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संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर नगर निगम और इसके अधिकारियों की कार्यशैली के चलते पीपुल्स डीएम की पहचान रखने वाले इंदौर कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी उलझ गए हैं। वार्ड 81 में बुधवार (17 मई) को सूर्यदेवगर में निर्माणाधीन शिव मंदिर पर जिस तरह तोड़ा गया, उससे बीजेपी के निशाने पर अधिकारी तो आए ही, इसके एक दिन पहले 16 मई मंगलवार को नगर निगम ने बावड़ी हादसे वाले मंदिर श्री बेलेश्वर महादेव झूलेलाल के अस्थाई बन रहे शेड को तोड़ने के लिए भी बुलडोजर पहुंचा दिया। रहवासियों ने विरोध कर उन्हें वहां से भगा दिया। लेकिन अब मंदिर समिति ने इस पूरी कार्यवाई के खिलाफ आमरण अनशन की घोषणा कर दी है।
क्यों कलेक्टर का नाम लिया जा रहा है?
बुधवार (17 मई)के दिन हुए दोनों मामलों से नगर निगम के अधिकारियों के चलते इंदौर कलेक्टर से सवाल पूछे जा रहे हैं? क्योंकि सूर्यदेव नगर में तो निगम के अधिकारियों ने सीधे ही सभी को बोल दिया की कलेक्टर के आदेश पर मंदिर तोड़ा। इसकी वजह है कि मंगलवार ( 16 मई) को जनसुनवाई में एक रहवासी ने शिकायत की थी कि बगीचे में बन रहे मंदिर के गुंबद की परछाई से उसके घर पर छाया पड़ रही है। कलेक्टर ने शिकायत को निगम में फॉरवर्ड किया था और निगम ने अगले दिन ही मंदिर तोड़ दिया। उधर, श्री बेलेशवर महादेव मंदिर पर पहले भी कार्रवाई प्रशासन की उपस्थिति में हुई थी। ऐसे में वहां भी संदेश यही गया है कि अस्थाई शेड़ तोड़ने के लिए भी बुलडोजर प्रशासन के कहने पर ही वहां पहुंचा था। वहीं दोनों ही मामलों में निगयायुक्त हर्षिका सिंह ने चुप्पी साध ली है और सवालों को बाद में बात करने का बोलकर टाल रही है।
एमआईसी सदस्य के विरोध के बाद भी केवल कार्यभार बदला
सूर्यदेव नगर में शिव मंदिर को बनाने में रहवासियों ने छोटी-छोटी राशि का चंदा किया था। यह वार्ड एमआईसी सदस्य बबलू शर्मा का है। कार्रवाई की जानकारी किसी जनप्रतिनिधि के साथ उनके भी नहीं थी। घटना के बाद वह विरोध के लिए पहुंचे और अधिकारियों को लेकर जमकर खरी-खोटी सुनाई कि वह किसी के बस में नहीं है। विरोध के बाद भवन अधिकारी अनूप गोयल और भवन निरीक्षक दिलीप गरकड़े का केवल कार्यभार बदल गया और निलंबन की मांग को भी निगमायुक्त हर्षिका सिंह ने कोई तवज्जो नहीं दी। महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने भी घटना की निंदा की लेकिन कठोर कार्रवाई वह भी नहीं करवा सके। हालांकि अब दूसरे धर्म के धार्मिक स्थल जो अवैध है, उन पर कार्रवाई की मांग उठी है, जिसके बाद सूर्यदेव नगर में ही बनी दरगाह को पुलिस ने सुरक्षा दे दी। उधर, विधानसभा राउ में पड़ने वाले सूर्यदेवनगर में स्थानीय कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने नहले पर दहला जड़ते हुए रहवासियों को फिर से मंदिर बनाने के लिए ढाई लाख राशि का दान दे दिया। उधर, बीजेपी इस मामले में अधिकारियों से भी पिट गई और रहवासियों से भी विरोध सहना पड़ रहा है।
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श्री बेलेश्वर महादेव मंदिर में 21 मई को विरोध आंदोलन
इधर श्री बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर (पटेल नगर) में 30 मार्च रामनवमी को हुए बावड़ी हादसे के बाद प्रशासन ने तीन अप्रैल को मंदिर तोड़ दिया था। इस पर विरोध के बाद सीएम ने फिर से मंदिर बनाने की घोषणा की और विधायक मालिनी गौड़ के साथ सीएम से मिलने पहुंचे मंदिर समिति के सदस्यों को आश्वासन दिया कि समिति का गठन कर लो, मंदिर फिर से बनाइए। मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद मंदिर निर्माण और रखरखाव के लिए मंदिर में नित्य दर्शन करने वाले और आयोजनों में सक्रिय व्यक्तियों की एक समिति बनाई गई और मंदिर का निर्माण होने तक सभी भगवानों की मूर्तियों की पूजा अर्चना और उनकी सेवा आदि की व्यवस्था के लिए एक अस्थाई शेड का निर्माण किया गया। समिति प्रमुख ललित परानी बताते हैं कि निर्माण के उपरांत कलेक्टर से मूर्तियां देने की मांग की गई ताकि उन्हें व्यवस्थित अस्थाई मंदिर में स्थापित किया जा सकें। फिलहाल मूर्तियां कांटा फोड़ मंदिर में भूखी प्यासी कबाड़ के रूप में पड़ी है। बावजूद इसके नगर निगम द्वारा दिनांक 16 मई को अस्थाई शेड को तोड़ने के लिए जेसीबी और कर्मचारी भेज दिए। लेकिन श्रद्धालु के विरोध को देखते हुए नगर निगम के लोग वहां से निकल गए। इसके बाद बेलेश्वर मंदिर परिसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने पहुंचकर महाआरती की। बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि प्रशासन से हम अपनी मंदिर की मूर्तियां वापस मांगे, मूर्तियां लेने के लिए हम समिति के लोग सिंधी कॉलोनी से जुलूस के रूप में दिनांक 21 मई रविवार को सुबह 9 बजे मंदिर मूर्तियां लाकर मूर्तियां की स्थापना करेंगे और मंदिर के निर्माण के लिए जमीन का सीमांकन करेंगे। प्रशासन ने मूर्तियां देने से इनकार किया तो संजय भाटिया,वार्ड 65 के पार्षद कमलेश कालरा, ललित पारानी, हरीश भाटिया, मनीष रीझवानी सहित 15 लोग आमरण अनशन पर बैठेंगे।