट से बीजेपी की जीत वाली सीट है, विधानसभा दो में रमेश मेंदोला 71 हजार से तो चार में मालिनी गौड़ 43 हजार से जीती थी। महू में केवल 705 मतदाता बढ़े हैं, ऐसे में यहां कोई ज्यादा प्रभाव नहीं होगा। हालांकि देपालपुर में 6 हजार 864 मतदाता बढ़ गए हैं। पटेल बीते चुनाव में बीजेपी के मनोज पटेल से 9 हजार 44 वोट से जीते थे। ऐसे में कांग्रेस के वर्तमान विधायक विशाल पटेल और बीजेपी के हारे प्रत्याशी मनोज पटेल दोनों के लिए यह मतदाता अहम साबित होंगे।
विधानसभावार इतने मतदाताओं में हुआ बदलाव
विधानसभा चुनाव 2018 के समय जिले में कुल 24.81 लाख मतदाता थे, वहीं निगम चुनाव के समय जुलाई 2022 के समय 25.53 लाख मतदाता थे। वहीं अब पांच जनवरी 2023 को जारी नई मतदाता सूची के तहत इंदौर जिले में कुल 26 लाख तीन हजार 285 मतदाता हो गए हैं, इसमें पुरूष 13.25 लाख तो महिला मतदाता 12.77 लाख है, वहीं थर्ड जेंडर के 103 मतदाता है। साल 2013 के चुनाव के समय जिले में 21.67 लाख मतदाता थे।
विधानसभा पूर्व में मतदाता अब मतदाता इतने बढ़े
देपालुपर 2.45 लाख 2.51 लाख 6606
विधानसभा एक 3.41 लाख 3.47 लाख 6864
विधानसभा दो 3.29 लाख 3.34 लाख 5075
विधानसभा तीन 1.81 लाख 1.81 लाख 142 कम हुए
विधानसभा चार 2.20 लाख 2.31 लाख 10984
विधानसभा पांच 3.77 लाख 3.88 लाख 10998
महू विधानसभा 2.57 लाख 2.58 लाख 752
राउ विधानसभा 3.07 लाख 3.25 लाख 17884
सांवेर विधानसभा 2.72 लाख 2.83 लाख 10603
युवा नहीं मिड ऐज 30 से 49 साल के मतदाता 50 फीसदी यही होंगे निर्णायक
जिले में उम्र वार मतदाताओं की संख्या की बात करें तो नए मतदाता 18-19 साल के 28 हजार 265 है। वहीं 20 से 29 साल के 5.37 लाख है। वहीं मिड ऐज 30 से 49 साल के मतदाता 12 लाख 88 हजार 233 है जो कुल मतदाता का करीब 50 फीसदी होता है। यानी यह मतदाता पूरे चुनाव में निर्णायक साबित होंगे। क्योंकि वोट डालने वाला हर दूसरा मतदाता इसी उम्र कैटेगरी में से होगा। इसमें 30 से 39 साल वाले 7.17 लाख तो 40 से 49 साल वाले 5.70 लाख मतदाता हैं। वहीं सीनियर सिटीजन 60 से ज्यादा उम्र वाले मतदाता जिले में साढ़े तीन लाख है।
उम्र के हिसाब से मतदाता
18-19 उम्र- 28265
20-29 साल- 5.37 लाख
30-39 साल- 7.17 लाख
40-49 साल- 5.70 लाख
50-59 साल- 3.76 लाख
60-69 साल- 2.16 लाख
70-79 साल- 1.02 लाख
80 से ज्यादा- 34469
महिलाओं ने ज्यादा जुड़वाए नाम
जिले की मतदाता सूची में नाम जुडवाने के लिए 1.48 लाख आवेदन सही पाए गए, इसमें पुरूषों की तुलना में महिलाओ के ज्यादा आवेदन रहे। पुरूष के आवेदन 71 हजार तो महिलाओं के 77 हजार थे। जिन्होंने मतदाता सूची में नाम जुड़वाए हैं।