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संजय गुप्ता. INDORE. कांग्रेस के शहर अध्यक्ष पद को लेकर चल रही उठा-पटक के बीच 24 जनवरी मंगलवार को जहां विनय बाकलीवाल ने 40 कारों के साथ अपने समर्थक भोपाल जाकर शक्ति प्रदर्शन किया, वहीं अब अरविंद बागड़ी के लिए अग्रवाल समाज ने ताल ठोकी है। शहर के विविध 120 अग्रवाल संगठनों की प्रतिनिधि शीर्ष संस्था अग्रवाल समाज केन्द्रीय समिति ने इस तरह के व्यवहार को लेकर आक्रोश जताया है और उनके लिए पूर्व सीएम कमलनाथ से फैसले पर पुनर्विचार की मांग करते हुए शहर कांग्रेस की बागडोर अरविंद बागड़ी को सौंपने के अपने निर्णय को बहाल करने की अपील की है।
समाज के पदाधिकारियों ने कहा ये पूरे समाज का अपमान
अग्रवाल समाज केन्द्रीय समिति के अध्यक्ष राजेश बंसल, महामंत्री पवन सिंघल, पूर्व अध्यक्ष कुलभूषण मित्तल कुक्की, संजय बांकड़ा, किशोर गोयल, पीडी अग्रवाल महू वाले, संतोष गोयल समेत कई अग्रवाल संगठनों के प्रतिनिधियों ने कहा कि बागड़ी पिछले तीन दशकों से सार्वजनिक क्षेत्र में समर्पित और निस्वार्थ भाव से काम करने वाले ऐसे कांग्रेस कार्यकर्ता हैं। उन्होंने युवक कांग्रेस और ब्लॉक कांग्रेस से अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत कर मतदाता पर्चियां बांटने से लगाकर हर चुनाव में कांग्रेस के समर्थन में तन, मन, धन से काम किया है। ऐसे कार्यकर्ता को पहले पद देकर, कुछ ही घंटों में उनकी नियुक्ति को होल्ड पर रखने से शहर के कांग्रेस समर्थित समाजबंधु स्वयं को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। ये अग्रवाल समाज के समर्पित सेवाभावी के साथ ही समूचे समाज के लिए भी अपमानजनक स्थिति है। ये बागड़ी का नहीं, कांग्रेस के हर उस कार्यकर्ता के लिए भी अपमानजनक है, जिसने अपने खून-पसीने से पार्टी को सींचा है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में मनोज अग्रवाल, नितिन अग्रवाल, बालकिशन अग्रवाल मूसाखेड़ी, राजेश मित्तल, रवि अग्रवाल, अरविंद अग्रवाल, संजय गर्ग तोड़ीवाला, मनोज बंसल, आशीष गर्ग, राजेश मंगल समेत कई संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद रहे।
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बागड़ी के सिवा किसी और के साथ भी होता तो विरोध करते
पदाधिकारियों ने कहा कि समाज किसी भी दल के समर्थन या विरोध की बात नहीं करते हुए इस मामले में अरविंद बागड़ी के साथ हुए व्यवहार पर अपनी नाराजगी व्यक्त कर रहा है। अरविंद बागड़ी की जगह किसी और दल के समाज बंधु के साथ इस तरह का बेहूदा मजाक होता तो समिति के पदाधिकारी उसका भी विरोध करते।
बागड़ी पर आरोपों के लिए यह दी सफाई
