इंदौर में कांग्रेस नेता पंकज संघवी पर मृतकों के कूटरचित दस्तावेज से जमीन हथियाने पर आरोप, धोखाधड़ी का केस दर्ज

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Neha Thakur
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इंदौर में कांग्रेस नेता पंकज संघवी पर मृतकों के कूटरचित दस्तावेज से जमीन हथियाने पर आरोप, धोखाधड़ी का केस दर्ज

संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर में कांग्रेस नेता पंकज संघवी द्वारा कूटरचित दस्तावेज से जमीन हथियाने के मामले पर भंवरकुआं थाने में  मामला दर्ज हुआ है। उन पर आरोप हैं कि एक संस्था के मृतकों सदस्यों के कूटरचित हस्ताक्षर के जरिए उन्होंने करोड़ों की जमीन हथिया ली है। साथ ही गुंडों के जरिए इस जमीन पर कब्जा भी कर लिया है। इससे संबंधित शिकायत पहले भी तत्कालीन पुलिस आयुक्त हरिनारायण चारी मिश्र के पास पहुंच चुकी है। जांच के आदेश के बाद पुलिस ने संघवी पर केस दर्ज किया था।



यह है मामला



डॉ. आरएस माखीजा, डॉ. अरुण पटवा और डॉ. रमेश बदलानी की शिकायत पर यह केस हुआ है। इसमें है कि संघवी ने गुरुहरकिशन मेडिकोज स्कूल समिति दो मृत सदस्यों बलवीर सिंह माखिजा और जसवीर सिंह छथाबड़ा के हस्ताक्षर किए हुए दस्तावेज रजिस्ट्रार के पास पेश किए गए। यह दस्तावेज फर्जी है, क्योंकि माखिजा की 1996 में और चावला की 2008 में मौत हो चुकी है। इनके माध्यम से संघवी ने एबी रोड स्थित भोलाराम उस्ताद मार्ग पर समिति की 24,415 वर्गफीट जमीन ले ली। यह प्लॉट समिति ने शिक्षण काम के लिए रखा हुआ था। बाद में इस जमीन पर गुंडों के माध्यम से कब्जा भी कर लिया। इस जगह पर जमीन की वर्तमान कीमत 15 हजार वर्गफीट के करीब है। यानि इस हिसाब से जमीन की कीमत 35 करोड़ के करीब होती है।



संघवी ने दी सफाई, मैंने सही तरीके से खरीदी



उधर पंकज संघवी ने इस मामले में सफाई दी है कि मैंने संस्था से 1998 में जमीन सही तरीके से खरीदी है। इसका साल 2001 से मैं निगम में टैक्स भी दे रहा हूं पहले यहां कुछ लोगों के कब्जे थे, मैंने उन्हें 22.50 लाख रुपए देकर मुक्त कराया था। यह जमीन मुझे कोर्ट के आदेश से मिली है तो फिर इसमें फर्जी हस्ताक्षर की तो बात ही नहीं आती है।



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लोकसभा से लेकर महापौर सभी चुनाव हारे संघवी



संघवी पुराने कांग्रेस नेता हैं जिन्हें पार्टी ने लोकसभा, विधानसभा से लेकर महापौर तक के चुनाव का टिकट दिया है, लेकिन हर चुनाव में उन्हें हार ही मिली है। वह केवल पार्षद का ही चुनाव जीत पाए थे। उनके भाई सुरेंद्र संघवी पर पहले ही सोसायटी की जमीन को हथियाने को लेकर एफआईआर दर्ज है, जिसमें वह पहले कई दिनों तक फरार रहे और बाद में जमानत पर रिहा हुए।


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