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संजय गुप्ता, INDORE. शहर के जाने-माने कारोबारी, शिक्षाविद और श्री वैष्णव विद्यापीठ यूनिवर्सिटी के चांसलर पुरुषोत्तम पसारी और उनके भाई विष्णु पसारी 28850 रुपए की छात्रवृत्ति मामले में उलझ गए हैं। इस मामले में लोकायुक्त पुलिस चालान पेश कर रही है। इसी के चलते दोनों भाइयों को गिरफ्तारी का डर सता रहा है। इससे बचने के लिए उन्होंने पहले स्पेशल जज के पास अग्रिम जमानत का आवेदन भी लगाया था, जिसमें कहा गया कि आवेदक को गिरफ्तार किए जाने की आशंका प्रबल है। हमने जांच में पूरा सहयोग किया है और फर्जी शिकायत है, इसलिए अग्रिम जमानत दी जाए।
विशेष न्यायाधीश ने आर्थिक अपराध की गंभीरता को देखते हुए 10 अक्टूबर को यह आवेदन खारिज कर दिया गया था। इसके बाद उन्होंने इसकी अपील हाईकोर्ट बेंच में यह कहते हुए की थी कि उनका इस राशि से कोई लेना-देना नहीं है और अभी तक लोकायुक्त द्वारा पूरी जांच के दौरान उन्हें गिरफ्तार भी नहीं किया गया है, जांच में हमने पूरा सहयोग दिया है। हाईकोर्ट ने फिलहाल उन्हें अग्रिम जमानत दे दी है।
आरोप- अज्ञात छात्रा के एडमिशन के नाम पर ली गई स्कॉलरशिप
लोकायुक्त ने छात्रवृत्ति को लेकर आई शिकायत के आधार पर कॉलेज प्राचार्य पंकज शर्मा, श्री वैंकेटेशवर इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी के संचालक पुरुषोत्तम दास पसारी और उनके भाई विष्णु पसारी के खिलाफ धारा 420, 406, 467, 468 व 471 के तहत अपराध क्रमांक 250/2015 दर्ज किया था। आरोप है कि सत्र 2011-12 के दौरान अज्ञात छात्रा अमृता राय का बीई में एडमीशन हुआ। इसका एडमिशन दिखाकर शासन से फर्जी दस्तावेजों के आधार पर अल्पसंख्यक कल्याण विभाग से 28 हजार 850 रुपए की स्कॉलरशिप ले ली गई। 3 साल तक इस राशि का इस्तेमाल किया, लेकिन जब शिकायत हुई तो संस्था द्वारा इसे शासन को वापस किया गया। शिकायतकर्ता का कहना था कि इससे खुद ही साबित होता है कि उन्होंने फर्जी तरीके से यह छात्रवृत्ति ली थी।