बागड़ी पर आरोप लगे हैं कि वह बीजेपी के समर्थक होकर फूलछाप कांग्रेसी है और जमीन घोटालों में भी उनका नाम है। इस पर पदाधिकारियों ने कहा कि व्यक्तिगत तौर पर हर कांग्रेस के नेता के बीजेपी नेताओं से मधुर रिश्ते होते ही हैं। बागड़ी ने अपने इन रिश्तों से समाज को भी कई अवसरों पर लाभांवित किया है। वरिष्ठ नेता भी अक्सर राजनीति से ऊपर उठकर समाज सेवा की बात करते हैं फिर बागड़ी पर बीजेपी प्रेम का कथित आरोप प्रासंगिक नहीं लगता। जमीन घोटालों में उनका नाम आने पर द सूत्र के सवाल पर कुलभूषण मित्तल ने कहा कि लांछन तो पीएम पर भी लोग लगाते हैं, प्रशासन जांच करा ले, क्या कौन सा जमीन घोटाला किया है।
जमीन घोटाले को लेकर ये है आरोप
आरोप है कि अक्षरधाम सोसायटी अध्यक्ष राम ऐरन, सचिव किशोर गोयल, कोषाध्यक्ष कुलभूषण मित्तल, उपाध्यक्ष रमेश जैन, राधेस्याम बांकडा ने अक्षरधाम सोसायटी की रसीदों पर अमृता, गणपति, मेघना गृह निर्माण सोसायटी के सदस्यों से रुपए तो लिए लेकिन जमीन किसी और को बेच दी। इन सभी सदस्यों से ढाई लाख रुपए प्रति प्लाट और विकास शुल्क भी लिया है। इस सोसायटी का कहीं कोई खाता भी नहीं खुलवाया गया था। आपस में जमा राशि बांट ली गई। अपर कलेक्टर डॉ. अभय बेड़ेकर इनकी जांच कर रहे हैं और नोटिस भी जारी हुए हैं। इस मामले में बागड़ी पर आरोप है कि उन्होंने ही किसानों से जमीन का सौदा करवाया था और बगीचे की जमीन भी हथिया कर बेच दिया।
अग्रवाल समाज को एक बार ही अध्यक्ष पद मिला
अग्रवाल समाज अध्यक्ष राजेश बंसल ने बताया कि अब तक जिले में 68 शहर एवं जिला कांग्रेस अध्यक्ष रहे हैं और उनमें से केवल एक स्व. श्री रामचंद्र अग्रवाल ही जिला अध्यक्ष पद पर रह चुके हैं। इनके अलावा अग्रवाल समाज को अब तक कांग्रेस ने कभी महत्व नहीं दिया। यह पहला मौका है जब अग्रवाल समाज के बंधु को यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई है।
उधर महेंद्र जोशी के हाथ कमान
विवादों के बाद प्रदेश कांग्रेस ने जिले के कांग्रेस प्रभारी महेंद्र जोशी को ही इंदौर शहर का प्रभार संभालने के आदेश जारी कर दिए हैं, यानि अब ना बागड़ी और ना ही बाकलीवाल शहराध्यक्ष के प्रभार पर है। जोशी ने द सूत्र से चर्चा में कहा कि पार्टी में छोटी-मोटी बात चलती रहती है, मैं दैनिक काम देखूंगा, मुझे लगता है कि भारत जोड़ो यात्रा के बाद 30 जनवरी के बाद यह फैसला हो जाएगा।
बाकलीवाल की कमलनाथ से हुई मुलाकात
उधर मंगलवार को 45 गाड़ियों में समर्थकों के साथ भोपाल पहुंचे विनय बाकलीवाल को दिन में कमलनाथ से जमकर फटकार मिली और बागड़ी के पुतले फूंकने, विरोध प्रदर्शन को लेकर नाराजगी जाहिर की और कहा कि इस तरह की अनुशासनहीनता सहन नहीं करूंगा, चुनाव को केवल आठ माह बाकी है। बाद में देर शाम समर्थकों के लौटने के बाद बाकलीवाल और कमलनाथ की फिर से मुलाकात हुई, इसमें कमलनाथ ने बाकलीवाल को बंद कमरे में समझाइश दी और कहा कि पार्टी चुनाव को देखते हुए फैसला करेगी, क्योंकि इंदौर पार्टी के लिए काफी अहम है, तब तक कोई अनुशासनहीनता नहीं होना चाहिए।